Bhupinder Singh Hooda Assembly Polls 2024 Defeat: हरियाणा विधानसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस में बड़े पैमाने पर घमासान होने के आसार हैं। सिरसा की सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा के समर्थक पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके समर्थकों पर हमले कर रहे हैं। ताजा हमला हरियाणा कांग्रेस के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता एडवोकेट मुकेश सैनी ने किया है। मुकेश सैनी ने कहा है कि हरियाणा में कांग्रेस की बागडोर ऐसे शख्स के हाथ में थी जो लगातार दो बार खुद अपने विधानसभा सीट से चुनाव हार गए और इससे पता चलता है कि उनकी अपने विधानसभा क्षेत्र में कितनी पकड़ है।
सैनी का सीधा निशाना प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष चौधरी उदयभान पर था। चौधरी उदयभान इस बार भी होडल सीट से चुनाव हार गए हैं। उदयभान को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का समर्थक माना जाता है।
सैनी हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी की पिछड़ा वर्ग सेल के उपाध्यक्ष भी हैं। सैनी ने कहा कि टिकट वितरण में सैलजा सहित अन्य सभी वरिष्ठ नेताओं को दरकिनार किया गया और मजबूत प्रत्याशियों की अनदेखी की गई। उन्होंने प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी दीपक बाबरिया पर भी सवाल उठाए और कहा कि बाबरिया ने एक नेता विशेष के प्रभाव में आकर सिर्फ अपने चहेतों को टिकट बांटे।
गोगी ने हुड्डा व दीपेंद्र पर बोला था हमला
इससे पहले असंध विधानसभा सीट से चुनाव हारे कांग्रेस के उम्मीदवार शमशेर सिंह गोगी ने भूपेंद्र हुड्डा और दीपेंद्र हुड्डा को निशाने पर लिया था। गोगी ने कहा था- ‘अगर कांग्रेस चुनाव जीत जाती तो बापू-बेटा (भूपेंद्र हुड्डा और दीपेंद्र हुड्डा) जीत का ताज पहन लेते इसलिए अब हार की जिम्मेदारी भी उन्हीं पर है और बापू और बेटे को इसकी पूरी जिम्मेदारी लेनी चाहिए।’ गोगी ने कहा था कि कांग्रेस की राज्य इकाई में पूरी तरह से बदलाव किया जाना चाहिए।
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अंबाला कैंट से चुनाव हारने वाले कांग्रेस के उम्मीदवार परविंदर सिंह परी ने भी हुड्डा कैंप पर हमला बोला था और कहा था कि अंबाला कैंट सीट पर कांग्रेस के नेताओं से निर्दलीय उम्मीदवार चित्रा सरवारा का समर्थन करने के लिए कहा गया और इस वजह से वह चुनाव हार गए।
चढ़ूनी बोले- हुड्डा ने सबको साइडलाइन किया
भाकियू (चढ़ूनी) गुट के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने उन सब लोगों को साइडलाइन कर दिया, जो पार्टी के वफादार थे। चढ़ूनी ने कहा है कि हुड्डा ने उन्हें, हर्ष छिकारा, बलराज कुंडू को किनारे किया और बड़े नेताओं कुमारी सैलजा, किरण चौधरी, रणदीप सुरजेवाला को भी किनारे किया। चढ़ूनी ने कहा कि हुड्डा ने आम आदमी पार्टी को भी किनारे किया।
गुटबाजी बनी हार की वजह?
लोकसभा चुनाव के नतीजे के बाद से ही हरियाणा कांग्रेस में गुटबाजी साफ तौर पर दिखाई देने लगी थी। कुमारी सैलजा कई टीवी चैनलों के साथ बातचीत में खुद को मुख्यमंत्री पद का दावेदार घोषित कर चुकी थीं। उन्होंने चुनाव नतीजे आने से ठीक पहले भी कहा था कि अगर राज्य में कांग्रेस की सरकार बनती है तो कांग्रेस हाईकमान उन्हें नजरअंदाज नहीं कर सकता। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला भी मुख्यमंत्री बनने की इच्छा जता चुके थे।
चुनाव प्रचार के दौरान टिकट बंटवारे में हुड्डा कैंप को तरजीह दिए जाने की वजह से कुमारी सैलजा कई दिनों तक चुनाव प्रचार से दूर रही थीं। चुनाव नतीजे के बाद कांग्रेस की हार के पीछे जो दो बड़ी वजह निकलकर सामने आई हैं, उनमें से एक पार्टी में गुटबाजी और दूसरी गैर जाट मतों का बीजेपी के पक्ष में ध्रुवीकरण होना है।
गुटबाजी से लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी भी नाराज हैं और उन्होंने पार्टी के नेताओं को जोरदार फटकार लगाई है।
सबसे बड़े चेहरे हैं हुड्डा
हरियाणा कांग्रेस में यह निर्विवाद सच है कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा पार्टी के सबसे बड़े चेहरे हैं। हुड्डा 2005 से 2014 तक चली कांग्रेस की सरकार में मुख्यमंत्री रहे हैं और उसके बाद भी हरियाणा कांग्रेस में उनके सामने कोई भी नेता टिक नहीं पाया। पिछले कुछ सालों में राव इंद्रजीत से लेकर किरण चौधरी, अशोक तंवर जैसे बड़े नेता पार्टी छोड़कर चले गए। हालांकि तंवर वापस आ गए लेकिन उनकी हुड्डा के साथ लड़ाई जगजाहिर है। हुड्डा न सिर्फ जाट लैंड में लोकप्रिय हैं बल्कि हरियाणा के अन्य क्षेत्रों में बड़ी संख्या में उनके समर्थक हैं।
ऐसा लगता है कि आने वाले दिनों में हुड्डा के खिलाफ कुमारी सैलजा के कई और समर्थक भी मोर्चा खोल सकते हैं। कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को अब हरियाणा में विधानसभा में नेता विपक्ष का चयन करना है। इसके अलावा पार्टी प्रदेश अध्यक्ष के पद पर भी बदलाव कर सकती है। माना जा रहा है कि कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व इन दोनों पदों पर अपनी पसंद से नेताओं को नियुक्त कर सकता है। क्या इसमें पार्टी हाईकमान भूपेंद्र सिंह हुड्डा को नजरअंदाज करेगा?
अगर हुड्डा और उनके सांसद बेटे दीपेंद्र हुड्डा के खिलाफ सैलजा के समर्थकों ने इसी तरह मोर्चा खोले रखा तो क्या आने वाले दिनों में हरियाणा कांग्रेस में कोई बड़ी कलह हो सकती है? ऐसे में कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व कैसे इस कलह को कैसे रोकेगा, यह एक बड़ा सवाल है।