लाइटहाउस जर्नलिज्म ने पाया कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक महिला द्वारा पुलिसकर्मी की पिटाई का वीडियो खूब शेयर किया जा रहा है। वीडियो में एक व्यक्ति भी उसी पुलिसकर्मी की पिटाई करता हुआ दिखाई दे रहा है। दावा किया जा रहा था कि यह वीडियो कर्नाटक का है, जो कांग्रेस शासित राज्य है, जहाँ विशेष समुदाय के लोग चालान काटने के बाद पुलिसकर्मी की पिटाई कर रहे थे।
जाँच के दौरान हमने पाया कि यह दावा भ्रामक है और यह वीडियो 2018 का गाजियाबाद का है।
क्या है दावा?
@ajitmalik932085 ने वायरल वीडियो अपने X हैंडल पर साझा किया। चूंकि वीडियो में भाषा आपत्तिजनक है इसलिए वीडियो को नहीं दिखाया जा सकता।

अन्य उपयोगकर्ता भी यही दावा साझा कर रहे हैं।


जांच पडताल:
हमने वायरल वीडियो से प्राप्त स्क्रीनशॉट पर रिवर्स इमेज सर्च चलाकर जांच शुरू की।
जांच के दौरान हमने पाया कि वीडियो को 2021 में भी भ्रामक दावों के साथ खूब शेयर किया गया था।
हमने पाया कि बरेली पुलिस के एक्स हैंडल ने वीडियो पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि वीडियो गाजियाबाद का है।
हमें jagran.com पर एक रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट में बताया गया कि महिला ने पुलिसकर्मी की पिटाई क्यों की।

रिपोर्ट में कहा गया है कि: गाजियाबाद में एक महिला ने पीआरवी पर तैनात एक पुलिसकर्मी को सरेराह चप्पलों से पीट दिया। पीआरवी पर मौजूद अन्य पुलिसकर्मियों ने साथी पुलिस वाले को बचाने का बहुत प्रयास किया, लेकिन नाराज महिला के हाथ से वह उसे छुड़ा नहीं सके। बताया जा रहा है कि पीआरवी पर तैनात पुलिसकर्मी ने पहले महिला के बेटे को बिना किसी वजह के पीट दिया था। सरेराह बेटे की बिना वजह पिटाई होती देख उसकी मां भी वहां पहुंच गई। उसने पुलिसवाले से बेटे को पीटने की वजह पूछी, लेकिन वह कुछ बता नहीं सका।
अन्य खबरो में बताया गया है कि महिला के भाई को पीटा गया था।
हमें गाजियाबाद पुलिस द्वारा 2018 में X पर पोस्ट की गई एक पोस्ट भी मिली।
निष्कर्ष: गाजियाबाद में महिला द्वारा पुलिसकर्मी को पीटे जाने का पुराना वीडियो भ्रामक दावों के साथ शेयर किया जा रहा है। इस घटना में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है।