उत्तर प्रदेश में सीतापुर लोकसभा सीट से कांग्रेस के सांसद राकेश राठौर के एक पत्र ने पार्टी को मुश्किल में डाल दिया है। सांसद राठौर ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि पार्टी में उनके साथी संजय दीक्षित ने उनके साथ जातिवाद किया है और उन्हें अपमानित भी किया है।
पत्र में राठौर ने कहा है कि वह समाज के सबसे पिछड़े वर्ग से आते हैं और उन्होंने विधायक रहते हुए बीजेपी को उसके ‘अपर कास्ट माइंडसेट’ की वजह से छोड़ा था।
राठौर ने पत्र में लिखा है कि उन्होंने विपक्ष के नेता राहुल गांधी और कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के सामाजिक न्याय के एजेंडे के चलते कांग्रेस ज्वाइन की थी।

ओबीसी समुदाय से आने वाले राकेश राठौर ने पत्र में लिखा है कि वंचित वर्गों के लोग राजनीति में इसलिए आते हैं क्योंकि वह अपने समुदाय के लिए सम्मान चाहते हैं। अगर किसी निर्वाचित सांसद के साथ ऐसा होता है तो आप कल्पना कीजिए कि पार्टी में दलित, ओबीसी और मुस्लिम समुदाय के कार्यकर्ता कैसे व्यवहार का सामना कर रहे होंगे?
अजय राय बोले- ‘छोटी घटना’
राठौर के बारे में पूछे जाने पर उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय ने इसे एक ‘छोटी घटना’ बताया और कहा कि उन्हें अभी तक इस संबंध में कोई शिकायत नहीं मिली है। यह पत्र कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष को भेजा गया है इसलिए उन्हें ही इस मामले में फैसला करना है।

सीतापुर के सांसद का कहना है कि 6 जुलाई को संजय दीक्षित ने उन्हें धक्का दिया और अपमानित किया। संजय दीक्षित उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के वार रूम में काम करते हैं। राठौर ने पत्र में कहा है कि वह प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के साथ कांग्रेस के दफ्तर गए थे, वहां पर एक कार्यक्रम में संजय दीक्षित अजय राय के साथ ही थे, उन्होंने मुझे अपमानित किया और धक्का देकर कार्यक्रम में शामिल होने से रोकने की कोशिश की।
सांसद ने इस्तेमाल की आपत्तिजनक भाषा: दीक्षित
इस मामले में संजय दीक्षित का कहना है कि राकेश राठौर ने बात को गलत समझा है। हम लोग जिस कार्यक्रम में गए थे, वहां के एनजीओ की मैनेजर अजय राय और उनके साथ आए नेताओं के आने की वजह से खुश थीं और उन्होंने हमसे उनके दफ्तर में मिलने को कहा। सीतापुर के सांसद राठौर भी वहां जाना चाहते थे और जब मैंने उन्हें रोका तो उन्होंने मेरे खिलाफ बेहद आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया।

कांग्रेस ने दीक्षित को कर दिया था बाहर
सांसद ने अपने पत्र में लिखा है कि संजय दीक्षित को 2018 में कांग्रेस से बाहर कर दिया गया था और फिर से उनकी पार्टी में वापसी हुई है। कांग्रेस ने दीक्षित के खिलाफ अनुशासनहीनता के मामले में कार्रवाई की थी और यह तब हुई थी जब उन्होंने बहुजन समाज पार्टी के पूर्व नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी को कांग्रेस में शामिल किए जाने का विरोध किया था।
जब पार्टी ने दीक्षित को कारण बताओ नोटिस जारी किया था तो उन्होंने अपने जवाब को सार्वजनिक कर दिया था।
(इनपुट- असद रहमान)