लाइटहाउस जर्नलिज्म को सोशल मीडिया पर एक तस्वीर बड़े पैमाने पर शेयर होती हुई मिली। तस्वीर में कंकाल के अवशेष दिखाई दे रहे थे। दावा किया गया कि ये कर्नाटक के धर्मस्थल के हैं। इन तस्वीरों को हाल ही में सामने आई दफन स्थलों की खबरों से जोड़ा गया है।

जांच के दौरान, हमने पाया कि यह तस्वीर पुरानी है और इसका धर्मस्थल मामले से कोई संबंध नहीं है।

क्या है दावा?

फेसबुक यूजर नेने सुरेश ने इस तस्वीर को धर्मस्थल मामले से जोड़कर साझा किया।

अन्य यूजर्स भी इस तस्वीर को धर्मस्थल का बताकर साझा कर रहे हैं।

जांच पड़ताल:

तस्वीर पर लिखे टेक्स्ट में कहा गया है, “अच्छा होता अगर इन कंकालों में कम से कम एक महिला होती, ये सभी सड़कों पर आ रहे हैं। लेकिन यहाँ सब इंसान हैं। #Dharamasthala”

हमने फिर एक रिवर्स इमेज सर्च किया और इस तस्वीर को lemonde.fr वेबसाइट पर एक लेख में पाया।

हमें यह 2021 में leparisien.fr पर भी मिली।

रिपोर्ट के अनुसार: Inrap के नेतृत्व में शोधकर्ताओं की एक टीम द्वारा, रेनेस में पाए गए ये कंकाल 1491 में ब्रेटन सेना से लड़ने वाले सैनिकों के हैं।

हमें यह तस्वीर एक जर्नल में भी मिली।

अध्ययन में उल्लेख किया गया है: “ये कंकाल संभवतः उन दो दुश्मन सेनाओं के सैनिकों के हैं जिन्होंने ब्रेटन इतिहास की एक बड़ी घटना के दौरान लड़ाई लड़ी थी। यह घटना 1491 में रेनेस की घेराबंदी की थी। यह घेराबंदी तब खत्म हुई जब ब्रिटनी की डचेस ने फ्रांस के राजा से शादी की और इस के साथ ही इस क्षेत्र की आजादी खत्म हो गई।”

निष्कर्ष: फ़्रांस की एक पुरानी और असंबद्ध तस्वीर को धर्मस्थल के सामूहिक दफन मामले से जोड़ा जा रहा है। वायरल दावा भ्रामक है।