गुजरात के मोरबी में रविवार रात एक सस्पेंशन ब्रिज गिर गया। इस हादसे में कम से कम 134 लोगों की मौत हो गयी है। सस्पेंशन ब्रिज ऐसा पुल होता है जिसमें सतह को केबल के जरिए बहती नदी के ऊपर लटका दिया जाता है।
सस्पेंशन ब्रिज एक प्रकार का ऐसा ब्रिज होता है जिसमें डेक (Deck), टावर (टावर), टेंशन (Tension), फाउंडेशन (Foundation) और केबल (cable) अहम हिस्से होते हैं। डेक वो हिस्सा होता है जो पुल पर बड़ी सड़क का आखिरी हिस्सा होता है। ये आखिरी पॉइंट होता है, जो जमीन या पहाड़ी में भीतर तक होता है। डेक के आगे टावर लगा होता है, जो पुल को बेस देने का काम करते हैं। ये दोनों किनारे पर बने होते हैं। इससे ही पुल का टेंशन दोनों किनारों को जोड़ता है। टेंशन वो तार होता है, जो एक टावर से दूसरे टावर पर बंधा होता है। इससे ही केबल लगे होते हैं, जो पुल की सड़क को टेंशन से बांधे रखते हैं। यह पुल नदी के ऊपर झूलता है।
मोरबी सस्पेंशन ब्रिज का ढहना : क्या हुआ होगा वहां
19वीं सदी में बने पुल को छह महीने की मरम्मत के बाद कुछ दिन पहले फिर से खोला गया और वह अचानक ढह गया। कहा जा रहा है कि जिस वक्त पुल ढहा उसपर 400 से अधिक लोग मौजूद थे और इसका किसी को अंदाजा नहीं था कि पुल पर वजन की क्या सीमा है, घटना से पहले के कथित वीडियो फुटेज देखने से लगता है कि पुल भारी भीड़ के कारण लहरा रहा था।
इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए आईआईटी-कानपुर में सिविल इंजीनियरिंग विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर सुदीब कुमार मिश्रा जो स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग में माहिर हैं ने मोरबी पुल के गिरने के कारणों पर बात करते हुए कहा, “पूरी जानकारी उपलब्ध नहीं है, लेकिन जो वीडियो सामने आ रहे हैं उनके आधार पर जिस तरह से एक ही पल में पूरा पुल ढह गया उससे मैं थोड़ा हैरान था। वह आगे कहते हैं

इस तरह की घटनाओं में आमतौर पर यह उम्मीद की जाती है कि एक या दो सस्पेंशन केबल रास्ता दे देते हैं और पुल सिर्फ लटक जाता है। इस तरह अचानक टूटता नहीं है, लेकिन जैसा कि वीडियो में देखा गया है पुल अचानक गिर गया। इससे यह समझ आता है कि पुल के अधिकतर केबल पूरी तरह खराब हो चुके थे और यह एक बहुत पुराना पुल भी था। हमें यह भी बताया जा रहा है कि इसे हाल ही में रिपेयर किया गया था। किस तरह की मरम्मत या रखरखाव किया गया इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए हमें इंतजार करना होगा।”
Morbi Bridge Collaspse : मौत के मुंह से बचकर आए लोगों ने क्या कहा, VIDEO में देखें
डॉ मिश्रा के अनुसार दूसरा कारण पैदल चलने वालों का भार है। उनका कहना है “हमें बताया जा रहा है कि पुल पर भीड़भाड़ थी लेकिन हम नहीं जानते कि पुल की वजन सहने की क्षमता किस हद तक पार हो गई थी। हालांकि, डॉ मिश्रा ने कहा कि पूरी तरह से ऑन-साइट समीक्षा के बाद ही उचित मूल्यांकन किया जा सकता है।