India Canada Rift: भारत और कनाडा के बीच रिश्ते खराब चल रहे हैं। दोनों ओर से तनातनी वाली स्थिति है और इसका असर उन भारतीय छात्रों पर भी पड़ सकता है जो मौजूदा वक्त में कनाडा में या तो पढ़ाई कर रहे हैं या वहां जाना चाहते हैं। बताना होगा कि हरियाणा और पंजाब के अलावा भी देश के कई राज्यों से बड़ी संख्या में छात्र नौकरी करने के लिए या पढ़ाई के लिए कनाडा जाते हैं।

2015 से अब तक 10 लाख से ज्यादा भारतीय छात्रों को कनाडा के लिए स्टडी परमिट मिल चुका है और इसमें से 10 लाख से ज्यादा छात्रों को सिर्फ 2024 में ही स्टडी परमिट दिया गया।

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कनाडा की इमिग्रेशन रिफ्यूजीज और सिटीजनशिप (IRCC) के आंकड़ों के अनुसार, 2015 से 2024 तक लगभग 13 लाख भारतीय छात्रों ने कनाडा में स्टडी परमिट हासिल किया है। 2015 में कनाडा में 31,920 भारतीय छात्र स्टडी परमिट पर थे और कुल 219,035 अंतर्राष्ट्रीय छात्रों में से यह आंकड़ा केवल 14.5% था लेकिन 2023 तक भारतीय छात्रों की संख्या बढ़कर 278,250 हो गई और कुल 6,82060 अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के बीच यह आंकड़ा बढ़कर 40.7% हो गया था।

2023 की तुलना में 2024 में स्टडी परमिट में लगभग 4% की गिरावट आई है और इसके पीछे वजह यह है कि इस साल कनाडा की सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय छात्रों की संख्या पर प्रतिबंध लगाए हैं और स्टडी परमिट की प्रक्रिया में बदलाव लागू किए हैं। इसके बावजूद कनाडा में मौजूदा वक्त में लगभग 6 लाख भारतीय छात्र पढ़ रहे हैं, जिनमें नए दाखिला वाले और पहले से पढ़ रहे छात्र शामिल हैं।

टोरंटो में पढ़ाई कर रही जालंधर की एमबीए छात्रा तन्वी शर्मा द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में इस तनाव को लेकर बेफिक्र दिखाई देती हैं और कहती हैं कि इसका भारत से आए छात्रों की रोजमर्रा की जिंदगी पर कोई असर नहीं पड़ा है लेकिन फिर भी कुछ चिंताएं जरूर हैं।

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इसी तरह पंजाब के कपूरथला की रहने वालीं हरमनप्रीत कौर नोवा स्कोटिया में बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन की पढ़ाई कर रही हैं, वह बताती हैं कि छात्र अपनी पढ़ाई और रोजगार पर ध्यान दे रहे हैं न कि राजनीतिक मामलों पर लेकिन माता-पिता को चिंता हो रही है और वे कभी-कभी हमसे कहते हैं कि हमें दूसरे देश में शिफ्ट होने के बारे में सोचना चाहिए।

टोरंटो में रह रहे एक अन्य छात्र यथार्थ ने भी कहा कि छात्रों में इस विवाद की वजह से कोई चिंता नहीं है लेकिन भारत में उनके परिवार जरूर चिंतित हैं। उन्होंने कहा कि पिछले साल से चल रहे तनावपूर्ण माहौल के बावजूद कनाडा ने स्टूडेंट वीजा जारी करना बंद नहीं किया और इस वजह से शिक्षा का क्षेत्र राजनीतिक माहौल में हलचल के बावजूद स्थिर है।

अर्शदीप कौर और नवप्रीत सिंह कहते हैं कि उन्होंने हाल फिलहाल कनाडा जाने का अपना प्लान टाल दिया है।

एजुकेशन कंसल्टेंट्स का कहना है कि स्टडी परमिट पर पाबंदियों के चलते स्टूडेंट्स के कनाडा जाने की इच्छा में कमी आई है और राजनयिक तनाव की वजह से यह और बढ़ सकता है। एजुकेशन कंसल्टेंट तीरथ सिंह ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि दोनों देश तनावपूर्ण दौर से गुजर रहे हैं और ऐसे में हजारों भारतीय छात्रों का भाग्य अधर में लटका हुआ है।