लाइटहाउस जर्नलिज्म को सोशल मीडिया पर खूब शेयर किया जा रहा एक वीडियो मिला। इस वीडियो में सेना के दो जवान तोड़फोड़ करने वालों को पकड़ते हुए दिख रहे हैं। वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि वीडियो में भारतीय सेना के जवान लुटेरों को पकड़ते हुए दिख रहे हैं।

जांच के दौरान हमने पाया कि यह वीडियो भारत का नहीं बल्कि बांग्लादेश का है।

क्या है दावा?

X यूजर Khushbu_journo ने वायरल वीडियो भ्रामक दावे के साथ साझा किया।

इस पोस्ट का आर्काइव वर्जन देखें।

https://archive.ph/PwO4Z

अन्य उपयोगकर्ता भी इसी दावे के साथ यही वीडियो शेयर कर रहे हैं।

जांच पड़ताल:

हमने वीडियो से प्राप्त कीफ्रेम्स पर रिवर्स इमेज सर्च चलाकर अपनी जांच शुरू की।

हमें फेसबुक पर अपलोड किया गया वीडियो मिला।

कैप्शन में लिखा है (अनुवाद): फरीदपुर में व्यापारिक प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़, जिसके दौरान सेना ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया

हमें यूट्यूब चैनल फ्रेंड्स टीवी पर अपलोड किया गया वीडियो भी मिला।

कैप्शन में लिखा था (अनुवाद): फरीदपुर में व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर भारी हथियारों से हमला किया जा रहा है। सेना के पहुंचने के बाद क्या हुआ—

हमें चैनल 24 पर अपलोड किया गया वीडियो भी मिला।

कैप्शन में लिखा है (अनुवाद): दुकानों में तोड़फोड़ और लूटपाट करते समय सेना द्वारा पकड़ा गया फरीदपुर समाचार | बांग्लादेश सेना | चैनल 24

हमें Rtv पर अपलोड की गई एक खबर में इस वीडियो का कीफ़्रेम भी मिला।

खबर का शीर्षक था: दुकान में तोड़फोड़ के दौरान सेना द्वारा पकड़े गए, दोनों की पहचान हो गई।

जांच के अगले चरण में हमने बांग्लादेश के वरिष्ठ तथ्य जांचकर्ता तौसीफ अकबर से बात की, जिन्होंने पुष्टि की कि वीडियो बांग्लादेश का है और इसमें बांग्लादेशी सेना की तस्वीरें हैं।

निष्कर्ष: बांग्लादेश का वीडियो जिसमें सेना ने तोड़फोड़ करते हुए दो लोगों को पकड़ा, उसे भारत का बताकर गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। वायरल दावा भ्रामक है।