लाइटहाउस जर्नलिज्म को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर व्यापक रूप से साझा किया जा रहा एक वीडियो मिला। यह वीडियो ब्लैक एंड व्हाइट था, जिसके बारे में दावा किया गया था कि यह 1942 का है।
यूजर्स ने यह भी दावा किया कि यह फुटेज बीबीसी के archives से लिया गया था। इस वीडियो में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के कार्यकर्ता नाचते और जश्न मनाते हुए दिखाई दिए।
जाँच के दौरान, हमें पता चला कि यह वीडियो 2015 का है। यह वीडियो अब झूठे दावों के साथ 1940 के दशक का बताकर साझा किया जा रहा है।
क्या है दावा?
एक्स (X) यूजर दविंदर पाल सिंह ने यह वीडियो अपनी प्रोफाइल पर साझा किया।
अन्य यूजर्स भी इसी तरह के दावों के साथ यही वीडियो साझा कर रहे हैं।
जाँच पड़ताल:
हमने वीडियो से प्राप्त कीफ्रेम्स पर रिवर्स इमेज सर्च करके जाँच शुरू की। इससे हमें कोई जानकारी नहीं मिली।
फिर हमने Google कीवर्ड सर्च किया। हमने ‘RSS workers dancing’ (आरएसएस कार्यकर्ता नाच रहे हैं) सर्च किया।
इससे हमें 9 साल पहले ‘आज तक’ के यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया गया एक वीडियो मिला। वीडियो का शीर्षक था, ‘RSS workers seen dancing before meeting in Nagpur’ (नागपुर में बैठक से पहले आरएसएस कार्यकर्ता नाचते हुए दिखे)।
यह वीडियो बिल्कुल वैसा ही था लेकिन रंगीन (coloured) था।
हमें यह वीडियो मराठी समाचार चैनल ‘ज़ी 24 तास’ के यूट्यूब चैनल पर भी मिला।
हमें यह वीडियो ऑनलाइन बीबीसी archives में नहीं मिला।
निष्कर्ष: नागपुर में एक बैठक से पहले आरएसएस कार्यकर्ताओं के नाचने का 2015 का वीडियो, 1942 का पुराना वीडियो बताकर साझा किया जा रहा है। वायरल दावा झूठा है।
