कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नेशनल हेराल्ड केस में पूछताछ के लिए बुलाया है। इस मामले में राहुल गांधी से कई राउंड की पूछताछ हो चुकी है। 21 जुलाई को कांग्रेस अध्यक्ष ईडी दफ्तर पहुंचतीं उससे पहले तमिलनाडु कांग्रेस ने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर किया, जिसमें सोनिया कह रही हैं – ‘मैं इंदिरा गांधी की बहू हूं… और मैं किसी से नहीं डरूंगी’ यह एक पुराना वीडियो है। लेकिन मौजूदा परिस्थिति को देखते हुए सोनिया के शब्दों की समीक्षा इतिहास के हवाले से की जा रही है।
क्यों इंदिरा को बहादुरी का पर्याय बता रही हैं सोनिया?
इंदिरा देश की इकलौती महिला प्रधानमंत्री रही हैं। उनके फैसलों ने उन्हें बहादूर से लेकर तानाशाह तक का विशेषण दिया। ‘गूंगी गुड़िया’ ने जब बोलना शुरू किया तो अपनी पार्टी से लेकर पड़ोसी मुल्क तक के दो टुकड़े कर दिए। बैंकों का राष्ट्रीयकरण कर पूंजीपतियों से पंगा लिया, प्रिवी पर्स खत्म कर राजा-महाराजाओं को पंगु बनाया। जब सत्ता हाथ से जाता दिखा तो आपातकाल लगाया, लेकिन देश को आतंकवाद से बचाने के लिए ऑपरेशन ब्लू स्टार भी चलाया।
अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में चले ऑपरेशन ब्लू स्टार ने सिखों के एक वर्ग के बीच इंदिरा को विलेन बना दिया। खुफिया एजेंसियों ने चेताया कि इंदिरा पर हमला हो सकता है, वह अपने सिख अंगरक्षकों को हटा दें। जब इंदिरा तक यह बात पहुंची तो उन्होंने गुस्से से पूछा – क्या हम धर्मनिरपेक्ष नहीं हैं? जान को खतरा होने के बावजूद धर्मनिरपेक्षता की कथित रक्षा के लिए इंदिरा ने अपने सिख अंगरक्षकों को नहीं हटाया, जिसका परिणाम उनकी हत्या के रूप में सामने आया।
इंदिरा के खून से भीग गया था सोनिया का गाउन
इंदिरा पर जब उनके सुरक्षाकर्मी बेअंत सिंह और सतवंत सिंह ने हमला किया, तब सोनिया प्रधानमंत्री आवास के भीतर अपने ड्रेसिंग गाउन में थीं। लगातार चली गोलियों की आवाज सुन सोनिया बाहर निकलीं और जमीन पर पड़ी इंदिरा को देख मम्मी-मम्मी चिल्लाते हुए उनके पास पहुंचीं। प्रधानमंत्री आवास के पास रोजाना खड़ा रहने वाला एम्बुलेंस नदारद था।
खून से लथपथ इंदिरा को सफेद एंबेसडर कार की पिछली सीट पर रखा गया। उनका सिर सोनिया के गोद में था। वह लगातार रोए जा रही थीं। एम्स पहुंचने से पहले ही सोनिया का गाउन इंदिरा के खून से भीग चुका था। वह अपनी सास को अपनी गोद में मरते हुए देख रही थीं। सोनिया के इस हृदय विदारक क्षण को कई महत्वपूर्ण किताबों में दर्ज किया गया है।
जनसत्ता स्पेशल स्टोरीज पढ़ने के लिए क्लिक करें। अगर किसी मुद्दे को विस्तार से समझना है तो Jansatta Explained पर क्लिक करें।