India-US Trade Deal: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर न सिर्फ 25% टैरिफ लगाया बल्कि यह भी कहा कि भारत का टैरिफ दुनिया में सबसे ज्यादा है। ट्रंप के इस ऐलान के बाद इंतजार किया जा रहा है कि मोदी सरकार इस मामले में क्या कदम उठाएगी? सरकार ने स्पष्ट रूप से कहा है कि उसके लिए राष्ट्रीय हित सबसे पहले हैं।

ट्रंप के ऐलान के बाद दो बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं। पहला यह कि भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील को लेकर जो बातचीत चल रही थी, उसका क्या होगा और दूसरा क्या वाकई ट्रंप की इस बात में कोई दम है कि भारत का टैरिफ दुनिया में सबसे ज्यादा है?

आइए, इस बारे में थोड़ा सा बातचीत करते हैं।

तंबाकू पर 350 फीसदी तक टैरिफ

आंकड़ों से पता चलता है कि अमेरिका कई आयातित वस्तुओं पर दुनिया के सबसे ऊंचे टैरिफ लगाता है। विशेषकर डेयरी, तंबाकू और खाद्य उत्पादों पर। World Trade Organization (WTO) की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका तंबाकू पर 350% तक, डेयरी पर 200%, अनाज और खाद्य उत्पाद पर 196%, तिलहन, वसा और तेल पर 164% और फल, सब्जियों व अनाज पर 130% से ज्यादा टैरिफ लगाता है।

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इसी तरह, भारत भी कुछ उत्पादों पर ऊंचे टैरिफ लगाता है, जैसे व्हिस्की और वाइन पर 150% तथा कुछ ऑटोमोबाइल्स पर 125%। लेकिन फिर भी भारत के टैरिफ अमेरिका के बराबर ऊंचे बिलकुल भी नहीं हैं।

कुछ और देश जो ऊंचे टैरिफ लगाते हैं, उनमें जापान- चावल पर 400% और कोरिया फल-सब्जियों पर 887% तक टैरिफ यानी शुल्क लगाता है।

कृषि और डेयरी प्रोडक्ट्स को लेकर भारत का विरोध

अब सवाल इस बात का आता है कि ट्रेड डील को लेकर दोनों देशों के बीच समझौता क्यों नहीं हो पा रहा है? इसमें बहुत सारे ऐसे मुद्दे हैं जैसे- कृषि और डेयरी प्रोडक्ट्स आदि। भारत ने अमेरिका के साथ बातचीत में कृषि और डेयरी क्षेत्र को खोलने का विरोध किया है।

भारत का कहना है कि सस्ते, सब्सिडी वाले अमेरिकी कृषि उत्पादों को अगर वह यहां आने का मौका देता है तो इससे लाखों छोटे किसानों को आर्थिक नुकसान होगा।

India Today के मुताबिक, Infomerics Valuation and Ratings के अर्थशास्त्री शंखनाथ बंद्योपाध्याय ने कहा, “कृषि और डेयरी प्रोडक्ट भारत के लिए सबसे पहले हैं क्योंकि यह राजनीतिक और आर्थिक रूप से संवेदनशील हैं। इसलिए भारत 8 करोड़ डेरी फार्मर्स और 70 करोड़ से अधिक ग्रामीणों की आजीविका का हवाला दे रहा है।”

उन्होंने कहा, “अमेरिका भारत के कृषि बाजार में- खासकर GM फसलों, डेयरी तथा मक्का, सोयाबीन, सेब, बादाम और इथेनॉल के लिए अधिक पहुंच चाहता है तथा इनमें टैरिफ में कटौती पर जोर दे रहा है लेकिन भारत इसका विरोध कर रहा है।”

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भारत ने अमेरिका से कहा है कि डेयरी, चावल, गेहूं और मक्का व सोयाबीन जैसी GM फसलों पर शुल्क कम करना अभी संभव नहीं है। अमेरिका की कोशिश अपने अलग-अलग उत्पादों के लिए भारतीय बाजार में बेहतर पहुंच बनाने की है। अमेरिका चाहता है कि भारत नॉन टैरिफ बैरियर को कम करे।

इन सब वजहों से भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील को लेकर बात आगे नहीं बढ़ पा रही है और इसी बीच ट्रंप ने टैरिफ बढ़ाने का ऐलान कर दिया।

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