लाइटहाउस जर्नलिज्म को सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल होता मिला। दावा किया गया है कि वीडियो में दिखाई गई विशाल घंटियां त्रिची स्थित BHEL (Bharat Heavy Electricals Limited) ने बनाई हैं। हालांकि हमारी पड़ताल में हमने पाया कि दावा गलत है। घंटियों का निर्माण नमक्कल जिले में किया गया था।
क्या वायरल हो रहा है?
ट्विटर यूजर Satpal Jinagal ने वायरल वीडियो को अपनी प्रोफाइल पर शेयर किया है।
अन्य यूजर्स भी वीडियो को इसी दावे के साथ शेयर कर रहे हैं।
कैसे हुई पड़ताल?
हमने InVid टूल में वीडियो अपलोड कर पड़ताल शुरू की। InVid टूल में वीडियो अपलोड करने से उससे कई कीफ्रेम मिले और फिर हमने हर फ़्रेम को रिवर्स इमेज सर्च में डाला।
इससे हमें एक ट्वीट मिला, जिसमें बताया गया था कि घंटियां नमक्कल जिले में बनीं हैं और विशेष पूजा के लिए भेजी गई हैं।
हमें पत्रिका पर एक रिपोर्ट भी मिली। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि घंटियां तमिलनाडु से रवाना हुई थीं।

हमें द हिंदू पर भी इस बारे में एक रिपोर्ट मिली।

रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है: अंडाल मोल्डिंग वर्क्स के मालिक आर. राजेंद्रन (66) ने कहा कि उनका परिवार पिछली सात पीढ़ियों से इस व्यवसाय में है। राजेंद्र प्रसाद को हमारे काम के बारे में पता चला और उन्होंने चेन्नई में एक व्यापारी के माध्यम से हमसे संपर्क किया। राजेंद्र प्रसाद को राम मंदिर प्रशासन से मंदिर के लिए घंटियों की आपूर्ति करने का आदेश मिला था।
हमें ऑर्गनाइज़र की वेबसाइट पर एक रिपोर्ट भी मिली, जिसमें बताया गया है कि बेंगलुरु स्थित एक भक्त राजेंद्र प्रसाद ने नामक्कल में मोहनूर रोड पर अंडाल मोल्डिंग वर्क्स से 48 घंटियों का निर्माण कराया है।
रिपोर्ट में यह उल्लेख नहीं किया गया कि घंटियों का निर्माण BHEL त्रिची द्वारा किया गया था। हम BHEL से ईमेल के जरिए भी जुड़े हैं, जवाब मिलने पर इस खबर को अपडेट किया जाएगा।
निष्कर्ष: राम मंदिर (अयोध्या) के लिए विशाल घंटियां BHEL त्रिची द्वारा नहीं बनाई गई हैं। घंटियों का निर्माण नमक्कल में अंडाल मोल्डिंग वर्क्स द्वारा किया गया है।