विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होते ही बीजेपी के रणनीतिकार हरियाणा में टिकटों को फाइनल करने के काम में जुटे हुए हैं। इसमें से पार्टी को कुछ जगहों पर तमाम समीकरणों को देखते हुए फैसला लेना है और इसमें उसके पसीने छूट रहे हैं। 

हरियाणा की सियासत में कांग्रेस के सबसे बड़े चेहरे और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ बीजेपी उम्मीदवार खोज रही है। हुड्डा चार बार गढ़ी-सांपला किलोई विधानसभा सीट से चुनाव जीत चुके हैं और इस बार भी उनका इस सीट से चुनाव लड़ना तय है। लेकिन हुड्डा के सामने किसे मैदान में उतारा जाए, बीजेपी इसका फैसला नहीं कर पाई है।

चूंकि हुड्डा हरियाणा के राजनीति के बड़े खिलाड़ी हैं इसलिए निश्चित रूप से गढ़ी-सांपला किलोई हरियाणा की हॉट सीटों में से एक है।

दूसरी ओर बीजेपी अपनी सरकार के मुखिया नायब सिंह सैनी के लिए ‘सेफ’ सीट भी ढूंढ रही है। इस साल मार्च में जब सैनी को मुख्यमंत्री बनाया गया था तो वह करनाल की विधानसभा सीट से उपचुनाव जीत कर हरियाणा की विधानसभा में पहुंचे थे।

Deepender Singh Hooda Vinesh phogat
क्या पहलवानों के यौन शोषण के मुद्दे से बीजेपी को होगा नुकसान? (Source-deepender.s.hooda/FB)

बताना होगा कि हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 1 अक्टूबर को होगा और नतीजे 4 अक्टूबर को आएंगे। हरियाणा में विधानसभा की 90 सीटें हैं।

गढ़ी-सांपला किलोई रोहतक लोकसभा सीट का हिस्सा है और रोहतक लोकसभा क्षेत्र में हुड्डा परिवार का दबदबा है। यहां से भूपेंद्र सिंह हुड्डा, उनके पिता रणबीर सिंह हुड्डा और उनके बेटे दीपेंद्र सिंह हुड्डा कई बार लोकसभा पहुंच चुके हैं।

इस बार के चुनाव में दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने बीजेपी के उम्मीदवार और पूर्व सांसद अरविंद कुमार शर्मा को 3,45,000 वोटों से हराया था।

Rohtak Lok Sabha Election Result: रोहतक से अब तक कौन-कौन पहुंचा संसद

साल कौन बना सांसदकिस दल को मिली जीत
1952रणबीर सिंह हुडाकांग्रेस
1957रणबीर सिंह हुडाकांग्रेस
1962लहरी सिंहभारतीय जन संघ
1967चौधरी रणधीर सिंहकांग्रेस
1971मुख्तियार सिंह मलिकभारतीय जन संघ
1977शेर सिंहजनता पार्टी
1980इंद्रवेश स्वामीजनता पार्टी (सेक्युलर)
1984हरद्वारी लालकांग्रेस
1987 (उपचुनाव)हरद्वारी लाललोकदल
1989 चौधरी देवीलालजनता दल
1991भूपेंद्र सिंह हुड्डाकांग्रेस
1996भूपेंद्र सिंह हुड्डाकांग्रेस
1998भूपेंद्र सिंह हुड्डाकांग्रेस
1999इंद्र सिंहइनेलो
2004भूपेंद्र सिंह हुड्डाकांग्रेस
2005 (उपचुनाव)दीपेंद्र सिंह हुड्डाकांग्रेस
2009 दीपेंद्र सिंह हुड्डाकांग्रेस
2014दीपेंद्र सिंह हुड्डाकांग्रेस
2019डॉ. अरविंद शर्मा बीजेपी
2024भूपेंद्र सिंह हुड्डाकांग्रेस

जाटों के दबदबे वाली है सीट

गढ़ी-सांपला किलोई सीट पर 2 लाख के करीब मतदाता हैं और इनमें से लगभग आधे यानी एक लाख के आसपास जाट जाति के मतदाता हैं और बाकी मतदाता गैर जाट हैं।

पिछले कुछ विधानसभा चुनाव में भूपेंद्र सिंह हुड्डा जितने बड़े अंतर से इस सीट से विधानसभा चुनाव जीते हैं, उसके बाद भाजपा इस बार यहां अपनी रणनीति बदलते हुए किसी गैर जाट चेहरे पर भी दांव लगा सकती है लेकिन ऐसी स्थिति में पार्टी को डर है कि कहीं जाट मतदाता भूपेंद्र सिंह हुड्डा के पक्ष में लामबंद ना हो जाएं क्योंकि हुड्डा हरियाणा की मौजूदा राजनीति में सबसे बड़े जाट चेहरे हैं।

Bhupendra Singh Hooda nayab Singh Saini
चुनाव में होगा जोरदार मुकाबला।(Source-FB)

बीजेपी की ओर से जिन नेताओं का नाम दावेदार के तौर पर सामने आया है, उनमें हरियाणा सरकार के पूर्व मंत्री और कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए कृष्णमूर्ति हुड्डा, पिछला चुनाव लड़े सतीश नांदल के बेटे संचित नांदल, हरियाणा कुश्ती संघ के अध्यक्ष रमेश बोहर का नाम भी शामिल है।

