17 मार्च को हुई नागपुर हिंसा में 110 से ज़्यादा गिरफ़्तारियाँ और मुख्य आरोपी फ़हीम खान के घर पर बुलडोज़र चलाने पर हाईकोर्ट की रोक के बाद, कई वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर काफ़ी शेयर किए जा रहे हैं।
ऐसा ही एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें पुलिस कर्मचारी लोगों की पिटाई करते हुए दिख रहे हैं। वीडियो के साथ दावा किया गया कि नमाज़ पढ़ने गए लोगों को नागपुर पुलिस ने पीटा।
जाँच के दौरान हमने पाया कि वीडियो पुराना है और नागपुर का नहीं है।
क्या है दावा?
X यूजर Thanos_Pandit ने भ्रामक जानकारी के साथ X पर वीडियो शेयर किया।
अन्य यूजर भी इसी तरह के दावों के साथ वीडियो शेयर कर रहे हैं।

जांच पड़ताल:
हमने वीडियो से प्राप्त कीफ्रेम पर रिवर्स इमेज सर्च चलाकर अपनी जांच शुरू की। इससे हमें दो साल पहले फेसबुक पर अपलोड किया गया एक वीडियो मिला।
इससे पुष्टि हुई कि वीडियो हाल ही का नहीं है।
हमें यह वीडियो यूट्यूब चैनल मकतूब पर भी मिला।
यह वीडियो 13 अप्रैल, 2022 को अपलोड किया गया था।
इस कैप्शन में लिखा था: मुसलमानों पर हमला करने वाले पुलिसकर्मियों के दृश्य मध्य प्रदेश के खरगोन से मकतूब के साथ साझा किए गए हैं। आलोचकों की शिकायत है कि रामनवमी के जश्न के बाद पुलिस मुसलमानों पर अत्याचार कर रही है।
हमें यह दृश्य एमपी तक के यूट्यूब चैनल पर भी मिले। वीडियो दो साल पहले अपलोड किया गया था।
हमें वर्ष 2022 में खरगोन हिंसा की खबरें भी मिलीं।
निष्कर्ष: खरगोन हिंसा 2022 का वीडियो नागपुर हिंसा से जोड़कर भ्रामक दावे के साथ शेयर किया गया। वायरल दावा भ्रामक है।