भारत ने जी-20 शिखर सम्मेलन (9-10 सितंबर, 2023) के ल‍िए विशेष तौर पर दिल्ली स्थित प्रगति मैदान में इंटरनेशनल एग्जिबिशन कम कन्वेंशन सेंटर (IECC) का निर्माण कराया है। केंद्र सरकार ने इवेंट वेन्यू को ‘भारत मंडपम’ नाम दिया है। केंद्र सरकार ने प्रगत‍ि मैदान का पूरी तरह कायाकल्‍प कर द‍िया है और पूरे पर‍िसर को आईटीपीओ कॉम्‍प्‍लेक्‍स कहा है। ज‍िस प्रगत‍ि मैदान के बदले आईटीपीओ कॉम्‍प्‍लेक्‍स को नए स‍िरे से बनाया गया, वह प्रगत‍ि मैदान भी देश में एक अंतरराष्‍ट्रीय आयोजन का ही देन था।

मोदी सरकार ने जिस प्रगति मैदान में रीडेवलपमेंट कराया है। वहां सबसे पहले बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कराया था। 51 साल पहले। नवंबर 1972 में हुए पहले अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले (International Trade Fair) के ल‍िए। इसमें 50 से अधिक देश शामिल हुए थे। इस आयोजन के लिए तत्कालीन इंदिरा सरकार ने 6 करोड़ की परियोजना से पुनर्विकास कार्य कराया था। तब प्रगति मैदान को प्रदर्शनी मैदान के रूप में जाना जाता था। पहले इसका आयोजन फरवरी-मार्च में ही होना था। लेकिन स्वतंत्रता दिवस की रजत जयंती समारोह को ध्यान में रखते हुए तारीख आगे बढ़ा दी गई थी।

भारत को अपनी दावेदारी करनी थी सुरक्षित

इंदिरा सरकार इस आयोजन के जरिए International Union of Trade Fairs (IUTF) में भारत की एंट्री सुनिश्चित करना चाहती थी, क्योंकि एक बार यूनियन में एंट्री मिल जाने पर देश को हर साल एक सामान्य अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला और छह विशेष निर्यात-उन्मुख मेलों की मेजबानी करने की अनुमति मिल जाती। लेकिन एंट्री इतनी आसान नहीं थी। IUTF की सदस्यता पाने के लिए शर्त थी कि देश के पास पब्लिक यूटिलिटी से लैस 40 एकड़ में फैला एग्जिबिशन कॉम्प्लेक्स हो।

किन सुविधाओं से लैस था प्रदर्शनी मैदान

प्रदर्शनी मैदान (अब प्रगति मैदान) में बड़े पैमाने पर हुए पुनर्विकास में आकर्षण के मुख्य केंद्र नवनिर्मित हॉल थे। इसमें भी विशेष चर्चा हॉल ऑफ नेशंस की थी, जिसे कई लोग समकालीन वास्तुकला का चमत्कार मानते हैं। राज रेवाल द्वारा डिज़ाइन किया गया यह हॉल दुनिया के कुछ शुरुआती और सबसे बड़े-स्पैन स्पेस-फ्रेम स्ट्रक्चर में से एक था। इसके निर्माण में रीइनफोर्स्ड कंक्रीट का इस्तेमाल किया गया था।

हॉल ऑफ नेशंस ढहा कर बना भारत मंडपम

प्रगति मैदान के एक और पुनर्विकास के लिए 2017 में हॉल ऑफ नेशंस और कई अन्य हॉलों को ध्वस्त कर दिया गया। उनकी जगह पर अब भव्य ‘भारत मंडपम’ बना है, जिसका उद्घाटन 26 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। पीएमओ के अनुसार, कन्वेंशन सेंटर को प्रगति मैदान परिसर के सेंटर प्वाइंट के रूप में विकसित किया गया है। इसे बड़े पैमाने पर अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनियों, व्यापार मेलों, सम्मेलनों और अन्य प्रतिष्ठित कार्यक्रमों की मेजबानी करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।” IECC में 3,000 सीटों वाला एम्फीथिएटर। कई बैठक कक्ष और एक व्यापार केंद्र भी है। 5,500 कारों के लिए पार्किंग की भी व्यवस्था की गई है।

123 एकड़ के प्रगति मैदान परिसर में IECC 53,399 वर्ग मीटर में फैला है। इसके विकास में लगभग 2,700 करोड़ रुपये की लागत आयी है। IECC में कुल सात प्रदर्शनी हॉल हैं। सभी कक्षों को मिलाकर IECC में लगभग 7,000 लोग बैठ सकते हैं।