शिरोमणि अकाली दल 1998 से पंजाब में जिस सीट पर लगातार जीत हासिल करता रहा है, वहां इस बार वह कड़े चुनावी मुकाबले में फंसा है। 2019 में इस लोकसभा सीट से शिरोमणि अकाली दल (बादल) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल चुनाव जीते थे। तब उनकी जीत का अंतर 2 लाख वोटों का रहा था लेकिन इस बार सुखबीर सिंह बादल यहां से चुनाव मैदान में नहीं उतरे हैं।

भारत सरकार के पूर्व मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बलराम जाखड़ भी इस सीट से चुनाव जीते थे। बहुजन समाज पार्टी भी यहां दो बार जीत चुकी है लेकिन 1998 से यहां अकाली दल ने किसी को जीतने नहीं दिया।

अकाली दल ने यहां से नरदेव सिंह बॉबी मान को जबकि कांग्रेस ने शेर सिंह घुबाया को टिकट दिया है। भाजपा ने राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी को और पंजाब में सरकार चला रही आम आदमी पार्टी ने जगदीप सिंह बराड़ को फिरोजपुर से उम्मीदवार बनाया है।

फिरोजपुर का नाम दो साल पहले तब चर्चा में आया था जब 2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रचार करने पंजाब आए थे। तब किसानों के प्रदर्शन की वजह से एक फ्लाईओवर पर कुछ वक्त तक उनका काफिला रुका रहा था। तब नरेंद्र मोदी अपनी चुनावी रैली करने के लिए नहीं जा सके थे और रैली रद्द करनी पड़ी थी। यह लोकसभा सीट पाकिस्तान की सीमा से सटी हुई है।

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पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और मनोहर लाल खट्टर। (Source-FB)

Sher Singh Ghubaya: अकाली दल से कांग्रेस में आए घुबाया

शेर सिंह घुबाया 2009 और 2014 में अकाली दल के टिकट पर फिरोजपुर से लोकसभा का चुनाव जीते थे लेकिन 2019 में जब टिकट नहीं मिला तो उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर सुखबीर सिंह बादल के खिलाफ चुनाव लड़ा था। हालांकि उन्हें तब हार मिली थी।

अकाली दल के लिए मुकाबला इसलिए कठिन है क्योंकि उसके उम्मीदवार नरदेव सिंह बॉबी मान का यह पहला चुनाव है। उनके पिता जोरा सिंह मान इस सीट से तीन बार अकाली दल के टिकट पर सांसद रहे थे। नरदेव सिंह बॉबी मान के पास कोई बड़ा सियासी अनुभव नहीं है और ऐसे में उनके पास अकाली दल के कैडर का ही भरोसा है। सुखबीर बादल इस सीट को अकाली दल के कब्जे में रखने के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं। वह फिरोजपुर में चुनाव प्रचार के दौरान कहते हैं कि आम आदमी पार्टी के शासन में हर घर में नशा बिक रहा है।

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बीते शुक्रवार को शंभू रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शन करते किसान। (Express Photo)

BJP Rana Gurmeet Singh Sodhi: किसानों का विरोध पड़ रहा भारी

बीजेपी के उम्मीदवार राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी पंजाब में जाने-पहचाने चेहरे हैं और राज्य सरकार में मंत्री भी रहे हैं। राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी चार बार विधायक रह चुके हैं। बताया जाता है कि पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की सिफारिश की वजह से सोढ़ी को यहां से टिकट मिला है। लेकिन पंजाब में बीजेपी को जिस तरह लगातार किसानों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है, उससे सोढ़ी की राह यहां पर आसान नहीं है। ग्रामीण क्षेत्रों में सोढ़ी का बीजेपी के लिए समर्थन जुटा पाना मुश्किल साबित हो रहा है।

संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किसान लगातार कई लोकसभा क्षेत्रों में बीजेपी प्रत्याशियों का विरोध कर रहे हैं। राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी के खिलाफ किसानों ने रविवार को तब मोर्चा खोल दिया जब सोढ़ी जलालाबाद के एक गांव में चुनाव प्रचार करने आए थे।

किसान एमएस स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करने, सभी फसलों पर एमएसपी लागू करने सहित कई और मांगों को लेकर बीजेपी का विरोध कर रहे हैं। हालांकि बीजेपी को यहां हिंदू मतदाताओं के समर्थन का भरोसा है।

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परमजीत कौर खालरा और अमृतपाल सिंह।

AAP Jagdeep Singh Brar: दो बार विधायक रहे हैं बराड़

आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार जगदीप सिंह बराड़ मुक्तसर विधानसभा सीट से 2017 और 2022 के टिकट पर चुनाव जीत चुके हैं। उनके सियासी अनुभव को देखते हुए ही पार्टी ने उन्हें फिरोजपुर सीट से उम्मीदवार बनाया है।

Firozpur Lok Sabha Seat: 9 में से 8 सीटें हैं आप के पास

फिरोजपुर लोकसभा क्षेत्र में फिरोजपुर, फाजिल्का और श्री मुक्तसर साहिब जिले के क्षेत्र शामिल हैं। फिरोजपुर लोकसभा में नौ विधानसभा सीट शामिल हैं। इनमें फिरोजपुर शहर, फिरोजपुर ग्रामीण, गुरु हर सहाय, जलालाबाद, फाजिल्का, अबोहर, बल्लुआना, मलोट और मुक्तसर शामिल हैं। इनमें से 2022 के विधानसभा चुनाव में 8 सीटों पर आम आदमी पार्टी को जीत मिली थी जबकि एक सीट अबोहर पर कांग्रेस के उम्मीदवार संदीप जाखड़ जीते थे।

संदीप जाखड़ पंजाब बीजेपी के अध्यक्ष सुनील जाखड़ के भतीजे हैं और उन्हें कांग्रेस ने निलंबित कर दिया था। सोढ़ी यहां खुलकर बीजेपी उम्मीदवार राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी के पक्ष में चुनाव प्रचार कर रहे हैं।

2022 विधानसभा चुनाव के नतीजे को देखें तो आम आदमी पार्टी यहां पर काफी मजबूत दिखाई देती है इसलिए जगदीप सिंह बराड़ भी चुनावी मुकाबले को चतुष्कोणीय बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।

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(बाएं से) भगवंत मान, सुनील जाखड़, अमरिंदर सिंह राजा वडिंग और सुखबीर सिंह बादल। (Source-FB)

Firozpur Caste Equation: घुबाया को मिलेंगे राय सिख वोट?

फिरोजपुर लोकसभा सीट पर हिंदू सवर्ण मतदाताओं की संख्या 32% है जबकि जट्ट सिख मतदाताओं की संख्या 26 प्रतिशत, नॉन जट्ट सिख मतदाताओं की संख्या 16%, राय सिख मतदाताओं की संख्या 13% और दलित मतदाताओं की संख्या भी 13% है। कांग्रेस के उम्मीदवार शेर सिंह घुबाया राय सिख बिरादरी से आते हैं।