Opinion Poll vs Exit Poll Kya Hota Hai: बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद एग्जिट पोल और ओपिनयन पोल एक बार फिर से चर्चा में है। एग्जिट पोल बताते हैं कि देश में किस पार्टी की सरकार बनने की संभावना सबसे ज्यादा है। अब देश में लोग एग्जिट पोल और ओपिनियन पोल को लेकर कंफ्यूज रहते हैं। आइए अब जानते हैं कि एग्जिट पोल और ओपिनियन पोल में क्या अंतर होता है?

क्या है ओपिनियन पोल?

एजेंसियां ओपिनियन पोल चुनाव से पहले कराती हैं और इसमें सभी लोगों को शामिल किया जाता है। चाहे वह वोटर हो या नहीं हो। इसमें लोगों का मूड भांपने की कोशिश की जाती है। इसके तहत हर क्षेत्र में यह जानने की कोशिश की जाती है कि सरकार के लिए जनता की नाराजगी है या फिर वह उसके काम से संतुष्ट है।

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क्या होता है एग्जिट पोल?

एग्जिट पोल की बात करें तो जब भी वोटर पोलिंग बूथ से बाहर निकलता है तो वहां पर अलग-अलग एजेंसियों के लोग मौजूद होते हैं। वह वोटर से राय पूछते हैं कि उसने किस उम्मीदवार और किस मुद्दे पर वोट किया है। एग्जिट पोल के दौरान ही कास्ट वाइज डेटा भी इकट्ठा किए जाते हैं और इसके बाद ही इसका विश्लेषण किया जाता है। यह सब डाटा इकट्ठा करके अंदाजा लगाया जाता है कि जनता का मूड किस ओर है और किस पार्टी को कितनी सीटें मिल सकती हैं।

एग्जिट पोल की सटीकता को लेकर कई बार सवाल उठते हैं। ये हमेशा सही नहीं होते। हालांकि ये यह दिखाते हैं कि देश का मूड कैसा है और किस तरफ रुझान जा रहा है, लेकिन कई बार ये असली नतीजों से काफी अलग होते हैं। पहले भी ऐसा हो चुका है जब एग्जिट पोल सही अनुमान नहीं लगा पाए। इसलिए कहा जा सकता है कि एग्जिट पोल से हमें चुनाव की एक मोटी तस्वीर तो मिलती है, लेकिन असली नतीजे अक्सर कुछ और ही होते हैं।

कब होंगे बिहार विधानसभा चुनाव

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सोमवार को घोषणा की कि बिहार विधानसभा चुनाव दो फेज में होंगे। इनमें 6 नवंबर और 11 नवंबर को वोटिंग होगी, जबकि मतगणना 14 नवंबर को होगी। पूरी चुनाव प्रक्रिया 16 नवंबर तक पूरी हो जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि मतगणना के अंतिम दो चरणों से पहले डाक मतपत्रों की गिनती पूरी करना अनिवार्य है।

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