लाइटहाउस जर्नलिज्म ने पाया कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक तस्वीर खूब शेयर की जा रही है। तस्वीर के साथ दावा किया गया कि इसमें बाबरी विध्वंस के दिन कारसेवक के तौर पर देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे दिख रहे हैं। जाँच के दौरान हमने पाया कि देवेंद्र फडणवीस के साथ तस्वीर में दिख रहे व्यक्ति महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे नहीं, बल्कि नागपुर के वरिष्ठ भाजपा कार्यकर्ता भोजराज डुंबे हैं।

क्या है दावा?

X यूजर हिंदुत्व नाइट ने इस दावे के साथ तस्वीर शेयर की है।

अन्य यूजर भी इसी तरह के दावों के साथ तस्वीर शेयर कर रहे हैं।

जांच पड़ताल:

हमने इमेज पर रिवर्स इमेज सर्च चलाकर जांच शुरू की। हमें यह तस्वीर मराठी समाचार वेबसाइट, महाराष्ट्र टाइम्स पर मिली।

रिपोर्ट में कहा गया है कि देवेंद्र फडणवीस ने बताया था कि बाबरी मस्जिद विध्वंस के दौरान वह अयोध्या में थे और उस समय वहां कोई शिवसेना कार्यकर्ता नहीं था।

इस स्टोरी में तस्वीर तो थी, लेकिन फडणवीस के साथ एकनाथ शिंदे का नाम कैप्शन में नहीं दिया था।

जांच के अगले चरण में, हमने महाराष्ट्र के पूर्व सीएम एकनाथ शिंदे के मीडिया समन्वयक विराज मुले से बात की। उन्होंने हमें बताया कि तस्वीर में दिख रहा व्यक्ति एकनाथ शिंदे नहीं है और वायरल दावा झूठा है।

हमने देवेंद्र फडणवीस के नागपुर कार्यालय से भी संपर्क किया। उनके सचिव ने हमें बताया कि तस्वीर में दिख रहा व्यक्ति नागपुर में भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ता भोजराज डुंबे हैं।

अगले चरण में, हमने भोजराज डुंबे से भी संपर्क किया। उन्होंने कहा, “तस्वीर में दिख रहे व्यक्ति मैं और देवेंद्र फडणवीस हैं। यह तस्वीर 2002 में खींची गई थी, तब मैं भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) नागपुर का अध्यक्ष था और फडणवीस BJYM प्रदेश महामंत्री थे। हम राज्य में लोड शेडिंग के खिलाफ़ प्रदर्शन कर रहे थे। 1000 से ज़्यादा युवा कार्यकर्ता इस प्रदर्शन का हिस्सा थे और तस्वीर उस समय खींची गई थी, जब हम नागपुर के गड्डीगोदाम इलाके में बिजली कार्यालय का घेराव कर रहे थे।”

निष्कर्ष: वायरल तस्वीर में बाबरी मस्जिद विध्वंस के दिन महाराष्ट्र के पूर्व सीएम एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस एक साथ नहीं दिख रहे हैं। फडणवीस के साथ दिख रहे व्यक्ति नागपुर के वरिष्ठ भाजपा नेता भोजराज डुंबे हैं, जो 2002 में लोड शेडिंग के खिलाफ़ उनके साथ प्रदर्शन कर रहे थे। वायरल दावा झूठा है।