पश्चिम बंगाल के अलीपुरद्वार के जलदापाड़ा नेशनल पार्क में 57 साल पुराने होलोंग बंगले में लगी भयंकर आग के लिए चूहों को दोषी ठहराया जा रहा है। 19 जून की रात 9:30 बजे बंगले के कॉन्फ्रेंस हॉल में आग लगी थी और फिर उसने धीरे-धीरे पूरे बंगले को अपनी चपेट में ले लिया था।
बंगले में आग कैसे लगी, इसकी जांच के लिए राज्य सरकार ने तुरंत 5 सदस्यों की एक कमेटी बनाई थी। इस कमेटी ने बताया है कि चूहों ने बंगले की बिजली की तारों को काट दिया था, इस वजह से शॉर्ट सर्किट हो गया बंगला आग की भेंट चढ़ गया।
वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बंगले के स्टाफ ने बताया है कि चूहों ने पहले भी बिजली के तारों को काटा है और इस वजह से खासी मुसीबत हुई है और हमें ऐसा लगता है कि इस बार भी ऐसा ही कुछ हुआ होगा और इस वजह से आग लगी होगी।
पश्चिम बंगाल सरकार के वन मंत्री बिरबाहा हांसदा का कहना है कि इस मामले में पुलिस, दमकल विभाग और आपातकाल सेवा विभाग की रिपोर्ट का भी इंतजार किया जा रहा है।

15 जून से बंद थे एसी और गीजर
द टेलीग्राफ के मुताबिक, शुरुआत में वन विभाग के अधिकारियों को ऐसा लगा कि बंगले में लगे एयर कंडीशनर में शॉर्ट सर्किट हुआ है और इस वजह से आग लगी है लेकिन जांच के दौरान पता चला कि इस बंगले में लगे सभी एयर कंडीशनर और गीजर को 15 जून को ही इनके पावर सोर्स से बिजली मिलनी बंद हो गयी थी। 15 जून से शुरू होने वाले मानसून की वजह से तीन महीने के लिए बंगले को बुक नहीं किया जाता है।
पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र था बंगला
यह बंगला बेहद खूबसूरत था और लकड़ी से बना हुआ था। यह पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र और बड़ी हस्तियों के टिकने का ठिकाना भी रह चुका था।
बंगला 1967 में बनाया गया था और इसमें कुल आठ कमरे थे। यह बंगला अपनी शानदार लोकेशन और बेहद सुंदर नजारों के लिए जाना जाता था। यहां पर हाथी, तेंदुआ और हिरण भी दिखाई देते थे। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य, पूर्व राज्यपाल सहित तमाम बड़ी हस्तियां बंगले में आकर रुकती थीं।

ममता ने उठाए अपने ही नेताओं, मंत्रियों, अफसरों पर सवाल
इस बीच, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का एक बयान पश्चिम बंगाल और इसके बाहर भी चर्चा का विषय बना हुआ है। ममता बनर्जी ने भ्रष्टाचार के लिए अपनी ही सरकार के मंत्रियों, नेताओं पर सवाल उठाया है। ममता बनर्जी ने साफ तौर पर कहा है कि उनकी सरकार के मंत्री सुजीत बोस अतिक्रमण करवा रहे हैं। ममता बनर्जी ने हावड़ा नगर पालिका की एसडीओ अमृता रॉय बर्मन का नाम लेते हुए कहा है कि वह नगर पालिका से जुड़े मुद्दों पर काम नहीं कर रही हैं, अपनी पसंद के हिसाब से टेंडर दे रही हैं और पैसा कमा रही हैं।
ममता ने कहा कि उन्हें पक्का भरोसा है कि टेंडर के लिए रिश्वत ली जा रही है और इसके पीछे एक गैंग है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हावड़ा में कोई नगर पालिका नहीं है। यह एसडीओ के द्वारा चलाई जा रही है और इस वजह से यहां के चार विधायक फायदा उठा रहे हैं। वह मंत्री सुजीत बोस से खासी नाराज दिखीं और कहा कि साल्ट लेक में हो रहे अतिक्रमण पर उन्हें शर्म आती है। साल्ट लेक इलाके में रहने वाले लोगों ने कई बार शिकायत की है कि वहां किस तरह फुटपाथ पर कब्जा कर लिया गया है।

मुख्य सचिव से कहा- जांच करें
मुख्यमंत्री ने कहा है कि उन्होंने सरकार के मुख्य सचिव को आदेश दिया है कि भ्रष्टाचार में चाहे कोई भी शामिल हो उसे बिल्कुल मत छोड़िए। वह जानना चाहती हैं कि कौन यह सब कर रहा है। उन्होंने कहा कि सरकारी संपत्ति किसी की निजी संपत्ति नहीं है।
ममता बनर्जी ने नेताओं, पुलिस और सरकारी बाबुओं को सड़कों पर होने वाली अव्यवस्थाओं के लिए जिम्मेदार बताया और कहा कि शहर के कुछ इलाकों में हालात बेहद खराब हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि अफसर, पुलिस और बाकी लोगों ने एक गुट बना लिया है, जहां पर भी कोई खाली जगह होती है आप लोग अतिक्रमण को बढ़ावा देने में मदद करते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा, मैं जहां भी जाती हूं देखती हूं कि सड़कों पर अतिक्रमण हो रहा है लेकिन पुलिस नहीं देखती, उसने आंखों पर पट्टी बांध रखी है। ममता ने कहा कि हातिबागान और गरियाहाट में हालात बेहद खराब हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोलकाता में सड़कों के किनारे फुटपाथ पर भयंकर अतिक्रमण हो चुका है लेकिन इसके बावजूद पुलिस थाने के प्रभारी नया अतिक्रमण करने की अनुमति दे देते हैं।

बिहार से भी आई थी चूहों के शराब गटकने की खबर
आपको शायद याद होगा कि कुछ साल पहले बिहार से आई एक खबर को लेकर देश भर में लंबे वक्त तक चर्चा हुई थी। खबर यह थी कि बिहार में चूहे लाखों रुपए की शराब गटक गए हैं। इस खबर को लेकर बिहार सरकार और बिहार पुलिस का जमकर मजाक भी उड़ा था।
मामला यह था कि बिहार में 8 लाख लीटर शराब गायब हो गई थी और जब इस पर सवाल उठे तो पुलिस वालों का तर्क था कि इस शराब को चूहे पी गए हैं।
यह बात लोगों के गले इसलिए भी नहीं उतरी थी क्योंकि बिहार में शराबबंदी का कानून लागू है। इसका मतलब बिहार में शराब बनाने, रखने और बेचने पर पूरी तरह प्रतिबंध है।
अब दनादन पुल गिरने के चलते चर्चा में है बिहार
बिहार में बीते दिनों एक के बाद एक पुल गिरे हैं और इस वजह से सिस्टम में पंजा मारकर बैठे भ्रष्ट अफसरों को लेकर सवाल उठे हैं। एक सप्ताह के अंदर बिहार में तीन पुल गिर गए हैं और 3 साल में 9 बड़े पुल धड़ाम हो गए। इससे साफ पता चलता है कि इन पुलों को बनाने में भयंकर भ्रष्टाचार हुआ है और इस वजह से सरकारी खजाने को बड़ा नुकसान हुआ है।