India Canada Conflict Timeline: भारत और कनाडा के रिश्तों में आई दरार चौड़ी होती जा रही है। अलगाववादी नेता और खालिस्तान के समर्थक माने जाने वाले हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद दोनों देशों के रिश्तों में जो कड़वाहट शुरू हुई, वह एक-दूसरे के राजनयिकों को निष्कासित करने और वापस बुलाने तक पहुंच गई। हरदीप सिंह निज्जर की जून, 2023 में कनाडा के सरे शहर में कुछ लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके बाद से ही दोनों देशों के बीच तनाव और खटास लगातार बढ़ती रही।

आइए जानते हैं कि निज्जर की हत्या के बाद 16 महीनों में दोनों देशों के रिश्ते कैसे इस कदर बिगड़ गए।

2023 में क्या-क्या हुआ?

10 सितंबर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में G20 शिखर सम्मेलन के दौरान कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो से कनाडा में सिख अलगाववादियों के द्वारा किए जा रहे विरोध को लेकर चिंता जताई। इससे कुछ दिन पहले ओटावा ने भारत के साथ अर्ली प्रोग्रेस ट्रेड एग्रीमेंट (EPTA) पर चर्चा रोक दी थी।

18 सितंबर: कनाडा की संसद में दिए एक बयान में ट्रूडो ने भारत सरकार पर सिख अलगाववादी निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया। ट्रूडो ने कहा कि कनाडा के पास यह बताने की वजह है कि “भारत सरकार के एजेंट्स” ने इस हत्या को अंजाम दिया है।

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19 सितंबर : भारत ने ट्रूडो के दावों को ‘बेतुका और प्रेरित’ बताकर खारिज कर दिया। विदेश मंत्रालय ने कहा था कि इस तरह के फिजूल आरोपों का मकसद खालिस्तानी आतंकवादियों और चरमपंथियों से ध्यान हटाना है जिन्हें कनाडा में शरण दी गई है। इसके कुछ घंटे बाद भारत में कनाडाई दूत कैमरन मैकके को साउथ ब्लॉक में बुलाया गया और उन्हें बताया कि भारत सरकार ने एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को निष्कासित कर दिया है।

22 सितंबर: भारत ने कनाडाई नागरिकों के लिए नए वीजा जारी करने पर रोक लगा दी और ओटावा से कहा कि वह भारत में अपनी राजनयिक उपस्थिति कम करे जिससे दोनों देशों के बीच राजनयिक समानता रहे।

20 अक्टूबर: कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने घोषणा की कि 41 कनाडाई राजनयिकों और उनके परिवार के 42 सदस्यों को भारत से वापस बुला लिया गया है क्योंकि उनकी राजनयिक सुरक्षा कभी भी खत्म हो सकती थी और इससे उनकी सुरक्षा को खतरा हो सकता था। इसके बाद कनाडा ने चंडीगढ़, मुंबई और बेंगलुरु में अपनी वीजा और कांसुलर सेवाएं रोक दीं।

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29 नवंबर: अमेरिका के न्याय विभाग यानी डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस (DoJ) ने भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता पर आरोप लगाया कि वह खालिस्तानी अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की नाकाम साजिश में शामिल थे और इसे एक भारतीय सरकारी अफसर के इशारे पर अंजाम दिया गया। इस अफसर की पहचान “सीसी1” के रूप में की गई थी।

30 नवंबर: भारत के विदेश मंत्रालय ने गुरपतवंत सिंह पन्नू को निशाना बनाने की साजिश में भारतीयों की कथित संलिप्तता की रिपोर्ट पर अमेरिकी सरकार से मिली जानकारी की जांच के लिए एक “उच्च स्तरीय जांच समिति” गठित की।

2024 में क्या-क्या हुआ?

3 मई: कनाडा की पुलिस ने निज्जर की हत्या के मामले में तीन लोगों पर आरोप लगाया। इनके नाम करण बराड़ (22), कमलप्रीत सिंह (22), और करणप्रीत सिंह (28) हैं।

11 मई: निज्जर की हत्या के सिलसिले में कनाडाई अधिकारियों ने चौथे भारतीय नागरिक को गिरफ्तार किया।

15 जून: इटली में जी-7 आउटरीच शिखर सम्मेलन के दौरान मोदी और ट्रूडो की मुलाकात हुई। इसके बाद ट्रूडो ने कहा कि भारत और कनाडा कुछ “बहुत अहम मुद्दों” से निपटने के लिए “एक साथ काम करने” पर राजी हुए हैं।

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16 जून: गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रचने के आरोपी भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता को चेक गणराज्य से अमेरिका प्रत्यर्पित कर दिया गया लेकिन अमेरिकी अदालत में उसने खुद को निर्दोष बताया। 30 जून, 2023 को जब गुप्ता भारत से चेक गणराज्य गया तो उसे चेक कानून प्रवर्तन अधिकारियों ने अमेरिका के अनुरोध पर गिरफ्तार कर लिया था। ऐसा दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय प्रत्यर्पण संधि के तहत किया गया था।

11 अक्टूबर: प्रधानमंत्री मोदी और उनके कनाडाई समकक्ष ट्रूडो की विएंतियाने में थोड़ी देर तक बातचीत हुई। भारत ने कहा कि कोई महत्वपूर्ण चर्चा नहीं हुई लेकिन ट्रूडो ने कहा कि उनकी मोदी के साथ “संक्षिप्त बातचीत” हुई, जिसमें उन्होंने “वह काम जो हमें करना चाहिए” पर बात की।

13 अक्टूबर: भारत को कनाडा से एक कूटनीतिक संदेश मिला। इसमें सुझाव दिया गया कि भारतीय उच्चायुक्त संजय वर्मा और अन्य राजनयिक “संदिग्ध व्यक्ति” हैं और ये उस देश में एक मामले में चल रही जांच से संबंधित हैं। इस मामले में निज्जर का नाम नहीं था लेकिन साफ था कि निज्जर का ही मामला है।

14 अक्टूबर: भारत ने छह कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित करने का आदेश दिया और कनाडा में भारतीय उच्चायुक्त को वापस बुलाने का फैसला लिया। इस फैसले के पीछे सुरक्षा चिंताओं का हवाला दिया गया।

कनाडा की पुलिस ने भारत सरकार पर आरोप लगाया है कि वह गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का इस्तेमाल कनाडा में आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए कर रही है। दूसरी ओर, प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा है कि भारत जांच में सहयोग करने से बार-बार इनकार कर रहा है।