भारत को जी-20 की अध्यक्षता (G20 presidency) मिल चुकी है। सितंबर 2023 में भारत की मेजबानी में होना वाला जी-20 शिखर सम्मेलन उत्तर प्रदेश के वाराणसी में आयोजित किया जाएगा। वाराणसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र भी है। विपक्ष का आरोप है कि भाजपा शिखर सम्मेलन के इर्द-गिर्द इवेंट आयोजित कर चुनावी लाभ लेना चाहती है।
अटल सरकार में G20
जी-20 की शुरुआत साल 1999 में हुई थी। यह 20 प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नर्स का संगठन है। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में मंत्री रहे यशवंत सिन्हा का कहना है कि जब साल 1999 में G20 की शुरुआत हुई थी, तब भारत को इसका दूसरा अध्यक्ष चुना गया था। वाजपेयी के भारत को दुनिया ने ऊंचा स्थान दिया था। लेकिन तब हमने इसे लेकर गाना और डांस नहीं किया। हम अपना काम चुपचाप करते रहे। आज हमारे पास भाजपा के एक और प्रधानमंत्री हैं, लेकिन काम करने का तरीका कैसे बदल गया है, पूरी दुनिया कैसे बदल गई है।
जी20 चेयरमैनशिप
चेयरमैनशिप की बात याद करते हुए सिन्हा लिखते हैं, ”मेरे पास जी20 की चेयरमैनशिप थी। लेकिन भारत के बिजनेस अखबारों के लिए यह एक छोटी सी खबर थी। जैसा कि विश्व बैंक की विकास समिति की मेरी अध्यक्षता थी। वाजपेयी सरकार में हम चुपचाप अपना काम बिना किसी शोर-शराबे के करने में विश्वास रखते थे। इसलिए, मैं इसके बारे में ज्यादा चिंतित नहीं था।”
क्यों हुआ था जी20 का गठन?
जी20 के गठन का इतिहास बताते हुए यशवंत सिन्हा कहते हैं, ”जी20 को याद करते हुए मेरा दिमाग 1999 की शरद ऋतु में चला जाता है जब मैं भारत का वित्त मंत्री था और आईएमएफ और विश्व बैंक की बैठकों में भाग लेने के लिए वाशिंगटन डीसी जा रहा था। इस बैठक का विशेष महत्व था क्योंकि 1997 और 1998 में दुनिया ने एक और गंभीर आर्थिक संकट देखा था। इस बार मार पूर्वी एशिया पर पड़ी थी। उनकी मूर्खताओं के परिणामस्वरूप इस क्षेत्र की अर्थव्यवस्था एक-एक करके चरमरा गई थी। स्वाभाविक रूप से, इसका वैश्विक अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। स्वाभाविक रूप से इससे जो चिंता हुई वह भी वैश्विक थी। और इसी पृष्ठभूमि में G20 का गठन साल 1999 में हुआ।”
कैसे हुआ था जी20 का गठन?
G20 के गठन से जुड़ा अपना अनुभव बताते हुए यशवंत सिन्हा लिखते हैं, ”एक बार कनाडा के वित्त मंत्री पॉल मार्टिन ने मुझे एक बैठक में आमंत्रित किया, जिसमें उन्होंने वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों के एक बड़े समूह के गठन पर चर्चा की है। हालांकि इस विचार पर पहले ही G7 में बातचीत हो चुकी थी।
मार्टिन ने मुझे बताया कि उभरते बाजार वाले देशों के समूह में भारत स्वाभाविक रूप से पहला देश है। उन्होंने पूछा- क्या भारत समूह का सदस्य बनने के लिए सहमत होगा?” मैंने हां में जवाब दिया और फिर हम समूह में शामिल किए जाने वाले अन्य देशों के नामों पर चर्चा करने लगे। अन्य लोगों के साथ भी चर्चा हुई और सितंबर 1999 में G20 अस्तित्व में आया।”