हरियाणा में नवंबर 2024 में विधानसभा चुनाव होने हैं। राज्य में 2019 विधानसभा चुनाव के बाद जननायक जनता पार्टी (JJP) नेता दुष्यंत चौटाला किंगमेकर बनकर उभरे थे। उस चुनाव में भाजपा ने 90 में से 40 सीटें जीती थीं और बहुमत के आंकड़े 46 सीटों तक पहुंचने में विफल रही थी। जिसके बाद 10 सीटें जीतने वाली जेजेपी ने भाजपा को समर्थन दिया और मनोहर लाल खट्टर ने सरकार बनाई। जिसके बदले में जेजेपी को दुष्यंत के लिए उपमुख्यमंत्री पद सहित दो मंत्री पद मिले।

हालांकि, बीजेपी और जेजेपी के बीच यह दोस्ती केवल साढ़े चार साल तक ही चली। मार्च 2024 में बीजेपी ने अचानक जेजेपी से नाता तोड़ लिया और भाजपा नेतृत्व ने खट्टर की जगह नायब सिंह सैनी को सीएम बनाया और मनोहर लाल खट्टर को लोकसभा चुनाव में उतार दिया।

तब से जेजेपी कई मोर्चों पर चुनौतियों से जूझ रही है। दुष्‍यंत के विधायक उनके खिलाफ मुखर रहे हैं, खुलेआम उनकी और उनकी नीतियों की आलोचना कर रहे हैं। जेजेपी के तीन विधायकों ने यह कहते हुए पार्टी छोड़ दी है कि वे भाजपा की कार्यप्रणाली, दूरदर्शिता और भविष्य की नीतियों से प्रभावित हैं।

जेजेपी में नहीं है सब कुछ ठीक?

इस साल अप्रैल में जेजेपी नेतृत्व को एक और झटका देते हुए पार्टी की हरियाणा इकाई के अध्यक्ष निशान सिंह ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया और कांग्रेस में शामिल हो गए। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में जेजेपी ने हरियाणा की सभी 10 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ा। हालाँकि, उसे बमुश्किल 0.87% वोट ही मिल सके और पार्टी के सभी उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई।

विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी JJP

चुनाव नतीजों के बाद जेजेपी की सभी जिला इकाइयां भंग कर दी गईं लेकिन ऐसा लगता है कि पार्टी इस साल अक्टूबर में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले एक बार फिर मजबूती से खड़े होने की कोशिश कर रही है। पार्टी नेतृत्व सक्रिय रूप से राज्य का दौरा कर रहे हैं और कैडर के मनोबल को बढ़ाने का प्रयास करते हुए पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर रहे हैं।

जेजेपी में दुष्‍यंत चौटाला उनके पिता और राष्ट्रीय पार्टी अध्यक्ष अजय चौटाला, मां नैना चौटाला और छोटे भाई दिग्विजय चौटाला शामिल हैं। अजय और दुष्‍यंत रोजाना पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर रहे हैं। शुक्रवार को उन्होंने पानीपत और यमुनानगर में प्रचार किया और जिला स्तरीय बैठकें कीं। वहीं, शनिवार को अंबाला और पंचकूला पहुंचे।

हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 परिणाम

पार्टी वोट शेयर (%)सीटें जीतीं
बीजेपी 36.4940
जेजेपी 14.8010
कांग्रेस 28.0816
आईएनएलडी 2.441

कार्यकर्ताओं के साथ मीटिंग कर रहे अजय चौटाला

अजय चौटाला ने शुक्रवार को पानीपत में पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा, “कई बार चौधरी देवी लाल (दुष्यंत के दादा और पूर्व उप प्रधानमंत्री) को कठिन समय का सामना करना पड़ा लेकिन फिर भी उन्होंने वापसी की और बदलाव लाए। पार्टी कार्यकर्ताओं को अपना मनोबल और आत्मविश्वास ऊंचा रखते हुए मैदान में उतरना चाहिए। अपने सभी पार्टी कार्यकर्ताओं के समर्थन से जेजेपी निश्चित रूप से आने वाले समय में बदलाव लाएगी। यह बिल्कुल स्पष्ट है कि भाजपा के साथ गठबंधन करने से जेजेपी को नुकसान हुआ है।”

वहीं, दुष्यंत ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं को लोकसभा चुनाव के नतीजे से निराश नहीं होना चाहिए, ये विधानसभा चुनाव से पूरी तरह अलग हैं। दुष्यंत ने कहा, “विधानसभा चुनाव में लगभग 100 दिन हैं। जब हम सरकार का हिस्सा थे, तब हमने बहुत सारी जनकल्याणकारी परियोजनाएं कीं लेकिन हम लोगों में जागरूकता पैदा नहीं कर पाए। जेजेपी के कार्यकर्ता काफी प्रतिबद्ध हैं और राज्य की राजनीति में बदलाव लाने में सक्षम हैं।”

कांग्रेस के साथ गठबंधन को तैयार जेजेपी

वहीं, जेजेपी नेतृत्व पार्टी के पुनर्निर्माण के साथ ही कांग्रेस के साथ साझेदारी के लिए भी तैयार दिख रहा है। मई 2024 में, जब कांग्रेस यह दावा करने के लिए हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय के पास गई कि भाजपा सदन में अल्पमत में आ गई है, तो दुष्यंत ने कांग्रेस को समर्थन की पेशकश की थी।

इसके बाद, जून में भी दुष्यंत ने जुलाई के अंत में होने वाले राज्यसभा चुनावों के लिए कांग्रेस के साथ संयुक्त रूप से एक उम्मीदवार खड़ा करने की पेशकश की। लेकिन, विधानसभा में विपक्ष के नेता (एलओपी) और पूर्व सीएम भूपिंदर सिंह हुड्डा का कहना है कि वह जेजेपी के समर्थन पर भरोसा नहीं कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि दुष्यंत की अपनी पार्टी एक साथ नहीं है।

हुड्डा ने द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत के दौरान कहा, ”दुष्यंत किसी को समर्थन देने की बात कैसे कर सकते हैं। जब भाजपा सरकार बहुमत से पीछे रह गई, तो हमने राज्यपाल को इस अल्पमत सरकार को भंग करने और नए सिरे से चुनाव कराने के लिए लिखा। दुष्‍यंत ने कहा कि वह बाहर से भी समर्थन देने को तैयार हैं। मैंने कहा कि उन्हें पहले अपने सभी विधायकों को एक साथ लाना चाहिए। वह ऐसा नहीं कर सके क्योंकि उनके अपने विधायक अब उनके साथ नहीं हैं।”