लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे भले ही बीजेपी के लिए देशभर में सुखद ना रहे हों लेकिन दिल्ली में वह अपने पुराने प्रदर्शन को दोहराने में कामयाब रही है। दिल्ली की सातों लोकसभा सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की और यहां कांग्रेस और आप मिलकर चुनाव लड़ने के बाद भी उससे एक भी सीट नहीं छीन सकीं।
2019 के लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी ने सभी 7 सीटें जीती थीं। दिल्ली में गठबंधन के तहत आप ने 4 और कांग्रेस ने 3 सीटों पर चुनाव लड़ा था।
आप ने कह दिया है कि विधानसभा चुनाव में उसका कांग्रेस से गठबंधन नहीं रहेगा। लेकिन, लोकसभा चुनाव के नतीजों से विधानसभा चुनावों में आप की संभावना से जुड़े क्या संकेत देखे जा सकते हैं? जवाब के लिए कुछ आंकड़ों पर गौर करते हैं।
पिछले दो चुनाव में मिली थी बड़ी जीत
दिल्ली में 2015 और 2020 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने जोरदार जीत हासिल की थी। 2015 में आप को 67 और 2020 में 62 सीटों पर जीत मिली थी। 2020 के विधानसभा चुनाव में आप ने शानदार प्रदर्शन किया था। दिल्ली में विधानसभा की 70 सीटें हैं।
राजनीतिक दल | 2019 लोकसभा चुनाव में | 2020 विधानसभा चुनाव में | 2024 लोकसभा चुनाव में |
बीजेपी को कितने विधानसभा क्षेत्रों में मिली बढ़त | 65 | 8 | 52 |
कांग्रेस को कितने विधानसभा क्षेत्रों में मिली बढ़त | 5 | 0 | 18 (आप सहित) |
आप को कितने विधानसभा क्षेत्रों में मिली बढ़त | 0 | 62 | 18 (कांग्रेस सहित) |
लोकसभा चुनाव के लिहाज से देखा जाए तो बीजेपी ने सभी सात सीटें जीत जरूर लीं, पर 2019 की तुलना में 2024 में 13 विधानसभा क्षेत्रों में उसकी बढ़त नहीं रही। वहीं, आप 2019 में एक भी विधानसभा क्षेत्र में बढ़त नहीं बना सकी थी, लेकिन इस बार कांग्रेस के साथ मिलकर 18 क्षेत्रों में बढ़त बनाने में कामयाब रही। इन आंकड़ों में आप अपने लिए उम्मीद की किरण देख सकती है।
2024 के लोकसभा चुनाव में जिन 18 सीटों पर इंडिया गठबंधन आगे रहा है, उनमें से 10 सीटें उन चार लोकसभा क्षेत्र में हैं, जो आम आदमी पार्टी के खाते में थीं जबकि आठ विधानसभा सीटें उन तीन लोकसभा क्षेत्र में हैं, जहां से कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार उतारे थे।
दिल्ली में किसका कितना वोट शेयर
राजनीतिक दल | 2019 लोकसभा चुनाव में (प्रतिशत में) | 2020 विधानसभा चुनाव में (प्रतिशत में) | 2024 लोकसभा चुनाव में (प्रतिशत में) |
बीजेपी | 56.7 | 38.5 | 54.4 |
कांग्रेस | 22.6 | 4.3 | 18.9 (तीन सीटों पर लड़ी थी) |
आप | 18.2 | 53.6 | 24.2 (चार सीटों पर लड़ी थी) |
वोट शेयर के लिहाज से भी लोकसभा चुनाव 2024 में जहां भाजपा को करीब दो प्रतिशत का नुकसान हुआ, वहीं आप छह प्रतिशत फायदे में रहीं।
लोकसभा में बीजेपी, विधानसभा में आप
चुनाव के आंकड़ों का विश्लेषण करने से पता चलता है कि इंडिया गठबंधन ने जिन तीन विधानसभा क्षेत्रों में बीजेपी से ज्यादा वोट हासिल किए हैं, इन विधानसभा क्षेत्रों में सरकारी कर्मचारियों की काफी संख्या है। ये विधानसभा क्षेत्र- नई दिल्ली, आरके पुरम और दिल्ली कैंट हैं। बीजेपी को 2019 के लोकसभा चुनाव में तीनों विधानसभा क्षेत्र में ज्यादा वोट मिले थे। लेकिन 2020 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी इन तीनों विधानसभा क्षेत्र में जीती थी। इसमें से नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र से आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल विधायक हैं।
दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी का गिरता स्ट्राइक रेट
2014 में केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद से दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी का स्ट्राइक रेट बुरी तरह गिरा है। 2013 के विधानसभा चुनाव में पार्टी का स्ट्राइक रेट 45% था जो 2015 में 4% के आसपास आ गया। हालांकि 2020 के विधानसभा चुनाव में यह थोड़ा सा बढ़ा और 12% के आसपास तक पहुंच गया।

