अर्जुन सेनगुप्ता
ग्रीक की पौराणिक कथाओं के एक चरित्र का नाम प्रोमेथियस है। कथा के मुताबिक, प्रोमेथियस ने ओलंपियन देवताओं से आग चुराकर मानवता को दे दिया था। प्रोमेथियस की इस चोरी ने मनुष्यों को सभ्यता फैलाने के साधनों से लैस किया था। इस अपराध के लिए ओलंपियनों के राजा ज़ीउस ने प्रोमेथियस को अनंत काल तक पीड़ा में रहने का श्राप दे दिया था।
पश्चिमी परंपरा में ऐसा माना जाता है कि प्रोमेथियस ने उस ज्ञान की खोज में मनुष्यों का प्रतिनिधित्व किया, जिसके साथ हमेशा त्रासदी जुड़ी होती है। शायद यही सोचकर काई बर्ड और मार्टिन जे शेर्विन ने वैज्ञानिक जे रॉबर्ट ओपेनहाइमर (1904-1967) की जीवनी का शीर्षक ‘अमेरिकन प्रोमेथियस’ (American Prometheus) रखा।
जीवनी को मिल चुका है पुलित्जर पुरस्कार
यह ओपेनहाइमर के जीवन की त्रासदी के साथ-साथ उनकी उपलब्धियों के महत्व को भी दर्शाता है। यह एक ऐसी जीवनी है जिसे सावधानीपूर्वक विस्तृत और भावनात्मक रूप से आकर्षक बनाया गया है। ‘अमेरिकन प्रोमेथियस’ को ओपेनहाइमर के स्वयं के लेखन, एफबीआई के वर्षों के सर्विलांस रिकॉर्ड और उनके कुछ करीबी दोस्तों और साथियों के साक्षात्कार के आधार पर तैयार किया गया है।
ओपेनहाइमर की इस जीवनी को पूरा करने में काई बर्ड और मार्टिन जे शेर्विन को 25 वर्ष लग गए थे। साल 2006 में ‘अमेरिकन प्रोमेथियस’ ने जीवनी की श्रेणी में प्रतिष्ठित पुलित्जर पुरस्कार जीता था। इसी जीवनी को आधार बनाकर हॉलीवुड के मशहूर निर्देशक क्रिस्टोफर नोलन ने अपनी हालिया फिल्म ‘ओपेनहाइमर’ बनाई है, जो 21 जुलाई, 2023 को दुनिया भर में रिलीज हुई थी।
जीवनी में क्या-क्या है?
इस जीवनी में ‘परमाणु बम के जनक’ कहे जाने वाले ओपेनहाइमर की जिंदगी के विभिन्न पहलुओं को चित्रित किया गया है। बताया गया है कि कैसे उनके अपने ही देश के पॉलिटिकल स्टैबलिस्टमेंट ने उन्हें बहिष्कृत कर दिया था।
किताब में कहा गया है, “वह अमेरिका के प्रोमेथियस हैं… एक अत्यंत मानवीय व्यक्तित्व, जितने प्रतिभाशाली, उतने ही जटिल और भोले-भाले। पूरी ताकत से सामाजिक न्याय की वकालत करने वाला एक ऐसा सरकारी सलाहकार, जिसे शक्तिशाली नौकरशाह अपना दुश्मन समझने लगे।” अमेरिकी प्रोमेथियस, ओपेनहाइमर और उनके समय की कहानी बताने के लिए कई स्तरों पर काम करता है। जीवनी कालक्रमानुसार बताती है कि कैसे धीरे-धीरे ओपेनहाइमर के जटिल व्यक्तित्व का निर्माण होता है। ऐसा करते हुए, यह जीवनी उनके सबसे सार्वजनिक और प्रसिद्ध पहलुओं की बेहतर व्याख्या करने की कोशिश करती है।
उदाहरण के लिए, यह पुस्तक ओपेनहाइमर की विशेषाधिकार प्राप्त और प्रोटेक्टेड अपब्रिंगिंग में साम्यवाद के प्रति उनकी सहानुभूति को दर्शाती है। एक करीबी दोस्त के हवाले से बताया गया है कि कैसे वह अपनी निजी संपत्ति की वजह से खुद को दोषी महसूस करते थे।
यह ओपेनहाइमर की विचित्रताओं और विलक्षणताओं, क्रोध और निराशाओं, आशावाद और भय, और शायद सबसे महत्वपूर्ण बात, उनकी जटिल विचार प्रक्रियाओं और अक्सर परस्पर विरोधी नैतिक दिशा-निर्देश का भी वर्णन करता है।