आर्मी के दो पूर्व चीफ और इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ के पूर्व प्रमुख के द्वारा लिखी गई किताबें प्रकाशित नहीं हो पा रही हैं। ये किताबें इस वजह से रुकी हुई हैं क्योंकि उनके प्रकाशकों को रक्षा मंत्रालय की ओर से हरी झंडी नहीं मिली है।
‘अलोन इन द रिंग’ के लेखक एनसी विज हैं। विज 2002 से 2005 तक सेना प्रमुख रहे। ‘फोर स्टार्स ऑफ डेस्टिनी’ नाम की किताब जनरल एमएम नरवणे ने लिखी है। जनरल नरवणे 2019 से 2022 तक सेना प्रमुख थे। लेफ्टिनेंट जनरल सतीश दुआ जो इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ के प्रमुख के पद से रिटायर हुए थे, उनकी किताब का नाम ‘ए जनरल रिमिनिसेस: ए लाइफ अंडर फायर इन कश्मीर’ है।
क्या है ‘अलोन इन द रिंग’ में?
‘अलोन इन द रिंग’ किताब में एनसी विज ने लिखा है कि भारत की खुफिया एजेंसियां कारगिल युद्ध से पहले पाकिस्तान द्वारा सैन्य साजो-सामान की खरीद का पता लगाने में पूरी तरह फेल रही। बता दें कि कारगिल युद्ध के इस महीने 25 साल पूरे हो रहे हैं।

जनरल विज की किताब के प्रकाशक ब्लूम्सबरी हैं। जनरल विज कारगिल युद्ध के दौरान सैन्य संचालन महानिदेशक (डीजीएमओ) थे। उन्होंने किताब में लिखा है कि भारत की विदेशी खुफिया एजेंसी (R&AW) ने पाकिस्तान के साथ युद्ध की संभावनाओं को लेकर ‘गलत आकलन’ किया था। बताया गया था कि इस किताब को 20 जुलाई के आसपास लांच कर दिया जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

अग्निवीर योजना की समीक्षा है ‘फोर स्टार्स ऑफ डेस्टिनी’ में
जनरल एमएम नरवणे की किताब ‘फोर स्टार्स ऑफ डेस्टिनी’ के बारे में कहा जाता है कि इसमें चीन के साथ भारतीय सेना की 2020 की सीमा झड़पों के साथ-साथ अग्निवीर योजना की समीक्षा भी शामिल है। यह किताब पिछले छह महीने से अधिक समय से प्रकाशित होने का इंतजार कर रही है।
द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, इस किताब को रक्षा मंत्रालय द्वारा एक बार बदलाव करने के बाद वापस कर दिया गया था। इस किताब को पेंगुइन रैंडम हाउस के द्वारा प्रकाशित किया जाना है।
दिसंबर 2023 में, पीटीआई ने जनरल नरवणे के संस्मरणों के कुछ हिस्से जारी किए थे। इनके मुताबिक, किताब में जनरल नरवणे ने 31 अगस्त, 2020 को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ अपनी बातचीत का जिक्र किया है। यह बातचीत तब की है, जब चीन रेचिन पास क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अपने सैनिकों को आगे बढ़ा रहा था।

जनरल नरवणे ने लिखा था कि रक्षा मंत्री ने उन्हें बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री से बात की है और सेना चीनी घुसपैठ से निपटने के बारे में अपने फैसले लेने के लिए स्वतंत्र है। तब सेना प्रमुख रहे नरवणे से कहा गया था, ‘जो उचित समझो वो करो।’
किताब में कहा गया था कि अग्निवीर योजना पर सबसे पहले उनके और प्रधानमंत्री के बीच ‘शार्ट सर्विस ऑप्शन एट द सोल्जर लेवल’ के रूप में चर्चा हुई थी, लेकिन बाद में इसमें संशोधन किया गया। जनरल नरवणे ने लिखा था, ‘जिस तरह की घटनाएं हुई उससे हम हैरान रह गए लेकिन नौसेना और वायु सेना के लिए यह पूरी तरह अप्रत्याशित था।’

जनवरी, 2024 में लांच होनी थी दुआ की किताब
लेफ्टिनेंट जनरल सतीश दुआ ने दिसंबर, 2023 में अपनी किताब ‘ए जनरल रिमिनिसेस: ए लाइफ अंडर फायर इन कश्मीर’ की इंस्टाग्राम पर प्री-ऑर्डर की घोषणा की थी। उन्होंने इसे ‘एक आतंकवादी के हीरो बनने की सच्ची कहानी’ बताया था। उन्होंने कहा था कि किताब को जनवरी, 2024 में लांच कर दिया जाएगा।
जनरल दुआ की इस किताब की भी रक्षा मंत्रालय और सेना के अफसरों द्वारा ‘समीक्षा’ की जा रही है और इस वजह से यह प्रकाशित नहीं हो पा रही है। यह किताब भी पेंगुइन रैंडम हाउस के द्वारा प्रकाशित की जानी है।