जातियों को समझे बिना बिहार चुनाव की सियासी तस्वीर का विश्लेषण कभी नहीं किया जा सकता है। विकास के कितने भी दावे हो जाएं, दूसरे मुद्दे कितनी भी सुर्खियां बंटोरे, लेकिन अंत में चुनाव जातियों के इर्द-गिर्द घूमता है, जातियों के नाम पर ही वोट मांगे जाते हैं और जाति ही सबसे बड़ा मुद्दा भी बन जाता है। बिहार में 2023 में जाति सर्वेक्षण हुआ था, उसे हर मायने अप्रत्याशित माना गया। उस सर्वेक्षण के आंकड़े भी हैरान करने वाले थे। अब जब बिहार चुनाव की सरगर्मी बढ़ चुकी है, जाति सर्वेक्षण के जरिए जानने की कोशिश करते हैं, कौन सी पार्टी किस वोटर पर निर्भर है, उस वोटर की राज्य में कितनी भागीदारी है।

बिहार में किस जाति की कितनी संख्या?

बिहार सरकार ने 2023 में जाति सर्वेक्षण किया था। उस सर्वेक्षण से पता चला कि राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और अति पिछड़े वर्ग (ईबीसी) की आबादी 63 फीसदी के करीब है। यहां भी ओबीसी संख्या 27.13 फीसदी रही, वहीं अति पिछड़े वर्ग 36 प्रतिशत उपस्थिति रही। जाति सर्वेक्षण से ही पता चला कि बिहार में 2.97 करोड़ परिवार रहते हैं, यहां भी 94 लाख लोगों की महीने की इनकम 6000 या फिर उससे भी कम है। जातियों के आधार पर बात करें तो दलित आबादी 19.65 फीसदी के करीब है। एसटी कुल आबादी में 1.68 फीसदी हैं। सामान्य वर्ग की आबादी कुल जनसंख्या का 15.2 प्रतिशत है। नीचे दिए गए दो टेबल से समझने की कोशिश करते हैं कि बिहार में किस जाति की कितनी संख्या है। इसके अलावा जानते हैं कि अन्य पिछड़ा वर्ग, अति पिछड़े वर्ग, सामान्य वर्ग के तहत आने वाली जातियों की कितनी उपस्थिति है।

विभिन्न जातियां और समुदाय (बिहार)प्रतिशत जनसंख्या (%)
अत्यधिक पिछड़ी जातियां (EBCs)36.01%
अन्य पिछड़ी जातियां (OBCs)27.12%
अनुसूचित जातियां (SC)19.65%
अनुसूचित जनजातियां (ST)1.68%
बौद्ध, ईसाई, सिख और जैन< 1%
कुल जनसंख्या13.07 करोड़
सोर्स: बिहार जाति सर्वेक्षण 2023
पिछड़ा वर्ग (Backward Classes)
जातिप्रतिशत (%)
यादव14.26
कुशवाहा4.21
कुर्मी2.87
बनिया2.31
अति पिछड़ा वर्ग (Extremely Backward Classes)
जातिप्रतिशत (%)
केवट0.2
किवट0.71
मल्लाह2.6
तेली2.81
नाई1.59
धनुक2.13
गंगोटा0.4
चंद्रवंशी (कहार)1.64
नोनिया1.91
प्रजापति (कुम्हार)1.4
बढ़ई1.45
बिंद0.98
अनुसूचित जातियां (Scheduled Castes)
जातिप्रतिशत (%)
चमार / मोची / रविदास / चमड़कार5.25
दुसाध / धोबी / दरजी5.31
मुसहर3.08
पासी0.98
मेहतर0.19
सामान्य वर्ग (Unreserved)
जातिप्रतिशत (%)
ब्राह्मण3.65
राजपूत3.45
भूमिहार2.87
कायस्थ1.72
सोर्स: बिहार जाति सर्वेक्षण 2023

बिहार में मुस्लिमों की स्थिति

बिहार के जाति सर्वेक्षण में मुसलमानों की आबादी को लेकर भी विस्तृत जानकारी दी गई है। राज्य में मुस्लिमों की जनसंख्या 2.12 करोड़ दर्ज की गई है, दूसरे शब्दों में इसे 17.70 फीसदी कहा जाएगा। बिहार में सीमांचल क्षेत्र में सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी है। यहां भी कटिहार, किशनगंज, अररिया और पूर्णिया में इनकी संख्या 40 फीसदी से ज्यादा है। इसके अलावा मगध, भोजपुर और मध्य बिहार में मुस्लिमों की अनुमानित संख्या 10 फीसदी से कम है।

