झारखंड के जामताड़ा के बाद अब मथुरा-मेवात-भरतपुर, जोधपुर-बाड़मेर और गुजरात आनलाइन साइबर ठगी के नए केंद्र बनते जा रहे हैं। पुलिस के आंकड़े बताते हैं कि पहले जहां झारखंड का जामताड़ा व देवघर जिले क्रेडिट कार्ड व केवाइसी से जुड़ी ठगी के लिए कुख्यात है। वहीं, अब साइबर ठगों ने तरीका और ठिकाना भी बदल लिया है।
राजस्थान के जोधपुर और बाड़मेर के साथ-साथ गुजरात, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश में नकली बैंक खातों को मुहैया करा कर आनलाइन साइबर ठगी की जाती है। खाता मुहैया करवाने वालों को उनका कमीशन मिलता है। खास बात यह है कि अधिकतर खाते फर्जी दस्तावेजों के आधार पर खुलवाए जाते हैं और ठगी की रकम आते ही आरोपी तुरंत निकाल लेते है। फिर दोबारा से उसका इस्तेमाल नहीं करते।
वहीं, मेवात और भरतपुर फर्जी नौकरी, निवेश के नाम पर ठगी, अश्लील वीडियो फोन काल कर वसूली जैसे आपराधिक गतिविधियों का अड्डा बन गए हैं। मेवात फर्जी होटल बुकिंग और फर्जी विदेश टूर के नाम पर भी ठगी का केंद्र बनता जा रहा है।
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आंकड़ों पर नजर डालें तो दिल्ली में 30 जून 2025 तक साइबर आनलाइन ठगी के 184 मामले दर्ज किए गए हैं। इस दौरान ठगों ने 7064802424 रुपए की ठगी की है। वहीं, साल 2024 में 1591 मामले दर्ज हुए थे और कुल 8176485471 रुपए की ठगी की गई थी। इसी प्रकार साल 2023 में 1347 मामले दर्ज किए गए थे और 1835626648 रुपए की ठगी गई थी।
वहीं, दिल्ली में साल 2022 में 1545 मामले दर्ज हुए थे और 2312350148 रुपए की ठगी हुई थी। पिछले सोमवार को मध्य जिला पुलिस ने 20 लाख रुपए की ठगी के मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया था। जिला पुलिस उपायुक्त निधिन वल्सान के मुताबिक जांच में पता चला कि इन पांचों खिलाफ राष्ट्रीय साइबर अपराध पोर्टल पर आनलाइन ठगी के 473 मामले दर्ज कराए गए थे।