साढ़े चार साल तक बीजेपी के साथ मिलकर हरियाणा में सरकार चलाने वाली जननायक जनता पार्टी, इंडियन नेशनल लोकदल और आम आदमी पार्टी भी यहां से अपनी उम्मीदवारों के नाम को अंतिम रूप देने में जुटी हैं।

गढ़ी-सांपला किलोई में पिछले पांच विधानसभा चुनाव के नतीजे

विधानसभा चुनाव कौन जीताविजेता राजनीतिक दल
2000भूपेंद्र सिंह हुड्डाकांग्रेस
2005कृष्ण हुड्डाकांग्रेस
2009भूपेंद्र सिंह हुड्डाकांग्रेस
2014भूपेंद्र सिंह हुड्डाकांग्रेस
2019भूपेंद्र सिंह हुड्डाकांग्रेस

हुड्डा के अलावा किसी ने नहीं किया आवेदन

हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों के लिए कांग्रेस को ढाई हजार से ज्यादा आवेदन मिले हैं। एक-एक सीट पर बड़ी संख्या में लोगों ने टिकट के लिए आवेदन किया है लेकिन गढ़ी-सांपला किलोई एकमात्र ऐसी सीट है जहां से सिर्फ भूपेंद्र सिंह हुड्डा ही दावेदार हैं।

बीजेपी की कोशिश भूपेंद्र सिंह हुड्डा को इस विधानसभा हलके तक ही रोकने की है इसलिए वह यहां से किसी मजबूत उम्मीदवार को उतारने की रणनीति पर काम कर रही है।

हरियाणा में पांच सितंबर से नामांकन शुरू होने हैं। ऐसे में जहां इस सीट से कांग्रेस की ओर से भूपेंद्र सिंह हुड्डा का नाम तय है वहीं भाजपा अब तक इसी उधेड़बुन में है कि वह यहां से किसे उम्मीदवार बनाए। ।

इसके अलावा मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी इस बार किस विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतरेंगे, इसके लिए भी बीजेपी लगातार मंथन कर रही है। बीजेपी चाहती है कि नायब सिंह सैनी को ऐसी सीट से चुनाव लड़ाया जाए, जहां से वह आसानी से विधानसभा का चुनाव जीत सकें और अन्य सीटों पर भी पार्टी के लिए चुनाव प्रचार कर सकें।

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हरियाणा का विधानसभा चुनाव जीत पाएगी बीजेपी?(Source-FB)

इन तीन में से किसी एक सीट से चुनाव लड़ सकते हैं सैनी

मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के लिए तीन विधानसभा सीटें रखी गई हैं। यह सीटें लाडवा, करनाल और नारायणगढ़ हैं। सैनी ने जब इस साल मार्च में मुख्यमंत्री बनने के बाद करनाल विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था तो उन्हें 41000 वोटों से जीत मिली थी।

बीजेपी के लिए हरियाणा के विधानसभा चुनाव में इस बार लड़ाई ज्यादा मुश्किल है क्योंकि लोकसभा चुनाव के नतीजे से साफ है कि कांग्रेस ने राज्य में दमदार तरीके से वापसी की है और इन नतीजों से उत्साहित होकर वह विधानसभा चुनाव पूरी ताकत से लड़ रही है।

लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी को हुआ नुकसान

राजनीतिक दलविधानसभा चुनाव 2014 में मिली सीट लोकसभा चुनाव 2014 में मिली सीट विधानसभा चुनाव 2019 में मिली सीटलोकसभा चुनाव 2019 में मिली सीट लोकसभा चुनाव 2024 में मिली सीट
कांग्रेस 15131 05
बीजेपी 47740105

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का वोट शेयर बढ़ा, बीजेपी का घटा

राजनीतिक दललोकसभा चुनाव 2019 में मिले वोट (प्रतिशत में)लोकसभा चुनाव 2024 में मिले वोट (प्रतिशत में)
कांग्रेस 28.51 43.67
बीजेपी 58.2146.11 

बीजेपी में तेज रफ्तार से आगे बढ़े सैनी

नायब सिंह सैनी ने बीजेपी में पिछले कुछ सालों में ही तेज रफ्तार के साथ सफर तय किया है। 2014 में वह पहली बार नारायणगढ़ की सीट से विधायक बने और 2019 में पार्टी ने उन्हें कुरुक्षेत्र से लोकसभा का टिकट दे दिया। सैनी ने तब लोकसभा का चुनाव जीता था और अक्टूबर, 2023 में पार्टी ने उन्हें हरियाणा बीजेपी के अध्यक्ष जैसी बड़ी जिम्मेदारी दी थी। इसके 6 महीने बाद ही पार्टी ने सैनी को हरियाणा का मुख्यमंत्री बना दिया।

पिछले कुछ महीनों में सीएम सैनी ने किसानों से लेकर अग्निवीर योजना के जवानों के लिए तमाम बड़े ऐलान किए हैं। इसके साथ उन्होंने प्रदेश में अति पिछड़ा वर्ग से लेकर अन्य जाति-समुदायों के लोगों को भी साधने की कोशिश की है।

बीजेपी को उम्मीद है कि नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाने की वजह से उसे अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, पंचकूला, करनाल में पड़ने वाली सीटों पर फायदा मिलेगा।

देखना होगा कि बीजेपी अपने ओबीसी चेहरे सैनी को किस विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारती है।