जनता से जुड़े मुद्दों पर बीजेपी को एक बार फिर अपनों ने ही घेरा है। अनुप्रिया पटेल ने जहां यूपी के सीएम योगी आदित्य नाथ को लपेटा है, वहीं नितिन गडकरी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन को चिट्ठी लिख कर जीवन बीमा व मेडिकल बीमा पॉलिसी पर 18 फीसदी जीएसटी नहीं वसूलने की मांग की है।
केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को लिखे पत्र में नागपुर डिवीजन जीवन बीमा निगम कर्मचारी संघ की चिंता को सामने रखा है। कर्मचारी संघ की ओर से गडकरी को एक ज्ञापन सौंपा गया था। गडकरी नागपुर से ही सांसद हैं।
गडकरी को सौंपे ज्ञापन में संघ की ओर से जीवन और चिकित्सा बीमा प्रीमियम पर लगाई गई जीएसटी को वापस लेने की मांग की गई थी। इस पर 18% जीएसटी है। गडकरी ने पत्र में लिखा है कि जीवन बीमा प्रीमियम पर जीएसटी लगाना जीवन की अनिश्चितताओं पर कर लगाने जैसा है।
अनुप्रिया का वार
बीजेपी को असहज करने वाले एक अन्य घटनाक्रम में एनडीए के सहयोगी दल अपना दल (सोनेलाल) की राष्ट्रीय अध्यक्ष और मोदी सरकार में मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हुए नुकसान का एक कारण 69 हजार शिक्षकों की भर्ती को लेकर आरक्षण के मसले पर योगी सरकार के द्वारा त्वरित कार्रवाई न करना भी रहा है। अनुप्रिया ने एक इंटरव्यू में यह बात कही है।
बताना होगा कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी और एनडीए गठबंधन को जबरदस्त नुकसान हुआ है।
यहां याद दिलाना होगा कि पिछले महीने ही अनुप्रिया पटेल ने एससी, एसटी और ओबीसी के अभ्यर्थियों को सरकारी नौकरी नहीं मिलने का मुद्दा उठाया था। इसके बाद उन्होंने 69 हजार शिक्षकों की भर्ती का मुद्दा उठाते हुए कहा था कि यह अभी तक नहीं सुलझा है। उन्होंने कहा था कि वह पिछड़े-दलितों के मुद्दे पर चुप नहीं बैठेंगी। तीखे तेवर दिखाते हुए उन्होंने योगी सरकार को घेरने की कोशिश की थी।
| राजनीतिक दल | 2024 में मिली सीटें | 2019 में मिली सीटें |
| बीजेपी | 33 | 62 |
| सपा | 37 | 5 |
| कांग्रेस | 6 | 1 |
| बीएसपी | 0 | 10 |
| रालोद | 2 | – |
| अपना दल (एस) | 1 | 2 |
| आजाद समाज पार्टी(कांशीराम) | 1 | – |
अनुप्रिया पटेल ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में कहा है कि 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने 69000 शिक्षक भर्ती मसले को केंद्रीय नेतृत्व के सामने उठाया था और तब केंद्रीय नेतृत्व के दखल के बाद एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग के लिए 6800 सीटों की बढ़ोतरी की गई थी। लेकिन उसके बाद यह मामला अदालत में फंस गया था।

योगी सरकार नहीं दिखी गंभीर
अनुप्रिया ने आगे कहा कि 2022 के विधानसभा चुनाव के बाद राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार ने इस मसले को हल करने के लिए बहुत गंभीरता से काम नहीं किया जबकि यह सरकार की जिम्मेदारी थी कि उसे इस मसले को हल करना चाहिए था।
उन्होंने कहा कि इस मामले में पिछले 2 साल से लगातार आंदोलन चल रहा था और राज्य सरकार इस मसले को सुलझाने के लिए गंभीर कदम नहीं उठा रही थी। इसकी वजह से लोग परेशान थे और इस दौरान कुछ विपक्षी राजनीतिक दल आए और उन्होंने लोगों के बीच ऐसा डर का माहौल बनाना शुरू कर दिया कि अगर एनडीए गठबंधन और नरेंद्र मोदी सत्ता में आते हैं तो फिर वह क्या करेंगे और लोगों ने इस बात पर भरोसा कर लिया और इस वजह से चीजें गलत दिशा में चली गईं और इसका असर लोकसभा चुनाव के नतीजे में देखने को मिला।
अनुप्रिया ने कहा कि उन्होंने अब जब फिर से इन मुद्दों को उठाया है तो उन्हें इस बात का भरोसा दिया गया है कि इन मुद्दों का समाधान किया जाएगा। अनुप्रिया ने कहा जब चीजें लंबे वक्त तक खिंच जाती हैं तो इसका असर जरूर होता है।

