डॉ. कुमार विश्वास (Dr Kumar Vishvas) आज किसी परिचय के मोहताज नहीं है। उनकी कविता और शायरी के लाखों दीवाने हैं। वह देश-विदेश में कार्यक्रम करते हैं। कुमार विश्वास जब पहली बार अमेरिका गए थे तो दिलचस्प वाकया हुआ था। जिस शख्स ने उन्हें बुलाया था, वही उन्हें धमकाने लगा था। कार्यक्रम रद्द करने की धमकी भी दे डाली थी। डॉ. कुमार विश्वास बताते हैं कि जब मैं पहली बार अमेरिका गया था तो जिस शख्स ने मुझे बुलाया था उसने पहली बार मुझे आईआईटी कानपुर (IIT Kanpur) में सुना था। इसके बाद 3 साल लगातार मुझे मेल भेजते रहे कि आपको यहां आना है, हम लोग हिंदी का प्रचार-प्रसार करते हैं। अमेरिका में आपके तमाम प्रशंसक हैं। मैंने उनका निमंत्रण स्वीकार कर लिया।
कुमार विश्वास (Kumar Vishwas) बताते हैं कि हमारा शो न्यू-जर्सी में था। मैंने वहां एक कविता सुनाई, ‘होठों पर गंगा हो और हाथों में तिरंगा हो…’। उसी में एक लाइन आती है, ‘दौलत ना अता करना मौला, शोहरत ना अता करना मौला…’। यह लाइन सांप्रदायिक सौहार्द के बारे में थी, जिसमें एपीजे अब्दुल कलाम से लेकर रफी साहब का जिक्र है। मेरी इस कविता पर खूब तालियां बजी, लोग खूब खुश थे।
मंच पर ही कुमार विश्वास को नसीहत देने लगा आयोजक
कुमार विश्वास (Kumar Vishwas Interview) कहते हैं कि जब मैंने अपनी कविता पूरी कर ली तो जो कार्यक्रम के संयोजक थे वह माइक पर आए और उन्होंने कहा कि, ‘बहुत अच्छा शो रहा। कुमार विश्वास जी ने बहुत अच्छा सुनाया, लेकिन ये जो धार्मिक सद्भाव की बात कही है, हिंदुओं को मत सिखाइए…जाकर मुसलमानों को सिखाइए जिन्होंने दुनिया में आग लगाई है’। डिजिटल प्लेटफॉर्म Janta Ka Reporter को को दिये एक पुराने इंटरव्यू में कुमार विश्वास कहते हैं कि, ‘मुझे बड़ा आश्चर्य हुआ और लगा कि कोई ऐसा कैसे कह सकता है, वह भी अमेरिका में। फिर सोचा कि इनको कोई गुस्सा होगा इसलिए ऐसा कह दिया। मैं चुपचाप चला आया’।
हिंदू-मुस्लिम की बात करेंगे तो आपकी जरूरत नहीं
कुमार विश्वास (Kumar Vishwas) बताते हैं कि न्यू-जर्सी वाले शो के 5 दिन बाद रॉचेस्टर में हमारा शो था। उन्होंने मुझे मेल भेजा कि देखें साहब, अगर आप यह मौला-मौला करेंगे तो हमें आपकी जरूरत नहीं है। हिंदू-मुस्लिम एकता की बात करेंगे तो आप हमारे समय मत रहिए, हम हम आपको मौका नहीं दे सकते हैं। उन्हें लगा कि मैं पहली बार अमेरिका आया हूं और 1000 डॉलर पेमेंट है तो मैं बड़ा खुश रहूंगा।
अपने पैसे ले जाइये, मैं भारत लौट रहा हूं….
कुमार विश्वास ने उस शख़्स को आधे घंटे में उनको पलट कर जवाब दिया और लिखा, ‘आप के कल के पैसे रखे हैं। आप आकर अपने पैसे ले जाइए। थैंक यू सो मच…मैं कल की फ्लाइट करा रहा हूं और वापस भारत लौट रहा हूं’। वह बताते हैं कि हमारे कार्यक्रम के कुल 9 स्पॉन्सर थे, उस शख्स ने 8 स्पॉन्सर को कह दिया कि कुमार विश्वास नहीं आ पाएगा, लेकिन उनमें से 6 अड़ गए।
डॉ. कुमार विश्वास कहते हैं कि हमारा बहुत झगड़ा हुआ। उन्होंने मुझे धमकी दी कि तुम फिर कभी वापस अमेरिका (America) नहीं आ पाओगे, तुम्हारा शो नहीं होने देंगे। लेकिन मैंने कविता पढ़ी तो लोगों ने खूब पसंद किया। इसका असर यह हुआ कि अगले साल मुझे नए स्पॉन्सर मिले और उसी न्यू जर्सी में मैंने 2 हाउसफुल शो किये।