नागपुर में हाल ही में हुई हिंसा के बाद सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर कई वीडियो शेयर किए जा रहे हैं। इन वीडियो को नागपुर हिंसा से जोड़ा जा रहा है। लाइटहाउस जर्नलिज्म को एक ऐसा ही वीडियो मिला, जिसके कैप्शन में लिखा था, ‘नागपुर में हिंदुओं का फैसला’। इस वीडियो में एक व्यक्ति कहता है कि दूसरों का समर्थन न करें या दूसरे समुदाय के साथ व्यापार न करें। वह हिंदुओं से मुसलमानों से दोस्ती न करने के लिए भी कहता हुआ सुनाई देता है।

जांच के दौरान हमने पाया कि वीडियो नागपुर का नहीं है और हाल ही में हुए हिंसा से इसका कोई संबंध नहीं है। वायरल दावा भ्रामक है।

क्या है दावा?

फेसबुक यूजर देवा नंद देवराज ने वायरल वीडियो को अपनी प्रोफ़ाइल पर शेयर किया है।

अन्य उपयोगकर्ता भी यही वीडियो शेयर कर रहे हैं।

जांच पड़ताल:

हमने InVid टूल में वीडियो अपलोड करके जांच शुरू की और उसी पर रिवर्स इमेज सर्च चलाया।

रिवर्स इमेज सर्च से हमें फेसबुक यूजर संजीव भाटी द्वारा 16 मार्च को अपलोड किया गया एक वीडियो मिला।

कैप्शन में कहा गया है: 9 मार्च, 2025 को दिल्ली में रोहित गुर्जर की हत्या जो कि ज्वालामुखी फार्म में रहने वाले जेहादियों ने की थी। जिसमें अभी भी 4 मुख्य आरोपी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। कृपया मेरे सभी 36 बिरादरी के भाई रोहित को न्याय दिलाने आगे आयें।
स्थान – गाजीपुर गांव, समय – दोपहर 12 बजे। तारीख- 23 मार्च दिन – रविवार

लाइव वीडियो 16 मार्च का था, और नागपुर में हिंसा 17 मार्च, 2025 को हुई थी।

हमें रोहित गुर्जर की हत्या से जुड़ी एक रिपोर्ट भी मिली, जिसके संबंध में गाजीपुर में एक महापंचायत भी आयोजित की गई थी।

निष्कर्ष: दिल्ली के गाजीपुर गांव का एक वीडियो नागपुर में हाल ही में हुई हिंसा से जोड़कर शेयर किया जा रहा है। वायरल दावा भ्रामक है।