लाइटहाउस जर्नलिज्म को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर की जा रही एक पोस्ट मिली। यह पोस्ट एक ई-पेपर का स्क्रीनशॉट थी जिसे जनसत्ता के अखबार की कटिंग के रूप में साझा किया जा रहा था। अखबार की कटिंग से पता चलता है कि यह कहानी प्रमुख हिंदी समाचार दैनिक जनसत्ता द्वारा प्रकाशित की गई थी। खबर के शीर्षक में उल्लेख किया गया है कि पश्चिमी दिल्ली में INDI Alliance मजबूत है। हालांकि, पड़ताल में हमने पाया कि जनसत्ता ने ऐसी कोई खबर नहीं छापी है, वायरल दावा गलत है।

क्या है दावा?

फेसबुक यूजर Parmender Shokeen ने अपने प्रोफ़ाइल पर वायरल खबर साझा की।

इस पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहां देखें।

https://ghostarchive.org/archive/zBiSP

अन्य यूजर्स भी यही पोस्ट शेयर कर रहे हैं।

जांच पड़ताल:

हमने अपनी पड़ताल अखबार की क्लिप देखकर शुरू की। मास्टहेड पर बताया गया कि यह खबर 20 मई 2024 की है।

फिर हमने यह जानने के लिए उसी तारीख का जनसत्ता अखबार चेक किया कि यह खबर अखबार में छपी है या नहीं।

20 मई के संस्करण में हमें यह खबर नहीं मिली।

हमें यह समाचार रिपोर्ट जनसत्ता सहित किसी भी हिंदी समाचार पत्र के डिजिटल संस्करण में नहीं मिली।

हमें जनसत्ता के आधिकारिक एक्स हैंडल पर एक ट्वीट मिला जिसमें बताया गया था कि अखबार ने यह खबर नहीं छापी है।

यही पोस्ट हमें जनसत्ता के आधिकारिक फेसबुक पेज पर भी मिली।

हमें जनसत्ता के कार्यकारी संपादक की एक पोस्ट भी मिली, जिसमें कहा गया था कि अखबार की क्लिप फर्जी है।

जनसत्ता ऑनलाइन के संपादक विजय कुमार झा ने भी बताया कि जनसत्ता प्रिंट संस्करण की खबरें ऑनलाइन भी पब्लिश की जाती हैं, लेकिन ऐसी कोई खबर प्रिंट संस्करण में नहीं छपी है। यह किसी की शरारत है जो जनसत्ता का नाम इस्तेमाल करके फेक न्यूज फैला रहा है।

निष्कर्ष: जनसत्ता ने यह खबर नहीं छापी कि पश्चिमी दिल्ली में INDI गठबंधन मजबूत है। वायरल दावा झूठा है।