लोकसभा चुनाव 2024 में केजरीवाल के मंत्रियों के क्षेत्र में ऐसा रहा आप का प्रदर्शन
दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय की विधानसभा बाबरपुर और इमरान हुसैन की विधानसभा बल्लीमारान में बीजेपी बढ़त हासिल नहीं कर सकी। इसके उलट दिल्ली सरकार के अन्य मंत्रियों- आतिशी मार्लेना, सौरभ भारद्वाज और कैलाश गहलोत, स्पीकर रामनिवास गोयल, डिप्टी स्पीकर राखी बिड़लान और पार्टी के चीफ व्हिप दिलीप पांडे के विधानसभा क्षेत्रों में आम आदमी पार्टी को निराश होना पड़ा। मतलब यहां भाजपा, इंडिया गठबंधन से ज्यादा वोट लाने में कामयाब रही।
अपनी विधानसभा सीटों पर लीड नहीं दिला सके दो उम्मीदवार
आम आदमी पार्टी ने इस लोकसभा चुनाव में अपने तीन विधायकों को टिकट दिया था। इनमें से तुगलकाबाद के विधायक सहीराम पहलवान को दक्षिणी दिल्ली से, कोंडली के विधायक कुलदीप कुमार को पूर्वी दिल्ली से और मालवीय नगर के विधायक सोमनाथ भारती को उम्मीदवार बनाया गया था। इनमें से सही राम पहलवान तुगलकाबाद में बीजेपी से ज्यादा वोट हासिल करने में कामयाब रहे जबकि सोमनाथ भारती और कुलदीप कुमार अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में पीछे रहे।

केजरीवाल ने भी किया चुनाव प्रचार
लोकसभा चुनाव के दौरान ही दिल्ली में चुनावी माहौल तब काफी गर्म हो गया था जब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अदालत ने चुनाव प्रचार करने के लिए जमानत दी थी। उस दौरान केजरीवाल ने दिल्ली के लोगों से कहा था कि उन्हें नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने झूठे आरोपों में फंसा कर जेल में रखा हुआ है। केजरीवाल की गैर मौजूदगी में उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल भी चुनाव प्रचार करने उतरी थीं।
2019 लोकसभा चुनाव के नतीजे बताते हैं कि चुनाव में सातों सीटें जीतने और बड़ा वोट शेयर हासिल करने के बाद भी 2020 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी दहाई के आंकड़े तक नहीं पहुंच सकी थी।

2024 के लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी ने लगभग 2019 जैसा ही प्रदर्शन किया है। तो देखना होगा कि आम आदमी पार्टी क्या 2020 के विधानसभा चुनाव की तरह बड़ी जीत हासिल करेगी या फिर उसे कथित शराब घोटाले में केजरीवाल की गिरफ्तारी और सांसद स्वाति मालीवाल प्रकरण की वजह से कुछ नुकसान होगा।
स्वाति मालीवाल के साथ मुख्यमंत्री निवास में मारपीट के प्रकरण को भाजपा ने महिला सुरक्षा से जोड़कर एक बड़ा मुद्दा बनाया था। इसे लेकर आम आदमी पार्टी के अंदर भी लड़ाई दिखाई दी क्योंकि पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने इस बात को स्वीकार किया कि मुख्यमंत्री आवास में स्वाति मालीवाल के साथ अभद्रता हुई है। इस मामले में आरोपी विभव कुमार को मुख्यमंत्री आवास से ही गिरफ्तार किया गया था।
दिल्ली की सात लोकसभा सीटों पर कौन बना सांसद
सीट का नाम | इन्हें मिली जीत |
नई दिल्ली | बांसुरी स्वराज |
चांदनी चौक | प्रवीण खंडेलवाल |
उत्तर-पश्चिमी दिल्ली | योगेंद्र चंदोलिया |
उत्तर-पूर्वी दिल्ली | मनोज तिवारी |
पूर्वी दिल्ली | हर्ष मल्होत्रा |
दक्षिणी दिल्ली | रामबीर सिंह बिधूड़ी |
पश्चिमी दिल्ली | कमलजीत सहरावत |