पाकिस्तान पिछले कुछ सालों से राजनीतिक अस्थिरता के साथ-साथ गंभीर आर्थिक संकट से भी जूझ रहा है। इस बीच बाढ़ और संक्रामक बीमारियों जैसी आपदाओं ने हालत को और बदतर किया है। अब खबर है कि पड़ोसी मुल्क अपने गधों और कुत्तों की मदद से इस संकट को मात देगा। क्या है इकोनॉमिक क्राइसिस से निकलने का यह प्लान, आइए जानते हैं:
चीन की मदद से कुत्ते देंगे करेंसी
पाकिस्तान ने पैसा कमाने का एक नया रास्ता निकाला है। इस काम में उसकी मदद के लिए चीन आगे आया है। जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने पाकिस्तान से गधे और कुत्ते खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है। सोमवार को वाणिज्य मंत्रालय और सीनेट की स्थायी समिति के अधिकारियों के बीच आयात और निर्यात पर ब्रीफिंग के दौरान, संसदीय समिति के एक सदस्य दिनेश कुमार ने कहा कि चीन ने पाकिस्तान से गधों के साथ-साथ कुत्तों को भी आयात करने में रुचि दिखाई है।
सीनेटर अब्दुल कादिर ने समिति को बताया कि चीनी राजदूत ने कई बार पाकिस्तान से मांस निर्यात करने की बात कही है। समिति के सदस्यों में से एक ने यह भी सुझाव दिया कि चूंकि अफगानिस्तान में जानवर सस्ते हैं, इसलिए पाकिस्तान वहां से खरीदकर उनका मांस चीन को बेच सकता है। फिलहाल पाकिस्तान का अफगानिस्तान से निर्यात रुका हुआ क्योंकि वहां जानवरों में लंपी वायरस की बीमारी फैल गई है।
चीन क्यों खरीदता है गधा?
एक रिपोर्ट के मुताबिक, चीन को गधों में गहरी दिलचस्पी है। दरअसल गधों की खाल में औषधीय गुण होते हैं, जिनसे पारंपरिक चीनी दवाओं “ईजाओ” या जिलेटिन का निर्माण होता है। इन दवाओं से रक्त को पोषण मिलता है और इम्यूनिटी बढ़ती है। दुनिया में गधों की तीसरी सबसे बड़ी आबादी पाकिस्तान के पास है। 2021-22 की गणना के मुताबिक, पाकिस्तान में करीब 5.7 मिलियन गधे हैं। चीन पहले भी पाकिस्तान से जानवरों को खरीदता रहा है।
देश का कैश रिजर्व बढ़ाने के लिए पिछले साल पाकिस्तान की पंजाब सरकार ने 3 हजार एकड़ में गधों का फार्म बनाया था। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान पर कुल 59.7 ट्रिलियन रुपया (पाकिस्तानी रुपया) का कर्ज है। यह पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 25 प्रतिशत अधिक है।