हाल के विधानसभा चुनावों में भाजपा ने दलित समुदाय के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित सीटों पर बेहतर प्रदर्शन किया है। मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के दलित समुदाय के लिए रिजर्व कुल 98 सीटों में से 57 पर भाजपा को जीत मिली है। वहीं कांग्रेस 40 सीटें जीतने में सफल रही है। पिछले विधानसभा चुनाव (2018) में भाजपा को इन 98 में से 32 और कांग्रेस को 45 सीटों पर जीत मिली थी।
पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में तेलंगाना एकमात्र ऐसा राज्य रहा जो कांग्रेस की झोली में गिरा। तेलंगाना में कांग्रेस ने SC सीटों पर मजबूत प्रदर्शन किया है। बहुजन समाज पार्टी का मुख्य जनाधार दलित समुदाय के बीच है, लेकिन पार्टी को चारों में से किसी राज्य में दलितों के लिए आरक्षित सीट पर जीत नहीं मिली है। बसपा को छत्तीसगढ़ में 2.5%, मध्य प्रदेश में 3.40%, राजस्थान में 1.82% और तेलंगाना में 1.37% वोट मिला। आंकड़ों से स्पष्ट है कि बसपा को किसी राज्य में 4% वोट भी नहीं मिला है।
छत्तीसगढ़: भाजपा दोगुना SC सीट जीतने में कामयाब
छत्तीसगढ़ की 10 एससी सीटों में से कांग्रेस छह जीतने में कामयाब हुई है। पिछले चुनाव में यह संख्या सात थी। दूसरी तरफ भाजपा ने पिछले चुनाव की तुलना में दोगुना ज्यादा सीटों पर जीत दर्ज की है। 2018 के छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों में भाजपा दो एससी सीट पर जीती थी, इस बार चार सीटों पर परचम फहराने में सफल हुई है।
कांग्रेस ने छह एससी सीटों में से प्रत्येक सीट पर औसतन 23,000 से अधिक वोटों के अंतर से जीत हासिल की। भाजपा की जीत प्रत्येक सीट पर 17,000 से अधिक वोटों के छोटे औसत अंतर से हुई। एससी सीट पर सबसे अधिक वोट शेयर सरायपाली में कांग्रेस उम्मीदवार (59.6%) को मिला है।
छत्तीसगढ़ में कुल एससी रिजर्व सीट- 10
पार्टी | 2008 | 2013 | 2018 | 2023 |
भाजपा | 5 | 9 | 2 | 4 |
कांग्रेस | 4 | 1 | 7 | 6 |
बसपा | 1 | 0 | 1 | 0 |
अन्य | 0 | 0 | 1 | 0 |
छत्तीसगढ़ के SC रिजर्व सीटों पर कुल जितने वोट पड़े हैं, उसका 42.0 प्रतिशत भाजपा को और 45.9 प्रतिशत कांग्रेस को मिला है। SC सीटों पर भाजपा का वोट प्रतिशत 12 प्रतिशत बढ़ा है और कांग्रेस का 0.8 प्रतिशत बढ़ा है।
मध्य प्रदेश: कांग्रेस की एससी रिजर्व सीट हुई लगभग आधी
मध्य प्रदेश की 35 एससी सीटों में से भाजपा को 26 और कांग्रेस को नौ पर जीत मिली है। 2018 में भाजपा को 18 और कांग्रेस को 17 सीटों पर जीत मिली थी। भाजपा ने अपनी 26 सीटों पर आराम से जीत हासिल की है। उसने 20 सीटों पर 50% से अधिक वोट शेयर हासिल किया है। 22 सीटों पर 10,000 से अधिक वोटों के अंतर से जीती है।
एससी सीटों पर भाजपा का सबसे हाई वोट शेयर गुना (66.6%) में देखने को मिला। आलोट वह एससी सीट साबित हुई जहां भाजपा को सबसे ज्यादा अंतर (68,884) से जीत मिली। भाजपा ज्यादातर एससी रिजर्व सीटों पर 30,000 वोटों के अंतर से जीती है।
कांग्रेस सिर्फ नौ एससी सीट ही जीत पाई। प्रत्येक सीट पर जीत का औसत अंतर 11,000 वोटों से थोड़ा अधिक था। गोहद में कांग्रेस विजेता को भाजपा उपविजेता से केवल 607 वोट ज्यादा मिले। नौ में से चार सीटें ऐसी रहीं, जिस पर जीत का अंतर 5,000 वोटों से कम था।