लोकसभा चुनाव में एनडीए को हुआ नुकसान
इस सवाल के जवाब में कि उन्हें पत्र क्यों लिखना पड़ा, अनुप्रिया पटेल ने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव के खराब नतीजे के बाद उन्होंने इस बात को खुलकर सामने रखा कि लंबे समय से हम सरकार के सामने अपनी मांग को उठा रहे हैं और आपको अब इस पर संज्ञान लेना होगा क्योंकि विपक्ष ने चुनाव में इसका फायदा उठाया है और लोकसभा चुनाव में एनडीए को इसका नुकसान हुआ है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वह समाज के कमजोर वर्गों के लिए हमेशा खड़ी हैं और अगर चीजें सही दिशा में नहीं होंगी तो वह चुप नहीं रह सकतीं और उन्हें कमजोर वर्गों की आवाज उठानी होगी।
यूपी में सात केंद्रीय मंत्री हारे थे चुनाव
| लोकसभा सीट | हारे हुए पूर्व मंत्री का नाम | हार का अंतर |
| अमेठी | स्मृति ईरानी | 1.67 लाख |
| चंदौली | महेंद्र नाथ पांडे | 21,565 |
| मुजफ्फरनगर | संजीव बालियान | 24,672 |
| लखीमपुर खीरी | अजय मिश्रा टेनी | 34,329 |
| फतेहपुर | साध्वी निरंजन ज्योति | 33,199 |
| जालौन (एससी) | भानु प्रताप सिंह वर्मा | 53,898 |
| मोहनलालगंज (एससी) | कौशल किशोर | 70,292 |
संविधान को लेकर चलाए गए नैरेटिव से हुआ नुकसान
अनुप्रिया पटेल ने हाल ही में कहा था कि उन्हें उत्तर प्रदेश में बीजेपी के खराब प्रदर्शन का एहसास हो गया था और उन्होंने इस संबंध में बीजेपी नेतृत्व तक अपनी बात पहुंचाई भी थी लेकिन पार्टी नहीं समझ पाई कि इस मामले में कितना बड़ा अंडरकरंट चल रहा है। उन्होंने कहा था कि लोकसभा चुनाव के दौरान विपक्षी पार्टियों ने संविधान को लेकर फर्जी नैरेटिव चलाया कि अगर एनडीए गठबंधन को 400 से ज्यादा सीटें मिलती हैं तो उसकी अगुवाई वाली सरकार संविधान को बदल देगी और आरक्षण भी खत्म कर देगी।
अनुप्रिया पटेल के पति आशीष पटेल योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री हैं।

योगी-मौर्य में तनातनी की खबरें
उत्तर प्रदेश में बीजेपी के दो दिगग्जों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के बीच तनातनी की खबरें इन दिनों मीडिया की सुर्खियां बटोर रही हैं। केशव प्रसाद मौर्य के द्वारा यह कहे जाने के बाद कि संगठन बड़ा था, बड़ा है और बड़ा रहेगा, उत्तर प्रदेश भाजपा में कहा जा रहा है कि इन दोनों बड़े नेताओं के बीच कुछ भी ठीक नहीं है।
मौर्य ने हाल ही में फिर से इस बात को जोर-शोर से कहा कि सरकार के दम पर चुनाव नहीं जीता जाता, पार्टी ही चुनाव लड़ती है और पार्टी ही चुनाव जीतती है।
उत्तर प्रदेश के चुनाव नतीजे के बाद इस तरह की खबर मीडिया में आई थी कि यूपी में टिकट बंटवारे के दौरान योगी आदित्यनाथ की राय को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया गया था।
कुछ दिन पहले योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री संजय निषाद ने भी योगी आदित्यनाथ सरकार की बुलडोजर नीति को लेकर सवाल उठाए थे। बीजेपी को इस बार लोकसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत नहीं मिला है और अभी जब सरकार बने 2 महीने भी पूरे नहीं हुए हैं तो सहयोगी दलों के द्वारा आ रहे लगातार बयानों को देखते हुए यह सवाल उठ रहा है कि क्या सहयोगी दल बीजेपी पर दबाव बनाने की राजनीति कर रहे हैं?
