अंकिता देशकर

लाइटहाउस जर्नलिज्म को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो रही एक तस्वीर मिली, जिसमें स्कूली छात्रों को कीचड़ में बैठे देखा जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि यह तस्वीर भारत में शिक्षा की स्थिति को दर्शाती है। यह तस्वीर पहले भी ऐसे ही दावों के साथ शेयर की जा चुकी है। जांच करने पर पता चला कि तस्वीर पुरानी है और भारत की नहीं बल्कि पाकिस्तान के किसी स्कूल की है। वायरल दावा झूठा है।

क्या वायरल हो रहा है?

एक्स यूजर अनवर अली ने वायरल तस्वीर को अपनी प्रोफाइल पर शेयर किया है।

अन्य यूजर्स भी वायरल तस्वीर को ऐसे ही दावों के साथ शेयर कर रहे हैं।

कैसे हुई पड़ताल?

हमने गूगल लेंस की मदद से तस्वीर पर रिवर्स इमेज सर्च कर अपनी पड़ताल की शुरूआत की। ऐसा करने से हमें 23 मार्च 2016 का एक पोस्ट मिला। अब्दुल कय्यूम सिद्दीकी ने तस्वीर साझा की थी और कैप्शन में बताया था कि तस्वीर मुल्तान जिले के शुजाबाद स्थित एक स्कूल की है।

अन्य एक एक्स यूजर ने भी इस तस्वीर को 2017 में पोस्ट किया था। कैप्शन में बताया गया था कि तस्वीर पाकिस्तान की है।

हमें साल 2015 का भी एक ट्वीट मिला। इससे पता चला कि तस्वीर 9 साल पुरानी है।

सटीक जानकारी के लिए हमने गूगल इमेट लेआउट का उपयोग किया। यह हमें siasat dot pk की वेबसाइट तक ले गया।

siasat dot pk
स्क्रीनशॉट

वेबसाइट पर ‘ताल्हखान’ नामक के व्यक्ति ने तस्वीर को 10 जून, 2015 को पब्लिश किया था। वेबसाइट पर बताया गया था कि तस्वीर पाकिस्तान के पंजाब में स्कूलों की खराब स्थिति को दर्शाती है।

निष्कर्ष: वायरल तस्वीर, जिसके बारे में दावा किया जा रहा है कि यह भारत में स्कूलों की खराब स्थिति दिखाती है, वास्तव में पाकिस्तान के पंजाब क्षेत्र के एक स्कूल की तस्वीर है, जिसे 2015 में पब्लिश किया गया था।