वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को आम बजट पेश किया। बजट में इनकम टैक्स पर मध्यम वर्ग और नौकरीपेशा लोगों को थोड़ी राहत देने और अगले पांच साल में रोजगार सृजन के लिए दो लाख करोड़ रुपये के आवंटन की घोषणा की। इसके साथ ही उन्होंने सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल सहयोगी दलों के शासन वाले राज्यों- बिहार और आंध्र प्रदेश के लिए कई परियोजनाओं का भी ऐलान किया। बजट के बाद तमाम दलों और नेताओं ने इस पर अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दी। ऐसे ही बजट पर एक न्यूज चैनल पर चर्चा के दौरान कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत और भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी के बीच बहस छिड़ गयी।
एबीपी न्यूज पर भारत के बजट पर चर्चा के दौरान कांग्रेस की प्रतिक्रिया पर भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, “अगर भारत को विकसित राष्ट्र बनाना है तो उस दिशा में बड़े सधे तरीके से , सतर्कता के साथ और पूरी धृढ़ता के साथ हम आगे बढ़ रहे हैं। रही बात आलोचना की तो जो लोग तीसरे अटेम्प्ट में तीन डिजिट नहीं छू पाये वो तो कुंठा, हताशा दिखाएंगे ही उसमें कोई खास बात नहीं है।”
‘जलेबी बनाने से नौकरियां नहीं बनतीं’
जिस पर एंकर ने कांग्रेस प्रवक्ता से कहा कि आप लोग रोजगार, नौकरी पर सवाल उठाते रहे हैं पर देर आए दुरुस्त आए ही सही, कम से कम नौकरी तो वो ले आए हैं तो इस पर थोड़ी तारीफ़ तो बनती है। इसके जवाब में सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, “अगर लच्छेदार बातों से नौकरियां बन जाती तो पिछले 10 सालों में सबके हाथों में नौकरियां होती। जलेबी बनाने से नौकरियां नहीं बनती हैं। नौकरी बनाने के लिए आपको अर्थव्यवस्था, आर्थिक संकट, कहां नौकरियां बन सकती हैं, कैसे बन सकती हैं वो समझना पड़ेगा।”
यह कुर्सी बचाओ बजट- कांग्रेस प्रवक्ता
सुप्रिया ने आगे कहा, “मैं बजट पर अपनी राय रखना चाहूंगी कि यह कुर्सी बचाओ बजट है, इसमें तमाम अन्य राज्यों की अनदेखी की गयी है। मैं खुश हूं बिहार और आंध्र प्रदेश को ज्यादा दिया गया है। बैसाखियां बवाल मचा रही थीं उनको देना जरूरी था, इस पर मैं खुश हूं। मैं चाहती हूं कि जिन 20 पुलों ने समाधि ले ली बिहार में अब और पुल न डूबे, मैं चाहती हूं बिहार में सड़कें बनें। मैं चाहती हूं बिहार और आंध्र प्रदेश का विकास हो पर मैं चाहती हूं कि उसी तल्लीनता से उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, छतीसगढ़ के लिए भी योजनाएं चाह रही थी पर मुझे दिखी नहीं।”

‘पिछले बजट में वित्त मंत्री ने इंप्लॉयमेंट शब्द का इस्तेमाल तीन बार किया’
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, “मैं रोजगार से जुड़े कुछ आंकड़े आपके सामने रखना चाहती हूं। पिछले बजट में वित्त मंत्री ने जॉब एक बार और इंप्लॉयमेंट शब्द का इस्तेमाल तीन बार किया था। यह असल में सरकार समर्थन मूल्य वाला बजट है। यह बात साफ है कि चुनाव में जो इनको 63 सीटों का नुकसान हुआ है वो ये बेरोजगारी के चलते हारे हैं। इसलिए वित्तमंत्री ने इस बार कुल 32 बार इंप्लॉयमेंट और 8 बार जॉब्स कहा है। पिछले बार यह शब्द कुल 4 बार और इस बार 40 बार इस्तेमाल किए गए। मैं खुश हूं कि इनका इस्तेमाल होना चाहिए था।”
मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट
गौरतलब है कि निर्मला सीतारमण ने कल अपना सातवां और मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश किया। उन्होंने कहा, ‘‘इस बजट में हम विशेष रूप से रोजगार, कौशल विकास, एमएसएमई और मध्यम वर्ग पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। कुल 48 लाख करोड़ रुपये के बजट में मुख्य रूप से रोजगार, इंटर्नशिप और कौशल योजनाओं पर जोर दिया गया है। इसका मकसद युवा आबादी के लिए रोजगार के रास्ते खोलना है।
वित्त मंत्री ने कहा कि 4.1 करोड़ युवाओं के लिए रोजगार, कौशल विकास और अन्य अवसर उपलब्ध कराने की योजनाओं और उपायों के लिए पांच साल की अवधि में दो लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा शिक्षा, रोजगार और कौशल के लिए 1.48 लाख करोड़ रुपये का निर्धारण किया गया है।”

छात्रों के लिए इंटर्नशिप प्रोग्राम
रोजगार को बढ़ावा देने के लिए बजट में पहली बार काम करने वाले कर्मचारियों के लिए एक महीने के वेतन का भुगतान और रोजगार के पहले चार वर्षों में उनके सेवानिवृत्ति निधि अंशदान के संबंध में नियोक्ताओं को प्रत्येक अतिरिक्त कर्मचारी के ईपीएफओ योगदान के लिए दो साल के लिए 3,000 रुपये प्रति माह तक का ‘रिम्बर्समेंट’ शामिल हैं। कौशल में सुधार के साथ छात्रों के लिए इंटर्नशिप के लिए एक प्रोग्राम चलाया जाएगा।
कांग्रेस ने बताया मोदी सरकार बचाओ बजट
वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश की तरक्की वाला नहीं बल्कि मोदी सरकार बचाओ बजट पेश किया है। खड़गे ने एक्स पर पोस्ट किया, “कांग्रेस के न्याय के एजेंडे को ठीक तरह से कॉपी भी नहीं कर पाया मोदी सरकार का नकलची बजट। यह देश की तरक्की का बजट नहीं, मोदी सरकार बचाओ बजट है।”
उन्होंने आगे लिखा, “10 साल बाद उन युवाओं के लिए सीमित घोषणाएं हुई हैं, जो सालाना दो करोड़ नौकरियों के जुमले को झेल रहे हैं। किसानों के लिए केवल सतही बातें हुई हैं। डेढ़ गुना एमएसपी और आय दोगुना करना, सब चुनावी धोखेबाजी निकली।”
- बजट पर क्या बोले पीएम मोदी
दूसरी ओर, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि यह बजट भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने में ‘उत्प्रेरक’ का काम करेगा और विकसित भारत की ठोस नींव भी रखेगा। उन्होंने कहा, ‘‘यह बजट देश के गांव, गरीब, किसान को समृद्धि की राह पर ले जाने वाला है। यह नौजवानों को अनगिनत नये अवसर देने वाला बजट है। इस बजट से शिक्षा और कौशल को नयी गति मिलेगी।’’