भजनलाल शर्मा ने राजस्‍थान के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है। दिया कुमारी और प्रेम चंद बैरवा ने ड‍िप्‍टी सीएम के पद की शपथ ली है। भाजपा ने राजघराने से ताल्‍लुक रखने वालींं वसुंधरा राजे स‍िंंध‍ि‍या को भले ही राजस्थान का राजकाज नहीं सौंपा लेकिन, दो में से एक उपमुख्‍यमंत्री का कनेक्‍शन राजघराने से है। दिया कुमारी जयपुर (पहले आमेर) राजघराने से ताल्लुक रखती हैं।

क्या है दिया कुमारी के परिवार का मुगल कनेक्शन?

दिया कुमारी का ताल्‍लुक जयपुर राजघराने से तो है ही, उनके खानदान का कनेक्‍शन मुगलों से भी है। दिया के दादा महाराजा मान सिंह द्वितीय जयपुर रियासत के अंतिम शासक थे। अंग्रेजों के भारत से जाने के साथ ही रियासत भी चली गई। इस परिवार का अंग्रेजों के साथ ही नहीं मुगलों के साथ भी खास संबंध रहा था। दिया कुमारी के पूर्वज ‘मान सिंह प्रथम’ मुगल सम्राट अकबर के नवरत्नों में से एक थे।

The Metropolitan Museum of Art की वेबसाइट पर मान सिंह प्रथम की एक तस्वीर मिलती है। तस्वीर के साथ मान सिंह प्रथम का परिचय लिखा है, जिसमें यह बताया गया है कि उन्हें मिर्जा राजा के नाम से भी जाना जाता था।

1562 में मान सिंह प्रथम, अकबर के दरबार में शामिल हुए। मान सिंह को यह मौका एक शादी की वजह से मिला था। दरअसल अकबर ने आमेर के राजा बिहार मल की सबसे बड़ी बेटी से शादी की। अकबर की इस पत्नी ने मान सिंह प्रथम को गोद लिया था। इस तरह मान सिंह प्रथम का रिश्ता मुगलों से जुड़ा। बाद में वह अकबर के बहुत प्रिय हो गए। कालांतर मे मान सिंह के परिवार का अन्य मुगल शासकों से भी अच्छा संबंध रहा।

व‍िधानसभा चुनाव में दिया कुमारी को विद्याधर नगर से टिकट दिए जाने पर मौजूदा व‍िधायक नरपत सिंह राजवी बहुत नाराज हुए थे। राजवी ने दिया कुमारी पर सवाल उठाते हुए उनके परिवार को मुगलों के सामने घुटने टेकने वाले बताया था।

कौन हैं द‍िया कुमारी?

Princess Diya Kumari Foundation की वेबसाइट के मुताबिक, दिया कुमारी सवाई भवानी सिंह और महारानी पद्मिनी देवी की एकमात्र संतान हैं। सवाई भवानी सिंह जयपुर रियासत के अंतिम शासक मान सिंह द्वितीय के बेटे थे।

दिया कुमारी की मां पद्मिनी देवी का ताल्लुक भी एक राजघराने से था। वह सिरमौर (अब हिमाचल प्रदेश का हिस्सा) के महाराजा की बेटी थीं। यानी दिया के नाना-नानी भी महाराजा और महारानी थे।

दिया कुमारी के पिता सवाई भवानी सिंह ने 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में सेवा दी थी। वह 10वीं पैराशूट रेजिमेंट के पैरा कमांडो के लेफ्टिनेंट कर्नल और कमांडिंग ऑफिसर थे। युद्ध के बाद उन्हें महावीर चक्र से नवाजा गया था।

द‍िया कुमारी 2019 में राजसमंद से सांसद चुनी गई थीं। लेक‍िन, बीजेपी ने उन्‍हें 2023 में राजस्‍थान व‍िधानसभा चुनाव में उतार द‍िया और व‍िद्याधर नगर से ट‍िकट द‍िया। भाजपा ने विद्याधर नगर से तीन बार के विधायक नरपत सिंह राजवी का टिकट काटकर दिया कुमारी को चुनाव लड़वाया था।

ताजमहल पर किया था दावा

जयपुर की पूर्व शाही परिवार की सदस्य दिया कुमारी ने साल 2022 में दावा किया था कि ताज महल उनके परिवार की जमीन पर बना है। पत्रकारों से बात करते हुए कुमारी ने कहा था कि जिस जमीन पर ताज महल बना है, उस पर शाही परिवार का महल था और मुगल बादशाह शाहजहां ने उस पर कब्जा कर लिया था।

उन्होंने कहा था, “तब उनकी (मुग़ल) सरकार थी। आज भी अगर कोई सरकार आपसे जमीन लेती है, तो आपको मुआवज़ा देती है। मैंने सुना है कि तब कोई मुआवज़ा नहीं दिया जाता था। लेकिन उस समय ऐसा कोई कानून नहीं था जहां आप अपील कर सकें। ताज महल की जमीन निश्चित रूप से शाही परिवार की जमीन है।”

उन्होंने इलाहाबाद हाई कोर्ट में चल रहे मामले का जिक्र करते हुए कहा था कि “यह अच्छा है कि किसी ने आवाज उठाई है और याचिका दायर की है। अगर किसी दस्तावेज़ या किसी चीज़ की जरूरत है, तो अदालत आदेश देगी तो हम दस्तावेज़ उपलब्ध कराएंगे।”