उपराष्ट्रपति पद चुनाव के लिए एनडीए ने सीपी राधाकृष्णन को उम्मीदवार घोषित किया गया है। सीपी राधाकृष्णन महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं, वह मूल रूप से तमिलनाडु के रहने वाले हैं और दो बार कोयंंबटूर के सांसद चुने जा चुके हैं। अब उनका उपराष्ट्रपति बनना तय माना जा रहा है।
सीपी राधाकृष्णन अटल बिहारी वाजपेयी के दौर में साल साल 1998 में पहली बार लोकसभा चुनाव जीते थे। इसके बाद साल 1999 में हुए लोकसभा चुनाव में उन्हें बीजेपी ने फिर प्रत्याशी बनाया और उन्होंने दोबारा जीत दर्ज की।
कितना था जीत का अंतर?
साल 1998 में अटल बिहारी वाजपेयी एनडीए की तरफ से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार थे। बीजेपी इस चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, कोयंंबटूर लोकसभा सीट पर सीपी राधाकृष्णन ने बीजेपी के उम्मीदवार के तौर पर 4,49,269 वोट हासिल किए। इस चुनाव में बीजेपी और AIADMK के बीच गठबंंधन था। इस सीट पर दूसरे नंंबर पर DMK के सुब्बियन के आर रहे, उन्हें 3,04,593 वोट प्राप्त हुए और सीपी राधाकृष्ण ने 1,44,676 वोटों से जीत हासिल की।
बीजेपी ने सीपी राधाकृष्णन को ही उपराष्ट्रपति उम्मीदवार के लिए क्यों चुना?
इसके बाद साल 1999 में लोकसभा चुनाव में सीपी राधाकृष्णन को 4,30,068 प्राप्त हुए और उन्होंने 54,077 वोटों से जीत हासिल की। इस चुनाव में बीजेपी और डीएमके के बीच गठबंधन था। सीपी राधाकृष्णन के सामने चुनाव लड़े सीपीआई के नल्लाकन्नु आर को 3,75,991 वोट मिले। सीपीआई लोकसभा चुनाव 1999 में AIADMK और कांग्रेस गठबंधन का हिस्सा थी।
2004, 2014 और 2019 में हारे चुनाव
बीजेपी ने सीपी राधाकृष्णन को साल 2004, 2014 और साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में कोयंबटूर लोकसभा सीट पर प्रत्याशी बनाया लेकिन वह तीनों ही चुनाव हार गए। साल 2004 लोकसभा चुनाव में बीजेपी हार के साथ सत्ता से बाहर हो गई थी। कोयंबटूर में भी सीपी राधाकृष्ण को 1,64,505 वोटों से हार का सामना करना पड़ा।
इसके बाद साल 2014 और साल 2019 में हुए चुनाव इसलिए खास हैं क्योंकि इन दोनों चुनाव में नरेंद्र मोदी बीजेपी की तरफ से पीएम पद उम्मीदवार थे और उनके नेतृत्व में बीजेपी ने विशाल जीत भी हासिल की। हालांकि इसके ठीक उलट 2014 और 2019 में कोयंंबटूर लोकसभा सीट पर बीजेपी को क्रमश: AIADMK और फिर CPIM से हार का सामना करना पड़ा।
2019 लोकसभा चुनाव में बढ़ा हार का अंतर
साल 2014 के लोकसभा चुनाव में सीपी राधाकृष्णन को 3,89,701 वोट मिले और वो दूसरे नंंबर पर रहे। इस चुनाव में AIADMK के नागराजन पी ने 4,31,717 वोट हासिल कर 42,016 वोटों से जीत दर्ज की। साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में भी सीपी राधाकृष्ण को हार सामना करना पड़ा। वह 3,92,007 हासिल कर दूसरे स्थान पर रहे जबकि CPIM के नटराजन पी आर ने 5,71,150 वोट प्राप्त कर 1,79,143 वोटों से जीत दर्ज की। इसके बाद साल 2023 में केंद्र सरकार ने उन्हें झारखंड का राज्यपाल नियुक्त कर दिया।
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