चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ ने वरिष्ठ वकीलों से कहा है कि वे जूनियर वकीलों के प्रति पितृसत्तात्मक दृष्टिकोण त्याग दें और उन्हें उचित मेहनताना जरूर दें।

मद्रास हाई कोर्ट की मदुरै पीठ की स्थापना की 20वीं वर्षगांठ के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में सीजेआई ने यह बात कही।

सीजेआई ने अपने भाषण में एंट्री लेवल जूनियर वकीलों को मिलने वाले मामूली वेतन के मुद्दे को उठाया। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि सीनियर एडवोकेट्स को जूनियर वकीलों के प्रति इस तरह का दृष्टिकोण छोड़ देना चाहिए कि वे सीखने और अनुभव लेने के लिए आए हैं और आप एक तरह से उनका मार्गदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जूनियर वकीलों से काफी कुछ सीखा जा सकता है।

सीजेआई ने कहा कि जूनियर वकीलों को सिर्फ 5000 रुपए प्रति महीना दिया जाता है और इससे इस प्रोफेशन में ‘गेटकीपिंग’ बढ़ती है।

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सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़। (Source-ANI)

सीजेआई ने इस बात पर जोर दिया कि जूनियर वकीलों को उनकी मेहनत के अनुसार सम्मानजनक राशि दी जानी चाहिए। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि पर्याप्त वेतन दिए बिना कड़ी मेहनत करवाने की सोच उस दिशा में ले जाती है जहां पर जूनियर वकीलों से ऐसी उम्मीद की जाती है कि वे लंबे वक्त तक काम करें, कम सोएं और अपने काम के लिए कम पैसे मांगें।

सीजेआई ने कहा कि पूरे बार को अपनी सामाजिक और आर्थिक पृष्ठभूमि को किनारे रखकर सक्षम और मजबूत वकीलों को खड़ा करना चाहिए। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि हाई कोर्ट की बेंच की स्थापना केवल बुनियादी ढांचे की स्थापना या अदालत कक्ष बनाने या उन अदालत कक्षों को सजाने के बारे में नहीं है। ये न्यायिक कार्यों के लिए जरूरी हैं।

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CJI डीवाई चंद्रचूड़ (Source- PTI)

सीजेआई ने बेंच की उपलब्धियों की सराहना करते हुए कहा कि दिल्ली हाई कोर्ट ने अपने डेटा और सॉफ्टवेयर का नियमित बैकअप लेने के लिए मदुरै बेंच में एक आपदा रिकवरी केंद्र बनाया था। उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा कि अगर दिल्ली को कोई दिक्कत पेश आती है तो उसे तमिलनाडु की ओर देखना होगा।

2023 में भी उठाया था मुद्दा

सीजेआई चंद्रचूड़ ने जनवरी, 2023 में भी इस मुद्दे को उठाया था। उन्होंने देश भर के वकीलों से अपने जूनियर्स को अच्छी सैलरी देने की अपील की थी। पिछले लंबे वक्त से इस तरह की बात सामने आती रही है कि जूनियर वकीलों को अच्छी सैलरी दी जानी चाहिए।

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लखनऊ में डॉ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में सीजेआई डी.वाई. चंद्रचूड़। (Source-ANI स्क्रीन ग्रैब )

वरिष्ठ वकीलों के चैंबर्स में काम करने वाले जूनियर वकीलों पर काम के बोझ को देखते हुए, यह विश्वास करना मुश्किल हो जाता है कि उनमें से कुछ को उनके काम के लिए बेहद कम भुगतान किया जाता है।