Bhupinder Singh Hooda Haryana Congress: महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने स्टार प्रचारकों की जो सूची जारी की है, उससे हरियाणा की राजनीति में कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। इसमें से एक चर्चा यह है कि महाराष्ट्र चुनाव के लिए स्टार प्रचारकों की सूची में पार्टी नेतृत्व ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को जगह नहीं दी है जबकि सियासी तौर पर उनके विरोधी माने जाने वाले राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला का नाम स्टार प्रचारकों की सूची में है। हुड्डा के बेटे और रोहतक से सांसद दीपेंद्र हुड्डा को भी स्टार प्रचारकों की इस लिस्ट में जगह नहीं दी गई है।
इससे बड़ी बात यह है कि इस सूची को सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा के दस्तख़त के द्वारा जारी किया गया है। हरियाणा कांग्रेस में कुमारी सैलजा और भूपेंद्र सिंह हुड्डा की राजनीतिक लड़ाई किसी से छिपी हुई नहीं है।
हरियाणा में कांग्रेस को जब विधानसभा चुनाव में हार का झटका लगा था तो इसकी वजह हुड्डा और सैलजा गुट की आपसी लड़ाई को ही माना गया था। रणदीप सुरजेवाला भी सैलजा खेमे के साथ ही दिखाई देते हैं।
हरियाणा के विधानसभा चुनाव में मिली हार से कांग्रेस हाईकमान हैरान तो है ही वह राज्य में पार्टी नेताओं के बीच आपकी लड़ाई से भी बेहद नाराज है। विधानसभा चुनाव के नतीजों की समीक्षा के दौरान यह बात खुलकर सामने आई थी कि राहुल गांधी ने पार्टी की हार के लिए नेताओं को फटकार लगाई थी। हरियाणा में विधानसभा चुनाव के दौरान इसे लेकर लड़ाई शुरू हो गई थी कि मुख्यमंत्री कौन बनेगा?
भूपेंद्र सिंह हुड्डा के समर्थक उन्हें मुख्यमंत्री बनते देखना चाहते थे जबकि कुमारी सैलजा कई टीवी चैनलों के साथ इंटरव्यू में इस पद के लिए दावेदारी कर चुकी थीं। बीजेपी की ओर से कांग्रेस के अंदर चल रही इस लड़ाई को खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित तमाम नेताओं ने उठाया था। नतीजा यह हुआ था कि बीजेपी ने इस बेहद कठिन चुनाव को भी जीत लिया था।
प्रचार से दूर रही थीं सैलजा
कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर काफी भरोसा जताया था। 90 सीटों वाले हरियाणा में 72 टिकट भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सिफारिश पर ही दिए गए थे। इससे कुमारी सैलजा के नाराज होने की खबर सामने आई थी और उन्होंने कई दिनों तक प्रचार नहीं किया था।
महाराष्ट्र के स्टार प्रचारकों की सूची आने के बाद हरियाणा की राजनीति में चर्चा इस बात की है कि क्या कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व वाकई भूपेंद्र सिंह हुड्डा से नाराज है? आमतौर पर कांग्रेस के स्टार प्रचारकों की सूची पर कांग्रेस के महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल के हस्ताक्षर होते हैं लेकिन यह सूची कुमारी सैलजा के हस्ताक्षर के जारी की गई है और इसे लेकर भी तमाम तरह की चर्चाएं हो रही हैं।
Maharashtra Polls: राज ठाकरे के लिए करो या मरो का है यह चुनाव, पार्टी को जिंदा रख पाएंगे MNS प्रमुख?
नेता विपक्ष नहीं चुन पा रही कांग्रेस
हरियाणा में कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व के लिए नेता विपक्ष का चयन कर पाना बेहद मुश्किल हो रहा है जबकि चुनाव नतीजों के बाद बीजेपी सरकार बनाने के बाद कामकाज भी शुरू कर चुकी है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कुछ दिन पहले कांग्रेस के 37 में से 32 विधायकों को अपने आवास पर बुलाकर सियासी ताकत का प्रदर्शन किया था।
ऐसा माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव के खराब नतीजों के बाद कांग्रेस नेतृत्व हरियाणा में किसी ऐसे नेता को नेता विपक्ष और प्रदेश अध्यक्ष बनाना चाहता है, जो चुनावी गुटबाजी से पूरी तरह दूर हो। लेकिन हुड्डा ने एक बार फिर इस पद पर पूरे दमखम के साथ दावा ठोक दिया है और दिखाया है कि हरियाणा में कांग्रेस नेतृत्व के लिए उन्हें नजरअंदाज कर पाना बेहद मुश्किल होगा। यही वजह है कि अब तक कांग्रेस हरियाणा में नेता विपक्ष का चयन नहीं कर पाई है।
सैलजा समर्थकों ने खोला था बाप-बेटे के खिलाफ मोर्चा
विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद कुमारी सैलजा के समर्थकों ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और रोहतक से सांसद और उनके बेटे दीपेंद्र हुड्डा के खिलाफ खुलकर बयानबाजी की थी। कई नेताओं ने कहा था कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा गुट के लोगों ने उनके लिए प्रचार नहीं किया। कुमारी सैलजा के समर्थक माने जाने वाले शमशेर सिंह गोगी, परविंदर सिंह परी ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर हमला बोला था जबकि पार्टी की ओबीसी विंग के राष्ट्रीय अध्यक्ष कैप्टन अजय सिंह यादव समेत कई नेताओं ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। अजय यादव के भूपेंद्र सिंह हुड्डा से बेहतर राजनीतिक रिश्ते नहीं हैं।
ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि क्या कांग्रेस नेतृत्व इस बात के लिए तैयार है कि वह हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बिना आगे बढ़ सकता है? क्या कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व इस बात का जोखिम उठाएगा कि हरियाणा में वह भूपेंद्र सिंह हुड्डा के अलावा किसी और नेता को नेता विपक्ष बनाए। क्या वह प्रदेश अध्यक्ष के पद पर किसी ऐसे नेता की नियुक्ति कर पायेगा जो गुटबाजी से दूर हो?
कांग्रेस में बड़े नेता हैं हुड्डा
हरियाणा कांग्रेस में यह साफ नजर आता है कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा पार्टी के सबसे बड़े चेहरे हैं। हुड्डा 2005 से 2014 तक मुख्यमंत्री रहे हैं और लंबे वक्त तक नेता विपक्ष के पद पर भी काम कर चुके हैं। वह कई बार सांसद रहे हैं और उनके बेटे दीपेंद्र सिंह हुड्डा भी 5 बार सांसद बन चुके हैं। राज्य के कई इलाकों में भूपेंद्र सिंह हुड्डा के समर्थकों की अच्छी-खासी संख्या है। ऐसे में पार्टी नेतृत्व के लिए हुड्डा को दरकिनार कर पाना आसान नहीं होगा।