हरियाणा में विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे करीब आ रहे हैं, राजनीतिक सरगर्मी बढ़ती जा रही है। गुरुवार (11 जुलाई) को राज्य में जहां दो पार्टियों का गठबंधन हुआ, वहीं भाजपा ने कांग्रेस के एक बड़े नेता को अपने खेमे में कर लिया। उधर, कांग्रेस ने औपचारिक रूप से चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत कर दी है।
कांग्रेस ने चंडीगढ़ से जहां अपना प्रचार अभियान शुरू किया, वहीं दिल्ली में हुई एक घटना उसके लिए बड़ा झटका रही। 11 जुलाई को सोनीपत के पहले मेयर और कांग्रेस नेता निखिल मदान ने कई समर्थकों सहित भाजपा ज्वॉयन कर ली।
हरियाणा में विधानसभा चुनाव से पहले एक तीसरा मोर्चा बनाने की कवायद चल रही है। इंडियन नेशनल लोक दल (आईएनएलडी) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने समझौता कर लिया है। आईएनएलडी के अभय चौटाला गठबंधन का चेहरा होंगे और पार्टी 53 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। बसपा को 37 सीटें दी गई हैं।
आईएनएलडी और बसपा दोनों का लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन
आईएनएलडी के हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष रामपाल माजरा का कहना है कि गैर भाजपा व गैर कांग्रेस पार्टियों को आईएनएलडी-बीएसपी अलायंस को मजबूत करना चाहिए। इन दोनों ही पार्टियों का हालिया लोकसभा चुनाव में प्रदर्शन बेहद खराब रहा है। कांग्रेस को 2024 के लोकसभा चुनाव में दस में से पांच सीटें मिल गईं। जबकि 2014 और 2019 में पार्टी का खाता भी नहीं खुला था।

2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने हरियाणा की 90 में से 42 विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त ली थी, जबकि बीजेपी 44 सीटों पर आगे थी। चार विधानसभा क्षेत्रों में आप ने लीड ली थी। आईएनएलडी और बसपा का प्रदर्शन शर्मनाक रहा था। आईएनएलडी जहां 1.74 फीसदी वोट ला पाई थी, वहीं बसपा को महज 1.28 फीसदी वोट मिले थे।
माना जाता है कि दोनों पार्टियों ने जाट और एससी वोट में बिखराव रोकने के मकसद से गठबंधन किया है। राज्य में जाट 25 और अनुसूचित जाति (एससी) के 20 फीसदी मतदाता हैं। कहा जाता है कि ये दोनों ही कभी किसी एक पार्टी के पक्ष में एकमुश्त मतदान नहीं करते। लेकिन, माना जाता है कि हालिया लोकसभा चुनाव में दोनों ने कांग्रेस को एकमुश्त वोट दिया। इसी वजह से कांग्रेस का प्रदर्शन अच्छा रहा।
कोशिश है कि भाजपा और कांग्रेस से अलग, एक तीसरा मोर्चा बनाया जाए। लेकिन, यह कोशिश कितनी सफल होगी, इसे लेकर अभी संदेह है।
शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) इस अलायंस में आ सकती है, लेकिन दुष्यंत चौटाला की जेजेपी के किसी भी गठबंधन में आने की संभावना कम है। एसएडी की हरियाणा में आईएनएलडी से दोस्ती रही है और उसका यह कहना भी है कि विधानसभा चुनाव के मद्देनजर वह किसी पार्टी से रणनीतिक साझीदारी पर विचार कर सकती है। लेकिन, जेजेपी के अपनी मूल पार्टी आईएनएलडी के साथ गठबंधन की संभावना न के बराबर है।

कौन-कौन हो सकता है गठबंधन में शामिल
मेहम से स्वतंत्र विधायक बलराज कुंडू की हरियाणा जनसेवक पार्टी, पूर्व भाजपा सांसद राज कुमार सैनी की लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी, सीपीआई, सीपीएम गठबंधन में शामिल हो सकती हैं। लेकिन, इन सब का जनाधार इतना कम है कि कोई बड़ा अंतर ला पाने की इनकी क्षमता शक के घेरे में ही रहेगी।
आप की ओर से भी संकेत हैं कि वह हरियाणा में कांग्रेस के साथ विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेगी। हालांकि अभी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। लोकसभा चुनाव में वह इंडिया गठबंधन के तहत कांग्रेस के साथ थी।
हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 में किस पार्टी को मिले कितने वोट
पार्टी | वोट प्रतिशत (%) |
बीजेपी | 36.49 |
कांग्रेस | 28.08 |
आईएनएलडी | 9.71 |
निर्दलीय | 2.44 |