पूर्व चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया वाईवी चंद्रचूड़ (Former CJI YV Chandrachud) की सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति का किस्सा दिलचस्प है। जिस वक्त जस्टिस चंद्रचूड़ की नियुक्ति की बात चल रही थी, उस वक्त जस्टिस पीएन भगवती के नाम पर भी विचार किया जा रहा था। जस्टिस भगवती, चंद्रचूड़ से पहले हाईकोर्ट के जज बन गए थे और सीनियर थे। इस नाते उनका पलड़ा भारी था। हालांकि उस भगवती की नियुक्ति नहीं हो पाई।
जस्टिस चंद्रचूड़ और भगवती के बीच तल्खी
बॉम्बे हाईकोर्ट के एडवोकेट अभिनव चंद्रचूड़ अपनी किताब ‘Supreme Whispers’ में लिखते हैं कि जस्टिस भगवती, चंद्रचूड़ के बाद सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त हुए। दोनों के बीच तल्खी जगजाहिर थी। अभिनव लिखते हैं उन दिनों जस्टिस चंद्रचूड़ और जस्टिस भगवती की गिनती देश के टॉप 3 जजों में थी। सबको लगता था कि दोनों निश्चित तौर पर सुप्रीम कोर्ट के जज बनेंगे। जस्टिस भगवती तो सितंबर 1967 में गुजरात हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस भी बन गए, जबकि चंद्रचूड़ अभी बॉम्बे हाई कोर्ट में जज ही थे। हालांकि उम्र और अनुभव में चंद्रचूड़, भगवती से बड़े थे। लेकिन न्यायपालिका में भगवती सीनियर थे, इसलिये पहले उन्हें उच्चतम न्यायालय में नियुक्त किया जाना चाहिए था।
जस्टिस शेलत ने लगा दिया अड़ंगा
शुरुआत भी जस्टिस भगवती से हुई। चीफ जस्टिस जेसी शाह ने पहले पीएन भगवती का नाम सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति के लिए प्रस्तावित किया। दोनों गुजरात से आते थे। हालांकि उस वक्त जस्टिस जेएम शेलत ने भगवती के नाम पर अड़ंगा लगा दिया। उन्होंने CJI से कहा कि भगवती सरकार को खुश करने वाले जज हैं। इसके बाद जस्टिस चंद्रचूड़ का नाम प्रस्तावित हुआ और वो जज बन गए।
अभिनव लिखते हैं कि उस वक्त जब भी जस्टिस चंद्रचूड़ के नाम पर चर्चा होती, जस्टिस भगवती का नाम जरूर आता। सुप्रीम कोर्ट के कई जज जिनमें जस्टिस हेगड़े भी शामिल थे, चाहते थे कि जस्टिस भगवती चंद्रचूड़ से पहले सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त हों। उन्होंने चीफ जस्टिस सीकरी को हर तरीके से मनाने का प्रयास भी किया था, लेकिन सफल नहीं हो पाए थे। जस्टिस हेगड़े का मानना था कि भगवती, चंद्रचूड़ से कहीं ज्यादा योग्य हैं। बाद में जब CJI से हरी झंडी नहीं मिली तो जस्टिस हेगड़े ने भगवती से कहा कि उनकी नियुक्ति थोड़ी देरी से होगी।
बाद में पछताए थे जस्टिस हेगड़े
अभिनव लिखते हैं कि जस्टिस हेगड़, वाईवी चंद्रचूड़ को कभी पसंद नहीं करते थे। बाद में तो उन्हें इस बात का पछतावा हुआ कि आखिर जब उच्चतम न्यायालय में नियुक्ति के लिए जस्टिस चंद्रचूड़ का नाम प्रस्तावित हुआ तो इसका विरोध क्यों नहीं किया। जस्टिस हेगड़े, जस्टिस भगवती और कुछ अन्य जजों को लगता था कि चंद्रचूड़ की नियुक्ति में जस्टिस पीबी गजेंद्रगाडकर का हाथ है।
बाद में जस्टिस भगवती भी, चंद्रचूड़ की नियुक्ति के करीब सालभर बाद सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त हुए। जस्टिस वाईवी चंद्रचूड़ 16वें चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रहे तो जस्टिस पीएन भगवती 17वें चीफ जस्टिस बने।