अंकिता देशकर

हरियाणा के नूंह में हिंसा के बाद धार्मिक स्थलों की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। प्रशासन और पुलिस दोनों, शांति बहाल करने के लिए अलग-अलग समुदाय के लोगों के साथ बैठकें कर रहे हैं। इस उथल-पुथल के बीच हमें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर कुछ ऐसी तस्वीरें मिलीं, जिनके बारे में दावा किया गया जा रहा है कि ये मेवात की हैं।

हमने अपनी पड़ताल में पाया कि ये तस्वीरें पुरानी हैं और इनका मेवात हिंसा से कोई संबंध नहीं है।

क्या हो रहा है वायरल?

फेसबुक यूजर राजेश भारतीय ने अपनी प्रोफ़ाइल पर वायरल फोटो शेयर किया है… देखें

इस पोस्ट का आर्काइव वर्जन देखें।

इन वायरल तस्वीरों में से कुछ को तमाम अन्य यूजर्स भी शेयर कर रहे हैं। देखें कुछ पोस्ट

जांच पड़ताल:

हमने एक-एक करके प्रत्येक फोटो पर गूगल रिवर्स इमेज से सर्च की शुरुआत की।

तस्वीर 1:

हमें टाइम्स ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर 26 दिसंबर 2019 को अपलोड की गई पहली तस्वीर मिली।

आर्टिकल का शीर्षक था: Anti-CAA protests: 1,113 arrests, 5,558 preventive detentions, 19 dead in UP

तस्वीर 2019 की कानपुर की थी। हमें यह तस्वीर डेक्कन हेराल्ड और अरब न्यूज़ की वेबसाइट पर भी मिली।

तस्वीर 2:

हमनें दूसरी तस्वीर पर भी गूगल रिवर्स इमेज सर्च का उपयोग किया। हमें यह तस्वीर news18.com की वेबसाइट पर 26 दिसंबर, 2019 को अपलोड की गई मिली। फोटो कानपुर की थी। यही तस्वीर हमें टाइम्स ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर भी मिली।

तस्वीर 3:

हमनें तीसरी तस्वीर पर गूगल रिवर्स इमेज चलाया। हमें टाइम्स ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर 26 अगस्त 2017 को अपलोड की गई तस्वीर मिली। यह तस्वीर हमें मनीकंट्रोल की वेबसाइट पर भी मिली। स तस्वीर के कैप्शन में लिखा था: Panchkula: A Security personnel stands towards vehicles burning in violence following Dera Sacha Sauda chief Gurmeet Ram Rahim’s conviction in Panchkula on Friday. PTI Photo(PTI8_25_2017_000233B)

तस्वीर 4:

हमनें चौथी तस्वीर पर गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया। हमें यह तस्वीर हिंदुस्तान टाइम्स की वेबसाइट पर एक आर्टिकल में मिली, जिसे 20 फरवरी 2013 को अपलोड किया गया था। इस आर्टिकल का शीर्षक था: Nationwide trade union strike hits banks, Noida protests turn violent

हमें यह तस्वीर फाइनेंशियल टाइम्स की वेबसाइट पर मिली। फोटो का क्रेडिट एएफपी को दिया गया था।

निष्कर्ष: विभिन्न घटनाओं की पुरानी तस्वीरों को मेवात में हुई झड़प की हालिया तस्वीर के रूप में साझा किया जा रहा है। वायरल दावा झूठा है। (सोर्स-लाइटहाउस जर्नलिज्म)