सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (20 फरवरी) को महिला और पुरुष की शादी की उम्र एक समान करने की मांग वाली याचिका पर विचार करने से मना कर दिया और कहा कि यह संसद को तय करना है। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud), जस्टिस पी एस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच ने मामले पर सुनवाई की। एडवोकेट अश्विनी उपाध्याय (Ashwini Upadhyay) की याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि आप कह रहे हैं कि महिलाओं की शादी की उम्र 18 नहीं 21 साल होना चाहिए। अगर हम 18 साल की समय सीमा खत्म कर देंगे तो कोई सीमा ही नहीं बचेगी। ऐसे में तो कोई 5 साल की उम्र में भी शादी कर सकता है।

इस पर अश्विनी उपाध्याय (Ashwini Upadhyay) ने कहा कि 18 साल और 21 साल की दो अलग-अलग उम्र सीमा मनमानी है। संसद में पहले से ही इस कानून पर बहस चल रही है। इस पर जस्टिस पी एस नरसिम्हा ने अश्विनी उपाध्याय को टोकते हुए कहा कि जब संसद में कानून पर बहस चल रही है तो आप हमारे पास क्यों आए हैं? इस पर उपाध्याय ने कहा कि आप मामले को स्थगित कर दीजिए। उपाध्याय ने तर्क दिया कि अगर 18 साल की समय सीमा खत्म कर दी जाती है तो यह अपने आप 21 साल हो जाएगा? उन्होंने हिंदू मैरिज एक्ट का हवाला दिया। इस पर सीजेआई ने इसे दिखाने को कहा।

‘आर्टिकल 32 का मजाक मत बनाइये’

चीफ जस्टिस ने कहा कि आर्टिकल 32 का मजाक मत बनाइए। हमें अकेले संविधान के कस्टोडियन नहीं हैं। संसद, खुद कानून बना सकती है और तय कर सकती है। कुछ मामले संसद के लिए हैं और संसद पर ही छोड़ दीजिए।

इस पर अश्विनी उपाध्याय ने कहा कि हमें लॉ कमीशन जाने की अनुमति दे दीजिये। CJI चंद्रचूड़ ने सवाल किया कि आपको किसी ने लॉ कमीशन जाने से रोका है? उपाध्याय ने जवाब दिया नहीं…। फिर चंद्रचूड़ ने पूछा कि फिर आपको छूट क्यों चाहिए? चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ की इस टिप्पणी पर उपाध्याय ने कहा फिर इस मामले को हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर कराने का फायदा क्या रह गया?

CJI बोले- आपको खुश करने के लिए नहीं बैठे हैं

इसी बात पर चीफ जस्टिस तल्ख हो गए। उन्होंने कहा कि हम आपकी राय सुनने के लिए नहीं बैठे हैं। हम यहां पर संवैधानिक ड्यूटी पूरी करने के लिए बैठे हैं। न तो आपको और न किसी पार्टी को खुश करने के लिए बैठे हैं। आप हमारे (कोर्ट के लिए) जैसा महसूस करते हैं, इसपर हमें आपकी टिप्पणी की आवश्यकता नहीं है। आप बार के सदस्य हैं, हमारे सामने बहस करें। यह कोई पॉलिटिकल फोरम नहीं है।