नवंबर में पांच राज्यों (छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम) में विधानसभा चुनाव हैं। इस बीच PLFS (Periodic Labour Force Survey) की वार्षिक रिपोर्ट रिलीज की गई है। PLFS 2022-2023 की रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में बेरोजगारी दर घटी है।
रिपोर्ट के मुताबिक, 15-29 आयु वर्ग के युवाओं के बीच 2021-22 में बेरोजगारी दर 12.4 प्रतिशत थी, जो 2022-23 में घटकर 10 प्रतिशत हो गई। हालांकि पांच चुनावी राज्यों में से तीन में युवाओं के बीच बेरोजगारी दर राष्ट्रीय औसत से ज्यादा है।
राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में यूथ अनइंप्लॉट रेट राष्ट्रीय औसत से ज्यादा
छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में यूथ अनइंप्लॉट रेट क्रमश: 7.1 प्रतिशत और 4.4 प्रतिशत है। वहीं राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में क्रमश: 12.5 प्रतिशत, 15.1 प्रतिशत और 11.9 प्रतिशत है।
तेलंगाना और मिजोरम में युवा महिलाओं के बीच बेरोजगारी और भी अधिक है। तेलंगाना की युवा महिलाओं में अनइंप्लॉट रेट 16.2 प्रतिशत और मिजोरम में 16.4 प्रतिशत है। वहीं छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में ये आंकड़े क्रमश: 6.1 प्रतिशत और 3.9 प्रतिशत है।

शहरी क्षेत्र में यूथ अनइंप्लॉट रेट का हाल
हालिया पीएलएफएस बुलेटिन के अनुसार, शहरी क्षेत्रों में अप्रैल-जून 2023 में युवाओं के बीच बेरोजगारी दर 17.6 प्रतिशत थी। जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह आंकड़ा 18.9 प्रतिशत था। इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 15 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में शहरी क्षेत्रों में युवा बेरोजगारी दर राष्ट्रीय औसत 17.6 प्रतिशत से अधिक दर्ज की गई थी।
चुनावी राज्यों की बात करें तो छत्तीसगढ़ के शहरी क्षेत्र में युवा बेरोजगारी दर 29.8 प्रतिशत, राजस्थान में 28.3 प्रतिशत, तेलंगाना में 27.8 प्रतिशत और मध्य प्रदेश में 19.4 प्रतिशत था।

शहरी क्षेत्रों में कुल बेरोजगारी दर 6.6 प्रतिशत तक गिर गई, जो 2018 में पीएलएफएस बुलेटिन के लॉन्च के बाद से सबसे निचला स्तर है। हालांकि लगभग 14 राज्यों में राष्ट्रीय औसत से अधिक शहरी बेरोजगारी दर दर्ज की गई।

राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर राष्ट्रीय औसत से ज्यादा
शहरी क्षेत्रों में जिन राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में राष्ट्रीय औसत से अधिक बेरोजगारी दर दर्ज की गई उनमें हिमाचल प्रदेश (13.8 प्रतिशत), राजस्थान (11.7 प्रतिशत), छत्तीसगढ़ (11.2 प्रतिशत), जम्मू और कश्मीर (10.9 प्रतिशत) और केरल ( 10 प्रतिशत)।