नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी अपने विदेशी दौरों की वजह से हमेशा चर्चा में बने रहते हैं। कई मौकों पर यही विदेश यात्राएं कांग्रेस पार्टी के लिए राजनीतिक मुश्किल का सबब भी बन जाती हैं।

बीजेपी राहुल गांधी को इन्हीं विदेशी दौरों के कारण अक्सर “पार्ट-टाइम पॉलिटिशियन” करार देती है। यहां सबसे बड़ा सवाल यह है कि राहुल गांधी को लेकर जो बातें कही जाती हैं, उनमें कितनी सच्चाई है?

अगर पिछले कुछ वर्षों का ट्रैक रिकॉर्ड देखा जाए तो राहुल गांधी कई बार किसी राज्य के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले या फिर चुनावी नतीजे आने के तुरंत बाद विदेश दौरों पर चले गए। कई मौकों पर कांग्रेस के महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में भी राहुल गांधी नज़र नहीं आए, और पार्टी नेता उनकी अनुपस्थिति पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे पाए।

बिहार चुनाव से पहले राहुल के विदेश दौरे

पिछले महीने बिहार में ‘वोटर अधिकार यात्रा’ समाप्त करने के कुछ समय बाद राहुल गांधी दक्षिण अमेरिका के चार देशों के दौरे पर चले गए। वहां उन्होंने राजनेताओं, छात्रों और उद्योगपतियों से मुलाक़ात की। उस समय कांग्रेस के मीडिया प्रभारी पवन खेड़ा ने यह तो बताया कि राहुल गांधी विदेश दौरे पर हैं, लेकिन वह यह नहीं बता पाए कि नेता प्रतिपक्ष वहां कितने दिनों तक रहने वाले हैं।

राहुल का लैटिन अमेरिका दौरा सवालों में इसलिए भी रहा क्योंकि बिहार चुनाव सिर पर हैं और महागठबंधन अब तक सीट-शेयरिंग का फ़ॉर्मूला तय नहीं कर पाया है। जानकारों का मानना है कि जब राहुल गांधी को बिहार में चुनावी रणनीति और प्रचार पर ध्यान देना चाहिए था, उसी दौरान वह विदेश यात्रा पर निकल गए।

बिहार की राजनीति के दौरान राहुल गांधी का कथित मलेशिया दौरा भी चर्चा में रहा। बीजेपी ने तस्वीरें जारी कर दावा किया कि “वोटर अधिकार यात्रा” समाप्त होते ही राहुल गांधी छुट्टियां मनाने मलेशिया चले गए। उस समय अमित मालवीय ने लिखा था- “लगता है बिहार की राजनीति की गर्मी युवराज के लिए ज़्यादा हो गई, इसलिए वो छुट्टी पर भाग गए।”

क्या भारत जोड़ो यात्रा छोड़ भी विदेश गए राहुल?

लोकसभा चुनाव 2024 से पहले भारत जोड़ो यात्रा के दौरान भी ऐसे दावे हुए कि यात्रा 10 दिनों के लिए रोक दी गई थी और राहुल गांधी विदेश चले गए। लेकिन फैक्ट-चेक में पता चला कि भारत जोड़ो यात्रा रुकी नहीं थी।

राहुल गांधी राजस्थान में राज्यसभा नामांकन की प्रक्रिया में शामिल होने जयपुर गए थे, जहां सोनिया गांधी भी मौजूद थीं। पवन खेड़ा ने भी “विदेश दौरे” वाले सभी दावों को खारिज किया। इस मामले में विपक्ष का दावा गलत साबित हुआ।

तीन राज्यों के चुनाव, बड़ी हार और राहुल विदेश गए

दिसंबर 2023 में मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में चुनावों में कांग्रेस की हार के बाद यह खबर चली कि राहुल गांधी दक्षिण-पूर्व एशिया दौरे पर जा रहे हैं। कांग्रेस सूत्रों ने कहा कि दौरा पहले से तय था, लेकिन इंडिया गठबंधन के भीतर असहजता बढ़ने के कारण राहुल गांधी ने वह विदेश यात्रा रद्द कर दी। हालांकि इस पर पार्टी की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया।

दिसंबर 2021 में भी राहुल गांधी कुछ दिनों के लिए इटली गए थे। वह दौरा सुर्खियों में इसलिए रहा क्योंकि देश में उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर जैसे राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले थे। सभी दल जोर-शोर से प्रचार में लगे थे, लेकिन राहुल गांधी उस समय विदेश में थे। बाद में कांग्रेस को इन राज्यों में कड़ी हार का सामना करना पड़ा और राहुल गांधी विपक्ष के निशाने पर आ गए।

राहुल का विवादित वियतनाम दौरा

इसी साल राहुल गांधी के दो वियतनाम दौरों को लेकर भी विवाद हुआ। बीजेपी का आरोप था कि नेता प्रतिपक्ष अपने संसदीय क्षेत्र से अधिक समय विदेश में बिता रहे हैं। यहां तक कहा गया कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन के बाद भी राहुल गांधी वियतनाम दौरे पर चले गए थे। उस वजह से बीजेपी ने राहुल की तीखी आलोचना की थी। वहीं कांग्रेस दूसरी तरफ इसे “व्यक्तिगत दौरा” बताते हुए सफाई देती रही।

वर्ष 2019 में जब नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे थे, उस दौरान भी राहुल गांधी दक्षिण कोरिया के दौरे पर चले गए। 2018 में कर्नाटक चुनाव के नतीजे आने के तुरंत बाद भी वे सोनिया गांधी के साथ विदेश चले गए, जिससे राज्य में सरकार गठन और विभाग वितरण में देरी की स्थिति बन गई।

राहुल की विदेशी यात्रों को लेकर क्या आंकड़े?

केंद्र सरकार की ओर से एक आंकड़ा संसद में पेश किया गया था जिसके मुताबिक राहुल गांधी ने 2015 से 2019 के बीच कुल 247 विदेश यात्राएं कीं – यानी औसतन हर साल लगभग 60 से ज़्यादा विदेशी दौरे। इनमें वे यात्राएं शामिल नहीं थीं जिनमें एसपीजी कवर नहीं था। इसका मतलब यह कि वास्तविक संख्या इससे भी अधिक हो सकती है।

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