लाइटहाउस जर्नलिज्म ने पाया कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक वीडियो खूब शेयर किया जा रहा है। 2 मिनट 31 सेकंड के वीडियो में एक शख्स सड़क किनारे कुछ ठेलों पर हमला करता हुआ दिखाई दे रहा है। बाद में बाइक सवार पुलिस अधिकारियों ने उस शख्स को पकड़ लिया। वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि पुलिस ने बदमाश को पकड़ लिया। जांच के दौरान हमने पाया कि वीडियो हाल का नहीं बल्कि पुराना है।

क्या है दावा?

X यूजर के पी त्रिपाठी जी ने वायरल दावे के साथ वीडियो शेयर किया।

अन्य यूजर भी इसी दावे के साथ वीडियो शेयर कर रहे हैं।

जांच पड़ताल:

हमने वीडियो से कीफ्रेम निकालकर और उस पर रिवर्स इमेज सर्च चलाकर जांच शुरू की।

हमने पाया कि वीडियो को दो साल पहले रेडिट प्लेटफॉर्म पर अपलोड किया गया था।

Dude in India was stabbing people and destroying stuff to increase this gangster name so cops decided to break his legs.
byu/lonely_dude__ incriticalblunder

रिवर्स इमेज सर्च के ज़रिए, हमने पाया कि कुछ न्यूज़ रिपोर्ट में भी कीफ़्रेम का इस्तेमाल किया गया था।

हमें मिरर नाउ की वेबसाइट पर एक न्यूज़ रिपोर्ट मिली। यह रिपोर्ट 29 दिसंबर, 2022 को प्रकाशित हुई थी। इसमें बताया गया था कि यह घटना महाराष्ट्र के पुणे की है।

रिपोर्ट में बताया गया: महाराष्ट्र के पुणे जिले से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई, जिसमें गुंडों के एक समूह ने उत्पात मचाया और कई दुकानों में तोड़फोड़ की। हथियारबंद गुंडों ने इलाके के लोगों को भी आतंकित किया।

हमें इंडियन एक्सप्रेस के एक लेख में भी वीडियो के स्क्रीनशॉट मिले।

यह रिपोर्ट 30 दिसंबर, 2022 को प्रकाशित हुई थी।

रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है: पुणे के बाहरी इलाकों में, खास तौर पर चाकू दिखाकर लोगों को आतंकित करने वाले तथाकथित ‘कोयता गिरोह’ की घटनाएं महाराष्ट्र विधानसभा में हाल ही में इसके खिलाफ हुए हंगामे के बावजूद जारी हैं। बुधवार रात को कथित तौर पर हुई ऐसी ही एक और घटना के वीडियो वायरल हो गए हैं, जिससे अपराधियों पर लगाम लगाने में पुलिस की विफलता के खिलाफ लोगों में गुस्सा भड़क उठा है। अधिकारियों ने बताया कि इसमें शामिल दो लोगों, जिनमें एक नाबालिग भी शामिल है, को जल्द ही हिरासत में ले लिया गया।

निष्कर्ष: दुकानों में तोड़फोड़ करने वाले उपद्रवी को गिरफ्तार करने का वायरल वीडियो हाल ही का नहीं है और न ही उत्तर प्रदेश का है। यह वीडियो पुणे का 2022 का है। वायरल दावा भ्रामक है।