जाति सर्वेक्षण ने बिहार में मुस्लिमों को तीन वर्ग में बांटा है, यहां अगड़ी जाति, पिछड़ी जाति और अत्यंत पिछड़ी जाति को शामिल किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक पिछड़ी जाति के मुस्लिम सबसे ज्यादा हैं। इसके बाद चार फीसदी के करीब अगड़ी जाति है और बाकी बची पिछड़ी और अत्यंत पिछड़ी जाति में शामिल हैं। नीचे दी गई टेबल से आसानी से समझते हैं कि बिहार में मुसलमानों की कितनी जाति हैं, उनकी क्या संख्या है-

मुस्लिम जाति/वर्गआबादी का प्रतिशत (%)
शेख3.82%
पठान0.75%
सैयद0.23%
अंसारी3.55%
सुरजापुरी1.87%
मदरिया0.07%
नालबंद0.01%
चिक0.04%
कसाई0.10%
डफली0.06%
धुनिया1.43%
नट0.05%
पमरिया0.05%
भटियारा0.02%
भाट0.07%
मेहतर0.05%
सिकलीगर0.01%
रंगरेज0.03%
मुकेरी0.04%
गादेरी0.01%
कुल्हैया0.96%
जाट0.03%
धोबी0.31%
सेखदा0.19%
गद्दी0.04%
लालबेगी0.00%
हलालखोर0.01%
सोर्स: बिहार जाति सर्वेक्षण 2023

बिहार में किस पार्टी का कौन सा वोट?

अब बिहार जाति सर्वेक्षण की सारी जानकारी मिल चुकी है, इस आधार पर जानने की कोशिश करते हैं कि बिहार में कौन सी जाति किस पार्टी के साथ मजबूती से जुड़ी हुई है। बिहार की राजनीति में वर्तमान में कुछ पार्टियां एनडीए के साथ जुड़ी हुई हैं, कुछ पार्टियां महागठबंधन के साथ हैं। नीचे दी गई टेबल से समझते हैं कि कौन सी पार्टी किस वोट बैंक पर निर्भर है और उनकी संख्या कितनी है-

पार्टी का नामवोटरवोटर की संख्या
राष्ट्रीय जनता दल (RJD)यादव, मुस्लिमयादव: 14.26%, मुस्लिम: 17.7%
जनता दल (यूनाइटेड) – JD(U)कुर्मी, कुशवाहा, अन्यंत पिछड़ा वर्ग (EBC)कुर्मी: 2.87%, कुशवाहा: 4.27%, EBC: 36.01%
भारतीय जनता पार्टी (BJP)सामान्य वर्ग, EBCब्राह्मण: 3.65%, राजपूत: 3.45%, भूमिहार: 2.86%
कांग्रेसमुस्लिम, दलित,मुस्लिम: 17.7%, दलित: ~19.65%
बहुजन समाज पार्टी (BSP)दलितदलित: 19.65%
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM)महादलित ( मुसहर, पासी, चमार)महादलित: 5%
लोक जनशक्ति पार्टी (LJP)पासवान, अन्य अत्यंत पिछड़ा वर्ग (EBC)पासवान: 2.5%, EBC: 36%
राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM)कुशवाहा, ओबीसी, अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC)कुशवाहा: 4.27%, OBC: 27.12%
विकासशील इंसान पार्टी (VIP)निषाद, अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC)निषाद: 3.5%, OBC: 27.12%

बिहार के 2020 विधानसभा चुनाव के परिणाम भी बताते हैं कि राज्य में कौन सी पार्टी का कौन सा वोटबैंक है। पिछले विधानसबा चुनाव के बाद लोकनीति सीएसडीएस ने एक विस्तृत सर्वे किया था। उस सर्वे से पता चला कि चुनाव के दौरान कौन सी जाति किस पार्टी को अपना समर्थन दिया।

पिछले चुनाव में किस पार्टी को किस जाति का वोट?

उस चुनाव में ओबीसी समुदाय का 58 फीसदी वोट एनडीए के खाते में गया था, वहां महागठबंधन को यहां सिर्फ 18 फीसदी से संतोष करना पड़ा। अनुसूचित जातियों की बात करें तो एनडीए के खाते में 50 फीसदी वोट गए, वहीं महागठबंधन को 30 फीसदी समर्थन मिला। मुस्लिमों में महागठबंधन को भारी बढ़त रही और 60 फीसदी के करीब उन्हें वोट हासिल हुए। एनडीए ने भी मुस्लिमों के 30 फीसदी वोट हासिल किए। उच्च जातियों में फिर एनडीए का दबदबा देखने को मिला और 70 फीसदी वोट मिले। यहां महागठबंधन का आंकड़ा 20 फीसदी रहा। इन जातियों के खेल की वजह से ही एनडीए ने अपनी सीट शेयरिंग में चिराग पासवान पर खास ध्यान दिया है। उस विश्लेषण को समझने के लिए यहां क्लिक करें