अमेरिका और यूरोप के कई देश आए दिन चीन के वीगर मुसलमानों के मानवाधिकार का मुद्दा उठाते रहते हैं। चीन पर आरोप लगते रहे हैं कि वह शिनजियांग प्रांत के वीगर मुसलमानों के मानवाधिकार का उल्लंघन करता है।

पिछले दिनों (गुरुवार) संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार परिषद (UNHRC) में चीन के खिलाफ एक प्रस्ताव लाया गया था। प्रस्ताव वीगर मुसलमानों के मानवाधिकार उल्लंघन पर बहस को लेकर था लेकिन ज्यादातर मुस्लिम देशों ने ही प्रस्ताव के विरोध में वोट किया।

47 सदस्यों वाली परिषद में 17 देशों ने प्रस्ताव के समर्थन में और 19 ने खिलाफ में वोट किया। वहीं भारत समेत 11 देशों ने वोटिंग में भाग ही नहीं लिया। परिणामस्वरूप प्रस्ताव गिर गया। आइए जानते हैं कौन हैं वीगर मुसलमान और क्या है उनके क्षेत्र शिनजियांग का इतिहास:

वीगर मुसलमानों का इतिहास

बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वीगर मूल रूप से मध्य एशिया की तुर्क आबादी का हिस्सा था। जिन वीगरों को आज कथित तौर पर मुसलमान होने की वजह से चीन में उत्पीड़न झेलना पड़ता है, वह 10वीं शताब्दी तक मुसलमान ही नहीं थे। दसवीं शताब्दी में जब मध्य में इस्लाम फैला तब अधिकतर वीगर ने आबादी इस्लाम अपनाया। उससे पहले वीगर मणिचेइज़्म नामक एक धर्म को मानते थे। अब वीगर मूल के लोगों का एक बड़ा हिस्सा इस्लाम को ही मानता है।

सितंबर 2021 में प्रकाशित ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 1953 में वीगर की आबादी 3.61 मिलियन थी जो 2020 में बढ़कर 11.62 मिलियन हो गई थी।

जहां रहते हैं वीगर

9वीं शताब्दी में वीगर मूल के लोगों का एक बड़ा हिस्सा शिनजियांग क्षेत्र में बसा था, तब से वह आबादी वहीं रह रही है। उत्तर पश्चिमी चीन में स्थित शिनजियांग रेगिस्तान और पहाड़ों का एक विशाल क्षेत्र है। यह चीन के कुल क्षेत्रफल का छठा भाग है।

संसाधनों से समृद्ध यह क्षेत्र कपास उत्पादन का दुनिया का एक बड़ा केंद्र है। चीन और मध्य पूर्व को जोड़ने वाला प्राचीन सिल्क रोड व्यापार मार्ग शिनजियांग से होकर गुजरता था। चीन इस क्षेत्र को नये सिल्क रूट का भी बड़ा ठीहा बना रहा है।

वर्ल्ड बैंक की एक रिपोर्ट के मुताबिक, शिनजियांग जल संसाधन के मामले में समृद्ध क्षेत्र है। वहां 570 से अधिक छोटी-बड़ी नदियां हैं। वहां प्रति व्यक्ति जल की मात्रा राष्ट्रीय औसत से अधिक है। खनिज संसाधनों से भरपूर शिनजियांग में 122 प्रकार के खनिज खोज जा चुके हैं, जो चीन के कुल खनिज का 80% है।

ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट की मानें तो, वीगर आबादी वाले इस क्षेत्र में तीन बड़े पहाड़ और दो बड़ी घाटिया हैं। तीनों पहाड़ खनिज और दोनों घाटियां तेल का भंडाल हैं। पहाड़ों में सोना और लोहा समेत कई दुर्लभ धातु पाए जाते हैं। 70 से अधिक गैर-धातु खनिजों का भी भंडार है।  ज्ञात लौह अयस्क का भंडार 730 मिलियन टन और नमक 318 मिलियन टन है।

तारिम, जंगगर और तुरपन जैसे बड़े घाटियों में तेल, गैस, कोयला और खनिज लवण भरे हैं। ज्ञात तेल और गैस का भंडार 30 अरब टन से अधिक है, जो देश के कुल का एक तिहाई हिस्सा है।