प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 मई, 2023 को नए संसद भवन का उद्घाटन किया। उसी रोज जब नए संसद भवन में पीएम मोदी का भाषण चल रहा था, तब पहली पंक्ति में बैठे अमित शाह को लगातार उनके कार्यालय से मैसेज आ रहे थे।
गृह मंत्रालय उन्हें मणिपुर की स्थिति और संसद भवन से कुछ ही दूरी पर प्रदर्शनकारी पहलवानों के साथ दिल्ली पुलिस की भिड़ंत की ताजा अपडेट दे रहा था।
प्रदर्शनकारी पहलवान, भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर पुलिस घेरा तोड़ने और संसद तक मार्च करने का प्रयास कर रहे थे। अपने खिलाफ बढ़ते आंदोलन से बेपरवाह बृजभूषण शरण सिंह नए संसद भवन के भीतर बेहद सक्रिय नजर आ रहे थे। वह लगातार लोगों से मिल रहे थे और फोटो खिंचवा रहे थे ताकि उन तस्वीरों को सोशल मीडिया पर पोस्ट कर सकें। कई सांसद उन्हें सामने से आते देख चुपके से साइड हो जा रहे थे।
जाट सांसद बना रहे थे विशेष दूरी
भाजपा के जाट सांसदों ने विशेष रूप से बृजभूषण शरण सिंह से दूरी बना रखी थी। वह सिंह के खिलाफ कार्रवाई करने में अपनी पार्टी की विफलता से स्पष्ट रूप से असहज थे। जाट महापंचायतों ने भाजपा के जाट सांसदों के घरों के बाहर प्रदर्शन शुरू कर दिया है।
बृजभूषण शरण सिंह के साथ फोटो खिंचवाने वाले एक जाट सांसद को चारों तरफ से “गद्दार” कहकर गाली दी गई। फोटो खिंचवाने वाले जाट सांसद ने सफाई दी कि वह सिंह के अभिवादन को स्वीकार कर, केवल विनम्र होने की कोशिश कर रहे थे।
चौहान की चिंता भी दिखी
संसद भवन के उद्घाटन के मौके पर बीजेपी के ‘सबसे सफल मुख्यमंत्री’ योगी आदित्यनाथ और सबसे लंबे समय तक सत्ता में रहे सीएम शिवराज सिंह चौहान बातचीत करते नजर आए। चौहान ने आदित्यनाथ को आश्वासन दिया कि अफवाहों के विपरीत, भाजपा मध्य प्रदेश में जीत हासिल करेगी।
लेकिन मृदुभाषी चौहान इस बात से अवगत हैं कि वह अपने राज्य में एक कठिन स्थिति में हैं। इस साल मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं। शिवराज सिंह चौहान गत 17 वर्षों से प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं। चुनाव के लिए चौहान को राज्य इकाई में सभी गुटों को एकजुट करना है, जिसमें नए भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया भी शामिल हैं। चौहान ओबीसी मतदाताओं के बीच भले ही आगे हों, लेकिन उन्हें अभी भी एससी और एसटी पर जीत हासिल करनी है।
भाजपा खेमे में घबराहट है। इसके विपरीत मध्यप्रदेश कांग्रेस में एक अहंकारी आत्मविश्वास नजर आ रहा है। ऐसा सोमवार को राहुल गांधी की अध्यक्षता में कांग्रेस की मध्यप्रदेश इकाई की बैठक में देखने को मिला।
चुनाव से पहले होने वाले अन्य राज्य स्तरीय पार्टी मीटिंग के विपरीत कांग्रेस की बैठक में सभी नेता मुख्यमंत्री के लिए एक ही नाम पर सहमत दिखे। इस मुद्दे पर कोई मतभेद नहीं दिखा। कांग्रेस के इन-हाउस चुनावी रणनीतिकार सुनील कानुगोलू पहले ही पार्टी की जीत की भविष्यवाणी कर चुके हैं।
नए संसद भवन के उद्घाटन पर विजय और उल्लास का माहौल कुछ नोकझोंक भी हुईं। भाजपा के दो सांसदों ने संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी से पूछा कि इतने लोगों को क्यों आमंत्रित किया गया है। दरअसल, यह खाली जगहों को भरने के लिए था क्योंकि विपक्ष ने कार्यक्रम का बहिष्कार कर दिया था।