Chaudhary Charan Singh Jayanti: भारत के पांचवे प्रधानमंत्री (Fifth Prime Minister of India) चौधरी चरण सिंह (Charan Singh) का जन्म 23 दिसंबर 1902 को हुआ था। उनके जन्मदिन को हर साल राष्ट्रीय किसान दिवस (Kisan Diwas 2022) के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने 1979 से 1980 तक बहुत कम समय के लिए सरकार का नेतृत्व किया था। यह एक ऐसा समय था जब भारत राजनीतिक उथल-पुथल से जूझ रहा था और आपातकाल से उबर रहा था।

चरण सिंह ने गिराई थी पहली गैर-कांग्रेसी सरकार

चौधरी चरण सिंह देश के दूसरे गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री और उत्तर प्रदेश के पहले गैर-कांग्रेसी मुख्यमंत्री रहे। इंदिरा गांधी के आपातकाल के बाद मोरारजी देसाई के नेतृत्व में बनी पहली गैर-कांग्रेसी सरकार से चरण सिंह के मतभेद हो गए थे। दरअसल चरण सिंह सरकार में शामिल जनसंघ व आरएसएस के सदस्यों की दोहरी सदस्यता के खिलाफ थे। उन्होंने ऐसे लोगों को सरकार से बाहर करने की मांग रखी।

रशीद किदवई ने अपनी किताब ‘भारत के प्रधानमंत्री’ में बताया है कि जब चरण सिंह की मांग नहीं मागी गयी, तो उन्होंने जून 1979 में संजय गांधी से गुपचुप मुलाकात कर देसाई को प्रधानमंत्री पद से हटाने की योजना बना डाली। जल्द ही प्लान पर काम हुआ और चरण सिंह प्रधानमंत्री बन गए। उनकी सरकार को कांग्रेस ने बाहर से समर्थन दिया। किदवई लिखते हैं कि उस समय एक बहुत ही अटपटा सा नारा लगता था, ‘चरण सिंह लाया ऐसा आंधी, देश की नेता इंदिरा गांधी’

कांग्रेस ने गिरा दी चरण सिंह की सरकार

किदवई बताते हैं कि देसाई की सरकार गिरा चरण सिंह को प्रधानमंत्री बनाना कांग्रेस की एक चाल थी क्योंकि इंदिरा गांधी और संजय गांधी खुद सत्ता को लालायित थे। ऐसे में कुछ ही दिनों बाद कांग्रेस ने चरण सिंह सरकार से समर्थन वापस ले लिया और उनकी सरकार गिर गई। चरण सिंह का कार्यकाल 28 जुलाई 1979 से 14 जनवरी 1980 तक रहा। इतने कम दिन तक प्रधानमंत्री रहने की वजह से चरण सिंह ऐसे पीएम बन गए, जिन्हें संसद के एक भी सत्र में शामिल होने का मौका नहीं मिल सका।

किसान परिवार से थे चरण सिंह

चरण सिंह का जन्म 1902 में उत्तर प्रदेश के नूरपुर में एक मध्यमवर्गीय किसान परिवार में हुआ था। उन्होंने 1923 में विज्ञान में स्नातक की डिग्री और 1925 में आगरा विश्वविद्यालय से मास्टर डिग्री प्राप्त की।