मध्य प्रदेश में कुल एससी रिजर्व सीट- 35
पार्टी | 2008 | 2013 | 2018 | 2023 |
भाजपा | 25 | 28 | 18 | 26 |
कांग्रेस | 9 | 4 | 17 | 9 |
बसपा | 0 | 3 | 0 | 0 |
अन्य | 1 | 0 | 0 | 0 |
मध्य प्रदेश के SC रिजर्व सीटों पर कुल जितने वोट पड़े हैं, उसका 51.0 प्रतिशत भाजपा को और 40.2 प्रतिशत कांग्रेस को मिला है। SC सीटों पर भाजपा का वोट प्रतिशत 9.1 प्रतिशत बढ़ा है और कांग्रेस का 2.3 प्रतिशत घटा है।
राजस्थान: कम अंतर से ही सही लेकिन ज्यादा सीट जीतने में कामयाब हुई भाजपा
राजस्थान की 34 एससी रिजर्व सीटों में से 22 पर भाजपा और 11 पर कांग्रेस को जीत मिली है। 2018 में भाजपा को 12 और कांग्रेस को 19 सीटों पर जीत मिली थी। इस बार एक एससी सीट बयाना से निर्दलीय चुनाव लड़ने वाली भाजपा की बागी रितु बनावत के हिस्से गई है।
छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश की तुलना में राजस्थान में भाजपा की जीत बहुत बड़ी नहीं है। राजस्थान में एससी सीटों पर भाजपा के औसत जीत का अंतर 20,000 वोटों से थोड़ा कम रहा है। जबकि कांग्रेस औसतन 24,000 वोटों से जीती है।
कठूमर में सबसे कड़ा मुकाबला देखने को मिला, जहां मात्र 409 वोटों के अंतर से जीत-हार तय हुई। भाजपा उम्मीदवार को जीत और कांग्रेस उम्मीदवार को हार मिली। जीत का सबसे बड़ा अंतर शाहपुरा में देखने को मिला, वहां भाजपा ने 59,298 वोटों के अंतर से दर्ज की है। जहां बीजेपी ने 10,000 से कम वोटों से 6 सीटें जीतीं, वहीं कांग्रेस ने कम अंतर से सिर्फ 2 सीटें जीतीं है।
राजस्थान में कुल एससी रिजर्व सीट- 34
पार्टी | 2008 | 2013 | 2018 | 2023 |
भाजपा | 14 | 32 | 12 | 22 |
कांग्रेस | 18 | 0 | 19 | 11 |
अन्य | 2 | 2 | 3 | 1 |
राजस्थान के SC रिजर्व सीटों पर कुल जितने वोट पड़े हैं, उसका 43.5 प्रतिशत भाजपा को और 41.3 प्रतिशत कांग्रेस को मिला है। SC सीटों पर भाजपा का वोट प्रतिशत 4 प्रतिशत बढ़ा है और कांग्रेस का 0.2 प्रतिशत बढ़ा है।
तेलंगाना: पांच साल में छह गुना अधिक सीट जीत गई कांग्रेस
तेलंगाना में कांग्रेस की जीत हुई है। अच्छे प्रदर्शन का प्रभाव एससी रिजर्व सीटों पर भी देखने को मिला है। दलित उम्मीदवारों के लिए आरक्षित राज्य की 19 सीटों में से कांग्रेस 14 जीतने में कामयाब हुई है। पिछले चुनाव में कांग्रेस मात्र दो सीटें ही जीत पाई थी। 2018 में सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (BRS) की झोली में 16 सीटें गई थीं, जो इस बार घटकर पांच हो गई हैं।
अपनी 14 सीटों में से कांग्रेस ने प्रत्येक में औसतन 32,000 से अधिक वोटों के अंतर से जीत हासिल की। इसके विपरीत, BRS केवल 14,000 से कम का औसत मार्जिन रख पाई है। चेवेल्ला में तो BRS उम्मीदवार ने 268 वोटों के अंतर से कांग्रेस कैंडिडेट को हरा दिया। कांग्रेस ने 10,000 से भी कम वोटों से सिर्फ एक सीट जीती है।
तेलंगाना में कुल एससी रिजर्व सीट- 19
पार्टी | 2009 | 2014 | 2018 | 2023 |
BRS | 2 | 13 | 16 | 5 |
कांग्रेस | 10 | 4 | 2 | 14 |
‘टीडीपी | 6 | 2 | 1 | 0 |
लेफ्ट | 1 | 0 | 0 | 0 |
तेलंगाना के SC रिजर्व सीटों पर कुल जितने वोट पड़े हैं, उसका 48.9 प्रतिशत कांग्रेस को और 39.0 प्रतिशत BRS को मिला है। SC सीटों पर कांग्रेस का वोट प्रतिशत 17.6 प्रतिशत बढ़ा है और BRS का 10.7 प्रतिशत घटा है।