Kumari Selja Bhupinder Hooda CM Race: हरियाणा के विधानसभा चुनाव में मतदान से ठीक पहले कांग्रेस की दिग्गज नेता और सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा ने बहुत बड़ा बयान दिया है। हरियाणा में मुख्यमंत्री कौन बनेगा, इस बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कुमारी सैलजा ने कहा है कि हाईकमान उन्हें इग्नोर नहीं कर सकता। कुमारी सैलजा न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बातचीत कर रही थीं।
कुमारी सैलजा बीते महीने काफी दिनों तक चुनाव प्रचार से दूर रही थीं। तब इसे लेकर हरियाणा कांग्रेस में अच्छी खासी उथल-पुथल देखने को मिली थी। सैलजा की नाराजगी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित बीजेपी के तमाम बड़े नेताओं ने मुद्दा बनाया था। सैलजा जैसी वरिष्ठ नेता को मनाने के लिए कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी आगे आए थे। इसके बाद सैलजा चुनाव प्रचार में आई थीं।
एएनआई की ओर से यह पूछे जाने पर कि अशोक तंवर के कांग्रेस में शामिल होने की क्या आपको जानकारी थी, सैलजा ने कहा कि उन्हें इस बारे में बता दिया गया था। सैलजा ने स्पष्ट रूप से कहा कि वह कांग्रेस छोड़कर कहीं नहीं जाएंगी।
सैलजा ने कहा, ‘मैं कांग्रेस से नाराज़ नहीं हूं। बहुत सी चर्चाएं होती हैं और कई परिस्थितियां सामने आती हैं… ये सब चलता रहता है। कई बार कुछ ऐसी बातें होती हैं, जिससे लोगों को लगता है कि पूरा सम्मान नहीं दिया गया, राजनीति धारणाओं का खेल है…कोई भी 100% टिकट नहीं पा सकता, ये संभव नहीं होता… ये पार्टी का आंतरिक मामला है, मैं भी पार्टी का हिस्सा हूं और अन्य लोग भी।’
हुड्डा हैं सबसे बड़े दावेदार
मतदान से ठीक एक दिन पहले यह बयान देकर कुमारी सैलजा ने मुख्यमंत्री के चयन के मामले में अपना दावा फिर से ठोक दिया है। इसका मतलब साफ है कि कुमारी सैलजा इस मामले में पीछे नहीं हटना चाहतीं। हरियाणा में अगर कांग्रेस को बहुमत मिलता है तो पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार हैं। एक और दावेदार राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला हैं। देखना होगा कि अगर कांग्रेस सरकार बनाने लायक नंबर जुटाने में कामयाब रही तो वह मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने का मौका किस नेता को देगी। हुड्डा 2005 से 2014 तक हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे हैं।
हरियाणा में विधानसभा की 90 सीटें हैं इसलिए सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा 46 है।
21% है दलित समाज की आबादी
हरियाणा में दलित समाज की आबादी 21% है और 17 विधानसभा सीटें आरक्षित हैं। आरक्षित सीटों के अलावा भी कई सीटों पर हार-जीत तय करने की ताकत दलित समाज के पास है। सैलजा ने हरियाणा में दलित मुख्यमंत्री की बात को भी पिछले दिनों उठाया है।
कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा के इग्नोर वाले बयान पर कांग्रेस नेता अशोक तंवर ने कहा, ‘हाईकमान किसी को नजरअंदाज नहीं करता।’ कांग्रेस में अपनी वापसी पर उन्होंने कहा, ‘आज हमने मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात की और उनका आशीर्वाद लिया। कांग्रेस हमारा परिवार है और हम इस परिवार को मजबूत बनाने की कोशिश करेंगे ताकि देश की सेवा कर सकें।’
क्यों नाराज थीं सैलजा?
सैलजा की नाराजगी के पीछे मुख्य रूप से 3 वजह बताई गई थीं। पहली यह कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के एक समर्थक ने सैलजा को लेकर जातिगत टिप्पणी की थी। दूसरी वजह यह थी कि टिकट बंटवारे में कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने हुड्डा कैंप को जबरदस्त तरजीह दी थी और सैलजा समर्थकों को काफी कम टिकट मिले थे।
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तीसरी वजह यह थी कि कुमारी सैलजा उकलाना विधानसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहती थीं लेकिन हाईकमान किसी भी सांसद को चुनाव लड़ाने के लिए तैयार नहीं हुआ।
सीएम बनना चाहती हैं सैलजा
लोकसभा चुनाव के नतीजे के बाद से ही कई टीवी चैनलों के साथ बातचीत में कुमारी सैलजा ने हरियाणा का मुख्यमंत्री बनने की इच्छा को खुलकर जाहिर किया है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में वे कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व के फैसले को मानेंगी। उनके इन बयानों से राज्य में सीएम चेहरे या कांग्रेस की सरकार बनने पर सीएम कौन होगा, इसकी लड़ाई तेज हो गई थी।
21% है दलित समाज की आबादी
हरियाणा में दलित समाज की आबादी 21% है और 17 विधानसभा सीटें आरक्षित हैं। आरक्षित सीटों के अलावा भी कई सीटों पर हार-जीत तय करने की ताकत दलित समाज के पास है। सैलजा ने हरियाणा में दलित मुख्यमंत्री की बात को भी पिछले दिनों उठाया है।
बड़े पदों पर रह चुकी हैं सैलजा
कुमारी सैलजा पहली बार 1991 में सिरसा लोकसभा सीट से सांसद बनी थीं। इसके बाद वह नरसिम्हा राव की कांग्रेस सरकार में मंत्री बनी। वह 1996 में भी लोकसभा का चुनाव जीती थीं। मनमोहन सिंह की सरकार में कुमारी सैलजा अहम मंत्रालय संभाल चुकी हैं। कुमारी सैलजा अंबाला लोकसभा सीट से भी सांसद रही हैं। वह हरियाणा कांग्रेस की अध्यक्ष रहने के साथ ही राज्यसभा की सदस्य भी रह चुकी हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव में सैलजा ने एक बार फिर अपनी ताकत दिखाई और वह सिरसा लोकसभा सीट से चुनाव जीतने में कामयाब रहीं।
सैलजा के पिता चौधरी दलबीर सिंह कांग्रेस के बड़े नेता थे। वह कई बार विधायक, सांसद रहने के अलावा भारत सरकार में मंत्री भी रहे थे। इससे पता चलता है कि कुमारी सैलजा का राजनीतिक कद मौजूदा वक्त में हरियाणा में किसी भी पार्टी के नेता से कम नहीं है और हरियाणा की राजनीति में निश्चित रूप से वह एक बड़ा नाम हैं।