महाराष्ट्र चुनावों के बीच, एक वॉयस क्लिप सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर खूब शेयर की जा रही है, जिसके बारे में दावा किया जा रहा है कि यह NCP (शरद चंद्र पवार) नेता सुप्रिया सुले और गौरव मेहता (जिसे ऑडिट फर्म सारथी एसोसिएट्स का कर्मचारी बताया जा रहा है) के बीच हुई फोन कॉल की है। दावा किया जा रहा है कि सुप्रिया सुले बिटकॉइन के बदले नकदी मांग रही हैं। दावे के मुताबिक, उन्हें यह कहते हुए भी सुना जा सकता है कि संबंधित व्यक्ति को जांच की चिंता करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि सत्ता में आने के बाद उनकी सरकार इस मामले को संभाल लेगी।
हमारी जांच के दौरान, हमने पाया कि AI टूल का उपयोग करके क्लिप बनाई गई है। वायरल दावा झूठा है।
क्या है दावा?
भारतीय जनता युवा मोर्चा के X हैंडल पर BJYM ने 33 सेकंड की वॉयस क्लिप शेयर की है।

अन्य यूजर भी इस वॉयस क्लिप को शेयर कर रहे हैं।

जांच पडताल:
19 नवंबर को महाराष्ट्र में मतदान से एक दिन पहले एक्स पर वॉयस नोट्स दिखाई देने लगे, जब भाजपा ने आरोप लगाया कि सुप्रिया सुले और कांग्रेस के नाना पटोले क्रिप्टोकरेंसी धोखाधड़ी से जुड़े हैं। हालांकि, सुले ने आरोपों का खंडन किया और भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) और साइबर अपराध विभाग में आपराधिक शिकायत दर्ज कराई है।
फिर हमने वीडियो डाउनलोड किया और उसी से वायरल ऑडियो निकाला।
फिर हमने InVid एडवांस्ड टूल्स में एम्बेडेड Hiya का उपयोग करके ऑडियो का विश्लेषण किया। इससे पता चला कि 98 प्रतिशत वॉयस क्लोनिंग की गई है।

हमने ऑडियो को HIVE मॉडरेशन, एक AI डिटेक्टर के माध्यम से भी चलाया।
HIVE मॉडरेशन ने भी सुझाव दिया कि वॉयस क्लिप 99.9 प्रतिशत AI-जनरेटेड है।

सुप्रिया सुले ने ANI को बताया कि ये क्लिप्स झूठी हैं। उन्होंने ये जानकारी भी दी कि उन्होंने इन क्लिप्स के खिलाफ साइबर सेल में भी कंप्लेंट की है। ANI पर हमें इस संबंध में एक पोस्ट मिली।
लाइटहाउस जर्नलिज्म ने पाया कि एक्स पर इसी तरह की वॉयस क्लिप वायरल की जा रही हैं।
निष्कर्ष: एनसीपी (शरदचंद्र पवार) नेता सुप्रिया सुले द्वारा बिटकॉइन के बदले में नकदी मांगने का वायरल ऑडियो क्लिप एआई द्वारा जनरेट किया गया है। वायरल दावा झूठा है।